नई दिल्ली : राज्यपालों और उप-राज्यपालों के दो दिवसीय 50वें वार्षिक सम्मेलन में देशभर से लोग जमा हुए. कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति की जिम्मेदारियों का जिक्र किया.
रविवार को अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कुलाधिपति की जिम्मेदारी निभा रहे राज्यपालों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध पर निवेश बढ़े, स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा मिले और रोजगार के अवसर में वृद्धि हो.
इस सम्मेलन के समापन के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने और पेयजल, शिक्षा और कृषि समस्याओं के समाधान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
राज्यपाल सम्मेलन के समापन सत्र का संचालन स्वयं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि सम्मेलन में जीवन मिशन पर चर्चा सरकार की जल संरक्षण और प्रबंधन तकनीक की प्राथमिकता को रेखांकित करती है.
राज्यपालों से प्रधानमंत्री ने कहा कि वे छात्रों में जल संरक्षण के संदेश को प्रसारित करें. नई शिक्षा नीति और उच्च शिक्षा के संदर्भ में मोदी ने उच्च गुणवत्ता वाले शोध के लिए विश्वविद्यालयों के निवेश में राज्यपालों की भूमिका को रेखांकित किया.
शाह ने ट्वीट किया, 'इस सम्मेलन का मुख्य केंद्र बिंदु आदिवासी कल्याण और जल, शिक्षा और कृषि से जुड़े मुद्दे थे. मोदी सरकार लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.' उन्होंने सम्मेलन की तस्वीर भी अपने ट्विटर हैंडल से साझा की.
इससे पहले दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि राज्यपाल और उप राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सबसे अहम कड़ी हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपालों को आम लोगों की उस धारणा को तोड़ने की कोशिश करनी चाहिए जिसके तहत यह पद 'पहुंच नहीं होने वाली औपनिवेशिक विरासत' है.