नई दिल्ली: हिन्दुस्तान में बाहर से आए विदेशी मेहमानों का सत्कार करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है, तभी कहते हैं कि अतिथि देवो भव:, लेकिन नेशनल कैपिटल रिजन (एनसीआर) में जिस कदर अपराध बढ़ता जा रहा है उससे न सिर्फ विदेशी मेहमानों का भरोसा टूट रहा है बल्कि देश की छवि भी बर्बाद हो रही है. इराक से दिल्ली इलाज कराने आए एक नागरिक से 30 हजार अमेरिकी डॉलर लूट यानि 23 लाख रुपये लूट लिए गए. अब इराकी नागरिक पुलिस से मदद की गुहार लगा रहा है.
वैगनआर में आए थे बदमाश
बता दें, कि एक कार में सवार होकर आए बदमाशों ने खुद को पुलिस वाला बताकर चेकिंग के नाम पर इराकी नागरिकों से 30 हजार डॉलर लूट लिए. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों को ढूंढने में लगी हुई है.
हिंदी बोल-समझ नहीं पाते इराकी नागरिक
इराक के रहने वाले फारिश अबी और सादु नाम के दो व्यक्ति अस्पताल के बाहर बैठे हुए थे. इराकी नागरिक पारिश की भाषा पुलिस की समझ में नहीं आ रही है, इसलिए ट्रांसलेटर मुतुल राज को बुलाया गया है.
जेपी अस्पताल के बाहर हुई वारदात
ट्रांसलेटर ने बताया कि फारिश अबी इराक के रहने वाले है और एक रिश्तेदार का नोएडा के जेपी अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांटेशन किया जा रहा है, वो अपने रिश्तेदार के साथ अस्पताल में रुके हुए हैं. शाम को फ़ारिश अबी दो अन्य लोगों के साथ जेपी अस्पताल के बाहर बैठा हुए थे.
तभी कार में सवार होकर तीन बदमाश वहां आए, बदमाशों ने अपने आप को पुलिस वाला बताया और इराकी नागरिक से कहा कि तुम हशीश पी रहे हो. तुम्हारी तलाशी लेनी है और तलाशी लेनी शुरू कर दिया. इस बात का पारिश ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि बदमाशों ने उसकी कमर में बंधी बेल्ट में रखे 30 हजार डॉलर लूट लिए और फरार हो गए.
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घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप
विदेशी नागरिक के साथ हुई इस लूट की सूचना से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है. सीओ ने बताया कि इराकी नागरिक की भाषा पुलिस की समझ में नहीं आ रही है, इसलिए ट्रांसलेटर को बुलाया गया है. उससे इराकी नागरिक की बातचीत कराई गई और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.