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ISRO ने अंतरिक्ष में भेजा PSLVC45, EMISAT और 28 विदेशी सैटलाइट्स को किया लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज नया कीर्तिमान स्थापित किया है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आज सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस उपग्रह, एमिसैट का प्रक्षेपण किया गया.

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Published : Apr 1, 2019, 9:31 AM IST

Updated : Apr 1, 2019, 11:37 AM IST

इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस उपग्रह एमीसैट का प्रक्षेपण

श्रीहरिकोटा: भारत के एमीसैट उपग्रह के साथ विदेशी ग्राहकों के 28 नैनो उपग्रह लेकर जा रहे इसरो के पीएसएलवी सी45 का सोमवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया और उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया.

एमिसैट हुआ लॉन्च (सौ.दूरदर्शन और ANI)

27 घंटे की गिनती खत्म होने के बाद इसरो के विश्वसनीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-क्यूएल के नए प्रकार करीब 50 मीटर लंबे रॉकेट का यहां से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोट अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया. एमीसैट उपग्रह का उद्देश्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम को मापना है.

इसरो के अनुसार, प्रक्षेपण के लिए पहले चरण में चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल रॉकेट के नए प्रकार का इस्तेमाल किया जाएगा.

पीएसएलवी का भारत के दो अहम मिशनों 2008 में चंद्रयान और 2013 में मंगल ऑर्बिटर में इस्तेमाल किया गया था. यह जून 2017 तक 39 लगातार सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो का सबसे भरोसेमंद और बहु उपयोगी प्रक्षेपण यान है.
इस मिशन में इसरो के वैज्ञानिक तीन अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों और पेलोड को स्थापित करेंगे जो एजेंसी के लिए पहली बार होगा.

अन्य 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में लिथुआनिया के दो, स्पेन का एक, स्विट्जरलैंड का एक और अमेरिका के 24 उपग्रह शामिल हैं. इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है.
फरवरी में इसरो ने फ्रेंच गुआना से भारत का संचार उपग्रह जीसैट-31 प्रक्षेपित किया था.

पढ़ें:जम्मू-कश्मीर: पुलवामा एनकाउंटर में चार आंतकी ढेर, मुठभेड़ जारी

इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष एजेंसी के हिस्से में कई पहली चीजों का श्रेय आएगा जहां वह विभिन्न कक्षाओं में उपग्रह स्थापित करेगी और समुद्री उपग्रह अनुप्रयोगों समेत कई अन्य पर कक्षीय प्रयोग करेगी.

श्रीहरिकोटा: भारत के एमीसैट उपग्रह के साथ विदेशी ग्राहकों के 28 नैनो उपग्रह लेकर जा रहे इसरो के पीएसएलवी सी45 का सोमवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया और उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया.

एमिसैट हुआ लॉन्च (सौ.दूरदर्शन और ANI)

27 घंटे की गिनती खत्म होने के बाद इसरो के विश्वसनीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-क्यूएल के नए प्रकार करीब 50 मीटर लंबे रॉकेट का यहां से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोट अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया. एमीसैट उपग्रह का उद्देश्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम को मापना है.

इसरो के अनुसार, प्रक्षेपण के लिए पहले चरण में चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल रॉकेट के नए प्रकार का इस्तेमाल किया जाएगा.

पीएसएलवी का भारत के दो अहम मिशनों 2008 में चंद्रयान और 2013 में मंगल ऑर्बिटर में इस्तेमाल किया गया था. यह जून 2017 तक 39 लगातार सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो का सबसे भरोसेमंद और बहु उपयोगी प्रक्षेपण यान है.
इस मिशन में इसरो के वैज्ञानिक तीन अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों और पेलोड को स्थापित करेंगे जो एजेंसी के लिए पहली बार होगा.

अन्य 28 अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों में लिथुआनिया के दो, स्पेन का एक, स्विट्जरलैंड का एक और अमेरिका के 24 उपग्रह शामिल हैं. इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है.
फरवरी में इसरो ने फ्रेंच गुआना से भारत का संचार उपग्रह जीसैट-31 प्रक्षेपित किया था.

पढ़ें:जम्मू-कश्मीर: पुलवामा एनकाउंटर में चार आंतकी ढेर, मुठभेड़ जारी

इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष एजेंसी के हिस्से में कई पहली चीजों का श्रेय आएगा जहां वह विभिन्न कक्षाओं में उपग्रह स्थापित करेगी और समुद्री उपग्रह अनुप्रयोगों समेत कई अन्य पर कक्षीय प्रयोग करेगी.

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Last Updated : Apr 1, 2019, 11:37 AM IST
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