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पहले अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर किसानों की मांग, इम्यूनिटी बूस्टर की तरह हो चाय का प्रचार

पहला विश्व अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 21 मई 2020 को मनाया गया. इस दौरान असम के चाय किसानों ने चाय का प्रचार एक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पेय के रूप में करने की मांग की है. पढ़ें विस्तार से..

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अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस
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Published : May 21, 2020, 11:35 AM IST

Updated : May 22, 2020, 6:14 PM IST

दिसपुर : 21 मई को पहले अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर असम में चाय की बुआई करने वालों ने 'इम्यूनिटी बूस्टर' के रूप में असम की चाय के सामान्य प्रचार के लिए भारतीय टी बोर्ड से अपील की है. नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन (एनईटीए) के सलाहकार बिद्यानंद बरककोटी ने कहा है कि जैसे पूरी दुनिया COVID-19 के खिलाफ लड़ रही है, उसी तरह चाय को प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में सामान्य प्रचार शुरू करने का सबसे अच्छा समय है.

उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ-साथ भारतीय टी बोर्ड से भी संपर्क करने जा रहे हैं, ताकि वह एक इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में असम चाय का सामान्य प्रचार शुरू कर सकें.

पहले अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के अवसर पर चाय उद्योग की भलाई के लिए काम करने के लिए गठित एक गैर सरकारी संगठन टी विजन ने एक पुस्तक भी प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है, 'टी : अ वंडर ड्रिंक फॉर हेल्थ एंड वेलनेस.'

तोकलीई टी रिसर्च इंस्टीट्यूट (TTRI) के मुख्य सलाहकार डॉ प्रदीप बरुआ द्वारा लिखित पुस्तक में चाय के रासायनिक घटकों, औषधीय, चिकित्सीय, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी मूल्यों पर वैज्ञानिक शोधपत्रों की समीक्षा है. उन्होंने इस किताब में पूरी दुनिया में चाय पर किए गए शोध के साथ कुछ लोकप्रिय मान्यताओं पर प्रकाश डाला है.

बरककोटी ने कहा कि पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को स्वास्थ्य और कल्याण के लिए चाय पीने के भारी लाभों के बारे में सूचित करना है.

पुस्तक का प्रकाशन असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी ने किया.

पढ़ें-अम्फान से तबाही : पश्चिम बंगाल में 72 की मौत, पीएम मोदी शुक्रवार को करेंगे हवाई सर्वेक्षण

असम के उद्योग मंत्री ने कहा कि यह पुस्तक चाय पीने के स्वास्थ्य लाभों पर दुनियाभर में विभिन्न शोध निष्कर्षों का पहला ऐसा संकलन होना चाहिए. इस पुस्तक में उल्लिखित प्रत्येक खोज उस क्षेत्र में किए गए अनुसंधान के संबंधित संदर्भ द्वारा समर्थित है. यह इस बारे में जागरूकता पैदा करता है कि कैसे चाय पीने से विभिन्न बीमारियों के खिलाफ लड़ने में लाभकारी गुण मिलते हैं.

मंत्री ने कहा कि इससे चाय की खपत भी बढ़ेगी. 'पुस्तक में एक संदर्भ है कि केन्या का दुनिया का सबसे तेज मैराथन धावक चाय का अधिक मात्रा में सेवन करता है. मैं चाय और स्वास्थ्य पर एक महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित करने के लिए लेखक डॉ प्रदीप बरुआ के साथ-साथ बिद्यानंद बरकाकोटी और टी विजन की पूरी टीम की सराहना करता हूं.'

चाय में औषधीय और पोषण संबंधी गुण प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं. स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देते हैं और मृत्यु दर को कम करते हैं. अपने स्वाद और आनंद के लिए चाय पीने के दौरान लोग इसमें कई औषधीय और चिकित्सीय यौगिकों का भी सेवन करते हैं जो मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.

दुनियाभर में किए गए वैज्ञानिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि चाय पीने के कुल तीस स्वास्थ्य लाभकारी गुण पाए गए हैं.

दिसपुर : 21 मई को पहले अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर असम में चाय की बुआई करने वालों ने 'इम्यूनिटी बूस्टर' के रूप में असम की चाय के सामान्य प्रचार के लिए भारतीय टी बोर्ड से अपील की है. नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन (एनईटीए) के सलाहकार बिद्यानंद बरककोटी ने कहा है कि जैसे पूरी दुनिया COVID-19 के खिलाफ लड़ रही है, उसी तरह चाय को प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में सामान्य प्रचार शुरू करने का सबसे अच्छा समय है.

उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ-साथ भारतीय टी बोर्ड से भी संपर्क करने जा रहे हैं, ताकि वह एक इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में असम चाय का सामान्य प्रचार शुरू कर सकें.

पहले अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के अवसर पर चाय उद्योग की भलाई के लिए काम करने के लिए गठित एक गैर सरकारी संगठन टी विजन ने एक पुस्तक भी प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है, 'टी : अ वंडर ड्रिंक फॉर हेल्थ एंड वेलनेस.'

तोकलीई टी रिसर्च इंस्टीट्यूट (TTRI) के मुख्य सलाहकार डॉ प्रदीप बरुआ द्वारा लिखित पुस्तक में चाय के रासायनिक घटकों, औषधीय, चिकित्सीय, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी मूल्यों पर वैज्ञानिक शोधपत्रों की समीक्षा है. उन्होंने इस किताब में पूरी दुनिया में चाय पर किए गए शोध के साथ कुछ लोकप्रिय मान्यताओं पर प्रकाश डाला है.

बरककोटी ने कहा कि पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को स्वास्थ्य और कल्याण के लिए चाय पीने के भारी लाभों के बारे में सूचित करना है.

पुस्तक का प्रकाशन असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी ने किया.

पढ़ें-अम्फान से तबाही : पश्चिम बंगाल में 72 की मौत, पीएम मोदी शुक्रवार को करेंगे हवाई सर्वेक्षण

असम के उद्योग मंत्री ने कहा कि यह पुस्तक चाय पीने के स्वास्थ्य लाभों पर दुनियाभर में विभिन्न शोध निष्कर्षों का पहला ऐसा संकलन होना चाहिए. इस पुस्तक में उल्लिखित प्रत्येक खोज उस क्षेत्र में किए गए अनुसंधान के संबंधित संदर्भ द्वारा समर्थित है. यह इस बारे में जागरूकता पैदा करता है कि कैसे चाय पीने से विभिन्न बीमारियों के खिलाफ लड़ने में लाभकारी गुण मिलते हैं.

मंत्री ने कहा कि इससे चाय की खपत भी बढ़ेगी. 'पुस्तक में एक संदर्भ है कि केन्या का दुनिया का सबसे तेज मैराथन धावक चाय का अधिक मात्रा में सेवन करता है. मैं चाय और स्वास्थ्य पर एक महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित करने के लिए लेखक डॉ प्रदीप बरुआ के साथ-साथ बिद्यानंद बरकाकोटी और टी विजन की पूरी टीम की सराहना करता हूं.'

चाय में औषधीय और पोषण संबंधी गुण प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं. स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देते हैं और मृत्यु दर को कम करते हैं. अपने स्वाद और आनंद के लिए चाय पीने के दौरान लोग इसमें कई औषधीय और चिकित्सीय यौगिकों का भी सेवन करते हैं जो मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.

दुनियाभर में किए गए वैज्ञानिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि चाय पीने के कुल तीस स्वास्थ्य लाभकारी गुण पाए गए हैं.

Last Updated : May 22, 2020, 6:14 PM IST
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