ETV Bharat / bharat

केरल : श्री पद्मनाभ मंदिर में मुराजापम अनुष्ठान का द्वितीय चरण आरंभ

केरल के श्री पद्मनाभ मंदिर में 56 दिन तक चलने वाले मुराजापम के अनुष्ठान का द्वितीय चरण आरंभ हो गया है. इसके साथ जलाजापम का भी अनुष्ठान किया जा रहा है. मंकरसंक्राति के दिन लक्षद्वीपम के साथ इसका समापन किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

etv bharat
जलाजापम करते पुजारी
author img

By

Published : Nov 30, 2019, 9:09 AM IST

Updated : Nov 30, 2019, 9:20 AM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में मुराजापम का द्वितीय चरण जारी है. मुराजापम में ऋगवेद, यजुर्वेद और सामवेद के मंत्रों का जाप किया जाता है.

मुराजापम का द्वतीय चरण 28 नवंबर को शुरू किया गया था. बता दें, मुराजापम 56 दिनों तक चलने वाला जाप है. इसका आयोजन प्रत्येक छह वर्ष में एक बार किया जाता है.

पद्म तीर्थम तालाब में जलाजापम करते पुजारी

ऐसा कहा जाता है कि जैसे-जैसे यह आयोजन एक चरण से दूसरे चरण में जाता है, तो वैदिक मंत्रों की शक्ति बढ़ने लगती है. वहीं कई लोगों ऐसा भी मानते हैं कि प्रत्येक वर्ष इन वेदों के जाप से देश की समृद्धि में मदद मिलती है.

आपको बता दें, मंदिर परिसर में मुराजापम के साथ जलाजापम का भी आयोजन किया जा रहा है. पद्मनाभ मंदिर में यह जल अनुष्ठान वर्षों बाद किया जा रहा है. यह अनुष्ठान वरुण देव के लिए किया जाता है.

जलाजापम का अनुष्ठान पद्म तीर्थम तलाब में प्रत्येक दिन शाम छह बजे भक्तों की उपस्थिति में किया जाता है. जलाजापम का आयोजन 95 वर्ष बाद किया जा रहा है. इसे 1920 के दशक में बंद कर दिया गया था.

देखें वीडियो : श्री पद्मनभास्वामी मंदिर में चल रहा मुराजापम और जलाजापम अनुष्ठान

गौरतलब है कि 21 नवंबर से इस अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है. मंकरसंक्राति के दिन लक्षद्वीपम के साथ इसका समापन किया जा जाएगा.

केरल : श्री पद्मनाभ मंदिर में मुराजापम अनुष्ठान का द्वितीय चरण आरंभ

तिरुवनंतपुरम : केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में मुराजापम का द्वितीय चरण जारी है. मुराजापम में ऋगवेद, यजुर्वेद और सामवेद के मंत्रों का जाप किया जाता है.

मुराजापम का द्वतीय चरण 28 नवंबर को शुरू किया गया था. बता दें, मुराजापम 56 दिनों तक चलने वाला जाप है. इसका आयोजन प्रत्येक छह वर्ष में एक बार किया जाता है.

पद्म तीर्थम तालाब में जलाजापम करते पुजारी

ऐसा कहा जाता है कि जैसे-जैसे यह आयोजन एक चरण से दूसरे चरण में जाता है, तो वैदिक मंत्रों की शक्ति बढ़ने लगती है. वहीं कई लोगों ऐसा भी मानते हैं कि प्रत्येक वर्ष इन वेदों के जाप से देश की समृद्धि में मदद मिलती है.

आपको बता दें, मंदिर परिसर में मुराजापम के साथ जलाजापम का भी आयोजन किया जा रहा है. पद्मनाभ मंदिर में यह जल अनुष्ठान वर्षों बाद किया जा रहा है. यह अनुष्ठान वरुण देव के लिए किया जाता है.

जलाजापम का अनुष्ठान पद्म तीर्थम तलाब में प्रत्येक दिन शाम छह बजे भक्तों की उपस्थिति में किया जाता है. जलाजापम का आयोजन 95 वर्ष बाद किया जा रहा है. इसे 1920 के दशक में बंद कर दिया गया था.

देखें वीडियो : श्री पद्मनभास्वामी मंदिर में चल रहा मुराजापम और जलाजापम अनुष्ठान

गौरतलब है कि 21 नवंबर से इस अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है. मंकरसंक्राति के दिन लक्षद्वीपम के साथ इसका समापन किया जा जाएगा.

Intro:Body:

Thiruvananthapuram: The second phase of the Murajapatam started at Padmanabha Swami temple from thursday.  The chanting of the Rig, the Yajur, and the Samam are fully recited on this phase. Murajapam is held for 56 days. However, it is believed that as the ceremony moves from one phase to the next, the power  of the Vedic mantras will  increase. There are also those who think that the chanting of these vedas every year helps the prosperity of the country every year.

The jala japa (water pooja)of the Sri Padmanabhaswamy Temple is also going along with that. The water ritual is performed at the Sri Padmanabhaswamy Temple after a century . This is a ritual done in water to appease Varuna( the water God) from natural calamities. Murajapam will take place once in every six year. 

As part of the Mura Japam, water japs ​​from Padma Tirtha pond are held every day from 6 pm in the presence of devotees. 


Conclusion:
Last Updated : Nov 30, 2019, 9:20 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.