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एक को छोड़ सभी पड़ोसियों का इतिहास बेहतरीन : जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी अच्छे हैं. नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सत्र में जयशंकर ने पाकिस्तान पर यह तीखी टिप्पणी की। जानें क्या कुछ कहा विदेश मंत्री ने...

जयशंकर
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Published : Oct 4, 2019, 11:15 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि एक को छोड़ कर अन्य सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है. उन्होंने शुक्रवार को यहां भारत आर्थिक मंच के सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अमेरिका के साथ बैठक में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने का मुद्दा सामने नहीं आया.

जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है.'

विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'स्थिति बदलने पर कई लोगों के लिए यह स्वाभाविक बात है.'

जयशंकर ने कहा, 'शायद ही किसी को यह एहसास था कि यह (अनुच्छेद 370) संविधान में एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसके कारण जम्मू-कश्मीर राज्य में कई राष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते थे. ये सब उनके लिए नई बातें थीं.'

अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की कोशिशों पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'एक को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है.'

जब उनसे पूछा गया कि उस एक के साथ क्या गतिरोध बना रहेगा तो उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि एक दिन वह क्षेत्रीय सहयोग में शामिल होगा.

पढ़ें-पीएम पद के लायक नहीं हैं इमरान खान : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्री ने कहा, 'आप एक पल के लिए कश्मीर को अलग रख दें...आज, हर किसी के साथ, व्यापार, व्यवसाय और संपर्क बढ़ रहे हैं. निश्चित रूप से, किसी न किसी स्तर पर, इसका प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आप हर किसी को उस सहयोग से समृद्ध होते देखेंगे.'

जयशंकर ने कहा, 'मैं हमेशा आशान्वित रहता हूं. मैं जानता हूं कि हमारे समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं. उनके (पाकिस्तान) साथ समझ की समस्या है, जिससे उन्हें बाहर निकलना होगा.'

दो दिवसीय भारत आर्थिक सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हुआ. इस सम्मेलन का आयोजन विश्व आर्थिक मंच ने भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से किया था.

जयशंकर ने कहा कि भारत के मामले में राष्ट्रवाद एक नकारात्मक भावना नहीं है.

उन्होंने कहा, 'भारत एक अपवाद है क्योंकि हम अधिक राष्ट्रवादी हैं, किंतु साथ ही हम राष्ट्रीयवादी और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच इस दृष्टि से कोई तनाव नहीं देखते कि विश्व के साथ अधिक संपर्क बढ़ाया जाये...लिहाजा राष्ट्रीयता हमारे के लिए कोई नकारात्मक भावना नहीं है.'

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावना के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा कि यह इतना आसान नहीं है क्योंकि यह 'काफी जटिल मामला' है. इसलिए यदि इसमें समय लग रहा है तो ठीक है.

दक्षिण एशिया सहयोग के बारे में जयशंकर ने कहा, 'भारतीय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सबसे कम है और प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि इस दिशा में प्रगति हो और उन्हें लगता है कि हमें इस बारे में कुछ करने की जरूरत है. भारत इसके लिए माहौल बना रहा है. आपने देखा भी होगा, जब राजनीतिक रूप से उन्होंने 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों को आमंत्रित किया था.'

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि एक को छोड़ कर अन्य सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है. उन्होंने शुक्रवार को यहां भारत आर्थिक मंच के सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अमेरिका के साथ बैठक में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने का मुद्दा सामने नहीं आया.

जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है.'

विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'स्थिति बदलने पर कई लोगों के लिए यह स्वाभाविक बात है.'

जयशंकर ने कहा, 'शायद ही किसी को यह एहसास था कि यह (अनुच्छेद 370) संविधान में एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसके कारण जम्मू-कश्मीर राज्य में कई राष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते थे. ये सब उनके लिए नई बातें थीं.'

अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की कोशिशों पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'एक को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है.'

जब उनसे पूछा गया कि उस एक के साथ क्या गतिरोध बना रहेगा तो उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि एक दिन वह क्षेत्रीय सहयोग में शामिल होगा.

पढ़ें-पीएम पद के लायक नहीं हैं इमरान खान : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्री ने कहा, 'आप एक पल के लिए कश्मीर को अलग रख दें...आज, हर किसी के साथ, व्यापार, व्यवसाय और संपर्क बढ़ रहे हैं. निश्चित रूप से, किसी न किसी स्तर पर, इसका प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आप हर किसी को उस सहयोग से समृद्ध होते देखेंगे.'

