नई दिल्ली : शिव शंकर मेनन ने कहा है कि भारत को चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के परिणाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये 'तू-तू मैं-मैं' करने का समय नहीं है. उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन और पाकिस्तान के रूख पर भी बात की.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अमेरिका के रूख पर शिवशंकर मेनन ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान से अपेक्षाएं है, इसलिए ट्रंप दोनों पक्षों की सहमति की बात कर रहे हैं. जब तक दोनों पक्षों की बात कही जाए, हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है.
परमाणु नीति के सवाल पर मेनन ने कहा कि बदलते हालात में नीतियों की समीक्षा की जानी चाहिए, लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है.
भारत पाकिस्तान के रिश्तों में करतारपुर कॉरिडोर से कोई फर्क पड़ेगा ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वे नहीं समझते कि इसकी बहुत ज्यादा अहमियत है.
मेनन ने पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच तमिलनाडु के मामल्लापुरम में हुई दूसरी अनौपचारिक भेंट पर भी राय जाहिर की.
इसके अलावा उन्होंने इमरान खान का चीन दौरा, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाक और भारत का रूख, अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद का मुद्दा, मीडिया में आतंकवाद की कवरेज जैसे मुद्दों पर भी बात की.
मेनन ने आतंक के मुद्दे पर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार का रवैया और पाक को अलग-थलग करने में इस नीति की भूमिका पर भी अपनी राय रखी.