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बिहार के मंत्री का बयान- जमातियों और अप्रवासियों ने फैलाया राज्य में कोरोना संक्रमण - jamati spread corona infection in Bihar

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव का कहना है लगातार रेड जोन की संख्या बढ़ रही है जो चिंताजनक है. बिहार में आए बड़ी संख्या में अप्रवासी मजदूर और जमाती ने कोरोना संक्रमण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. जानें विस्तार से...

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नंदकिशोर यादव
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Published : Apr 29, 2020, 4:27 PM IST

पटना : बिहार में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. मुंगेर, नालंदा, पटना, बक्सर, सिवान और रोहतास जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. इस मामले पर बीजेपी के वरीय नेता और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव का कहना है लगातार रेड जोन की संख्या बढ़ रही है जो चिंताजनक है. बिहार में आए बड़ी संख्या में अप्रवासी मजदूर और जमाती ने कोरोना संक्रमण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार लॉकडाउन को लेकर लगातार समीक्षा कर रही है. लेकिन जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एक बार लॉक डाउन समाप्त होना संभव नहीं दिख रहा है.

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव का साक्षात्कार

'लॉक डाउन में पूरी छूट मिलना संभव नहीं'
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि बिहार में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ना चिंताजनक है. रेड जोन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रहें हैं. ऐसे में 3 मई को लॉक डाउन एक बार में समाप्त करना संभव नहीं दिख रहा है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर लगातार समीक्षा कर रही है. लागू लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट मिलना तय है. उन्होंने बताया कि बिहार में जमाती और अप्रवासी मजदूरों ने संक्रमण फैला दिया है. हालांकि अब बड़े पैमाने पर जांच भी हो रही है. इस वजह से भी मरीजों की संख्या अधिक दिख रहा है. लेकिन एक अच्छी बात है कि बिहार में कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हो रही है. जिन 2 लोगों की मौत हुई है. उसमें भी देखे तो एक मरीज का दोनों किडनी फेल था. तो वहीं दूसरे को ब्रेन ट्यूमर था. इसलिए मौत के मामले में बिहार को राहत है.

कोटा में फंसे छात्रों पर बोलने से किया मना
अप्रवासी मजदूरों और कोटा सहित दूसरे राज्यों में में पढ़ रहे छात्रों को वापस लाने के सवाल पर लेकर नंदकिशोर यादव ने बोलने से मना कर दिया. दोनों मामलों में नीतीश सरकार की किरकिरी हो रही है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा था कि लॉक डाउन के नियम में संशोधन करने पर ही दूसरे राज्यों से छात्र और अन्य लोगों को बुलाना संभव हो सकेगा. इधर विपक्ष सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है. वहीं, बीजेपी के कई नेता भी इस मामले पर बढ़-चढ़ कर बयान दे रहे हैं. एक तरफ बिहार में अप्रवासी मजदूरों और छात्रों को लेकर सियासत तेज है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से बिहार सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई है. इस वजह से सहयोगी दल के मंत्री भी अब कोई बयान देने से बच रहे हैं.

पटना : बिहार में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. मुंगेर, नालंदा, पटना, बक्सर, सिवान और रोहतास जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. इस मामले पर बीजेपी के वरीय नेता और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव का कहना है लगातार रेड जोन की संख्या बढ़ रही है जो चिंताजनक है. बिहार में आए बड़ी संख्या में अप्रवासी मजदूर और जमाती ने कोरोना संक्रमण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार लॉकडाउन को लेकर लगातार समीक्षा कर रही है. लेकिन जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एक बार लॉक डाउन समाप्त होना संभव नहीं दिख रहा है.

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव का साक्षात्कार

'लॉक डाउन में पूरी छूट मिलना संभव नहीं'
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि बिहार में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ना चिंताजनक है. रेड जोन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रहें हैं. ऐसे में 3 मई को लॉक डाउन एक बार में समाप्त करना संभव नहीं दिख रहा है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर लगातार समीक्षा कर रही है. लागू लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट मिलना तय है. उन्होंने बताया कि बिहार में जमाती और अप्रवासी मजदूरों ने संक्रमण फैला दिया है. हालांकि अब बड़े पैमाने पर जांच भी हो रही है. इस वजह से भी मरीजों की संख्या अधिक दिख रहा है. लेकिन एक अच्छी बात है कि बिहार में कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हो रही है. जिन 2 लोगों की मौत हुई है. उसमें भी देखे तो एक मरीज का दोनों किडनी फेल था. तो वहीं दूसरे को ब्रेन ट्यूमर था. इसलिए मौत के मामले में बिहार को राहत है.

कोटा में फंसे छात्रों पर बोलने से किया मना
अप्रवासी मजदूरों और कोटा सहित दूसरे राज्यों में में पढ़ रहे छात्रों को वापस लाने के सवाल पर लेकर नंदकिशोर यादव ने बोलने से मना कर दिया. दोनों मामलों में नीतीश सरकार की किरकिरी हो रही है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा था कि लॉक डाउन के नियम में संशोधन करने पर ही दूसरे राज्यों से छात्र और अन्य लोगों को बुलाना संभव हो सकेगा. इधर विपक्ष सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है. वहीं, बीजेपी के कई नेता भी इस मामले पर बढ़-चढ़ कर बयान दे रहे हैं. एक तरफ बिहार में अप्रवासी मजदूरों और छात्रों को लेकर सियासत तेज है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से बिहार सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई है. इस वजह से सहयोगी दल के मंत्री भी अब कोई बयान देने से बच रहे हैं.

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