जयशंकर ने कहा, 'मैं हमेशा आशान्वित रहता हूं. मैं जानता हूं कि हमारे समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं. उनके (पाकिस्तान) साथ समझ की समस्या है, जिससे उन्हें बाहर निकलना होगा.'

दो दिवसीय भारत आर्थिक सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हुआ. इस सम्मेलन का आयोजन विश्व आर्थिक मंच ने भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से किया था.

जयशंकर ने कहा कि भारत के मामले में राष्ट्रवाद एक नकारात्मक भावना नहीं है.

उन्होंने कहा, 'भारत एक अपवाद है क्योंकि हम अधिक राष्ट्रवादी हैं, किंतु साथ ही हम राष्ट्रीयवादी और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच इस दृष्टि से कोई तनाव नहीं देखते कि विश्व के साथ अधिक संपर्क बढ़ाया जाये...लिहाजा राष्ट्रीयता हमारे के लिए कोई नकारात्मक भावना नहीं है.'

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावना के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा कि यह इतना आसान नहीं है क्योंकि यह 'काफी जटिल मामला' है. इसलिए यदि इसमें समय लग रहा है तो ठीक है.

दक्षिण एशिया सहयोग के बारे में जयशंकर ने कहा, 'भारतीय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सबसे कम है और प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि इस दिशा में प्रगति हो और उन्हें लगता है कि हमें इस बारे में कुछ करने की जरूरत है. भारत इसके लिए माहौल बना रहा है. आपने देखा भी होगा, जब राजनीतिक रूप से उन्होंने 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों को आमंत्रित किया था.'

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LD JAISHANKAR
Entire neighbourhood 'minus one' has been a good story: Jaishankar
(Eds: Updating with more quotes)
         New Delhi, Oct 4 (PTI) In an obvious reference to Pakistan, External Affairs Minister S Jaishankar on Friday said India's entire neighbourhood "minus one" has been a "fairly good story" for regional cooperation.
         The abrogation of Article 370 provisions did come up for discussion in his meetings during the recent US visit, Jaishankar added at a session of the India Economic Summit here.
          "That is natural for many people when there is a change of status...," he said during a conversation with World Economic Forum president Borge Brende.
          Jaishankar said he "spoke fairly extensively" in the US on the Kashmir issue -- on the background, history, "why we did, what we did" -- and asserted that a lot of it was new to the people he discussed the matter with.
          "Hardly anybody had the realisation that this (Article 370) was a temporary article in the Constitution or the mis-alignment due to the fact that a lot of the national laws did not apply in Jammu and Kashmir state. These were all new things to them," Jaishankar said.
          Discussing India's push for strengthening of ties with its neighbours, the minister said, "I would say the entire neighbourhood, minus one, has actually been a fairly good story of regional cooperation."
          Asked if the impasse with 'minus one' would continue, he said he hopes that someday even the 'minus one' comes around to regional cooperation.
          "You put Kashmir aside for a moment...Today, with everybody else, trade, business, connectivity and contacts are increasing. Surely, at some stage, that would have an impact because you would see everybody else prospering with that cooperation," the External Affairs minister said.
          "I always remain hopeful. I'm not unrealistic, I know we have big challenges. They (Pakistan) have a mindset issue that they have to overcome," Jaishankar said.
          The two-day India Economic Summit, which ended on Friday, was organised by the World Economic Forum in collaboration with the Confederation of Indian Industry.
          Jaishankar said there is no doubt that the world has become more nationalistic, and a lot of that nationalism is economic nationalism and cultural nationalism.
          In India's case, nationalism is not a negative sentiment directed at the world, he said.
          "India is an exception as we are more nationalistic, but at the same time we don't see a tension between being nationalistic and being international in the sense of engaging more with the world... so nationalism is not a negative sentiment, he said.
          Asked about the possibility of a trade agreement between India and the US, he said it is not that easy as it is a "fairly complicated matter". So if it is taking time it is fine, the minister added.
          Talking about South Asia cooperation, Jaishankar said, "The Indian subcontinent is among the least regionalised economies. PM Modi feels we need to do something about this and the Indian economy is a lifting tide for this. You saw that politically when he invited neighbouring countries at his swearing in ceremony in 2014. PTI ASK ASK
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