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आंध्र प्रदेश के इस 'श्रवण कुमार' ने खोजा पिता की समस्या का हल, देखें वीडियो - way found to save crops

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले प्रभाकर ने अपने पिता की मुसीबतों का हल खोज निकाला है. उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे खेतों में आने वाले पक्षियों और जानवरों को आसानी से भगाया जा सकेगा. इससे फसल को कोई नुकसान नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर...

प्रभाकर.
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Published : Oct 18, 2019, 8:22 PM IST

चित्तूर: पिता के पसीनों का मोल समझना आसान नहीं होता. हर पिता दिन रात एक करके अपने बच्चों को पालता है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले प्रभाकर ने अपने पिता की विकट परिस्थितियों को न सिर्फ समझा, बल्कि उनका हल भी निकाला. उसने एक ऐसी मशीन तैयार की, जिससे आसानी से खेत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली चिड़ियों और बंदरों को भगाया जा सके.

चित्तूर जिले में देवाडोडी गांव में चिड़िया और बंदर फसलों को खराब कर देते हैं. इनको रोकने के लिए लोग हाथों में थालियां लिए उसे डंडे से पीटते थे, जिससे आवाज होती और जानवर भाग जाते थे. रोजाना ऐसा करना आसान नहीं होता. ऐसी ही परिस्थिती से प्रभाकर के पिता को भी गुजरना पड़ता था. प्रभाकर ने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का वोकेशनल कोर्स किया और अपनी पढ़ाई का सदोपयोग कर अपने पिता की समस्या का हल निकाला.

आंध्र प्रदेश के इस श्रवण कुमार की खोज, देखें वीडियो.

प्रभाकर के पिता सेलवम दो एकड़ जमीन में मक्के की खेती करते हैं. कई जानवर और पक्षी फसलों को खराब कर देते थे. इस समस्या को दूर करने का कोई पक्का हल नहीं मिल रहा था. प्रभाकर लगातार इसका हल ढूढ़ रहा था और इसी जदो जहद में उसे सोशल मीडिया पर एक आइडिया मिला. इसके बाद उसने एक ऐसी मशीन बनाई, जिससे आवाज निकलती रहेगी.

प्रभाकर द्वारा बनाए गए इस यंत्र में एक पंखा है, जो हवा के सहारे घूम कर आवाज करता है, जब हवा नहीं होती तो इसमें लगे सोलर पैनल से मिलने वाली उर्जा का प्रयोग कर काम करता है. ये काफी किफायती भी है. अब सिर्फ प्रभाकर के पिता ही नहीं, बल्कि सारा गांव इस तकनीक का प्रयोग कर रहा है.

चित्तूर: पिता के पसीनों का मोल समझना आसान नहीं होता. हर पिता दिन रात एक करके अपने बच्चों को पालता है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले प्रभाकर ने अपने पिता की विकट परिस्थितियों को न सिर्फ समझा, बल्कि उनका हल भी निकाला. उसने एक ऐसी मशीन तैयार की, जिससे आसानी से खेत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली चिड़ियों और बंदरों को भगाया जा सके.

चित्तूर जिले में देवाडोडी गांव में चिड़िया और बंदर फसलों को खराब कर देते हैं. इनको रोकने के लिए लोग हाथों में थालियां लिए उसे डंडे से पीटते थे, जिससे आवाज होती और जानवर भाग जाते थे. रोजाना ऐसा करना आसान नहीं होता. ऐसी ही परिस्थिती से प्रभाकर के पिता को भी गुजरना पड़ता था. प्रभाकर ने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का वोकेशनल कोर्स किया और अपनी पढ़ाई का सदोपयोग कर अपने पिता की समस्या का हल निकाला.

आंध्र प्रदेश के इस श्रवण कुमार की खोज, देखें वीडियो.

प्रभाकर के पिता सेलवम दो एकड़ जमीन में मक्के की खेती करते हैं. कई जानवर और पक्षी फसलों को खराब कर देते थे. इस समस्या को दूर करने का कोई पक्का हल नहीं मिल रहा था. प्रभाकर लगातार इसका हल ढूढ़ रहा था और इसी जदो जहद में उसे सोशल मीडिया पर एक आइडिया मिला. इसके बाद उसने एक ऐसी मशीन बनाई, जिससे आवाज निकलती रहेगी.

प्रभाकर द्वारा बनाए गए इस यंत्र में एक पंखा है, जो हवा के सहारे घूम कर आवाज करता है, जब हवा नहीं होती तो इसमें लगे सोलर पैनल से मिलने वाली उर्जा का प्रयोग कर काम करता है. ये काफी किफायती भी है. अब सिर्फ प्रभाकर के पिता ही नहीं, बल्कि सारा गांव इस तकनीक का प्रयोग कर रहा है.

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