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भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल के ‘लैंड अटैक’ संस्करण का सफल परीक्षण किया

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Published : Nov 24, 2020, 10:52 AM IST

Updated : Nov 24, 2020, 8:19 PM IST

10:51 November 24

जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण

नई दिल्ली : भारत ने मंगलवार को सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. यह परीक्षण हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया है.

उन्होंने कहा कि मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मिसाइल के ‘लैंड अटैक’ यानी सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण का परीक्षण सुबह करीब 10 बजे अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में किया गया तथा यह एक सफल परीक्षण था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है जो, इस घातक हथियार का उत्पादन करता है. ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है.

भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है।

भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है.

ब्रह्मोस मिसाइल के एक नौसैनिक संस्करण का 18 अक्टूबर को अरब सागर में भारतीय नौसेना के स्वदेश में निर्मित टोही विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. भारतीय वायु सेना ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक सुखोई युद्धक विमान से मिसाइल के हवाई संस्करण का परीक्षण किया था.
 

10:51 November 24

जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण

नई दिल्ली : भारत ने मंगलवार को सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. यह परीक्षण हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया है.

उन्होंने कहा कि मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मिसाइल के ‘लैंड अटैक’ यानी सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण का परीक्षण सुबह करीब 10 बजे अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में किया गया तथा यह एक सफल परीक्षण था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है जो, इस घातक हथियार का उत्पादन करता है. ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है.

भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है।

भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है.

ब्रह्मोस मिसाइल के एक नौसैनिक संस्करण का 18 अक्टूबर को अरब सागर में भारतीय नौसेना के स्वदेश में निर्मित टोही विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. भारतीय वायु सेना ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक सुखोई युद्धक विमान से मिसाइल के हवाई संस्करण का परीक्षण किया था.
 

Last Updated : Nov 24, 2020, 8:19 PM IST
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