नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. उनकी यात्रा तीन चरणों में पूरी होगी. हालांकि अपनी यात्रा से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ मेगा ट्रेड डील पर संदेह जताया. इस डील के लेकर दोनों पक्ष पिछले साल से काम कर रहे हैं.
ट्रंप ने कहा कि हम भारत के साथ एक व्यापार सौदा करना चाहते हैं, लेकिन मुझे यह नहीं पता कि हम इसे चुनाव से पहले कर पाएंगे या नहीं. हालांकि, ट्रंप ने ये भी कहा कि हम भारत के साथ एक बड़े रक्षा सौदे की संभावना देख रहे हैं.
ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मामलों के जानकार मनोज पंत ने ईटीवी भारत से कहा है कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि दोनों देश जिस सौदे को पाने की ख्वाहिश रखते हैं, उसमें लंबा समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका सबसे अधिक गैस निर्यात करने वाला देश है, लेकिन गैस कंपनियां बिना सरकार की इजाजत के गैस आयात नहीं कर सकती. हालांकि मेरा मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की इस यात्रा के बाद इस डील को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
वहीं, ट्रंप की यात्रा को लेकर जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच राजनीतिक संबंध बहतर हुए हैं. लेकिन पिछले दस वर्षों में अमेरिका ने विदेश नीति पर काफी ध्यान दिया है. इसमें कोई शक नहीं है कि अमेरिका भारत पर नजर बनाया हुआ है.
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उन्होंने कहा कि ट्रंप एक या दो राज्यों पर ध्यान न देकर भारतीय वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं. किसी भी अन्य राजनेता की तरह ट्रंप भी भारतीय वोटरों के सामने अपनी छवि बनाने पर ध्यान दे रहे हैं. वह जानते हैं कि अगर भारत के साथ उनके संबंध अच्छे रहेंगे तो आने वाले चुनाव में अमेरिका में बसे भारतीय उन्हें वोट कर सकते हैं.