नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बाकू में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा अपने मलेशियाई समकक्ष सैफुद्दीन अब्दुल्ला के साथ उठाया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इसकी पुष्टि की. गौरतलब है कि NAM का 18वां शिखर सम्मेलन अजरबैजान की राजधानी में 25 व 26 अक्टूबर को आयोजित किया गया है.
यह बैठक उस समय की जा रही है, जब भारत और मलेशिया के रिश्तों में कुछ खटास आई है, दरअसल मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था और इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्शायी है.
भगोड़े जाकिर नाइक को भारत में वांटेड घोषित किया जा चुका है. भारतीय अधिकारियों ने जाकिर नाइक पर कथित धनशोधन और घृणा फैलाने वाले भाषणों के माध्यम से उग्रवाद को उकसाने का आरोप लगाया है. साथ ही जुलाई 2016 में ढाका में हुए बम विस्फोटों में नाइक का नाम प्रमुखता से सामने आया था.
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इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जाकिर नाइक के खिलाफ विभिन्न संगठनो के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, नफरत फैलाने वाले भाषण देने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मामला दर्ज किया था. नाइक तीन वर्षों से मलेशिया में रह रहा है और इस साल उसे स्थायी निवास दिया गया.
गौरतलब है कि भारत और मलेशिया के संबंध इस समय ठीक नहीं चल रहे हैं. मलेशियाई प्रधानमंत्री द्वारा कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद, ताड़ के तेल के कई आयातकों ने मलेशिया से यह कहते हुए व्यापार बंद कर दिया है कि भारत उनपर भारी आयात शुल्क लगा सकता है.