वॉशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उठाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रयास में भारत की भूमिका अहम है और इस देश ने नवीकरणीय उर्जा के विस्तार के लिए 'बेहतरीन प्रयास' किए हैं.
बता दें, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई अवसरों पर मिल चुके हैं. उन्होंने अंतरारष्ट्रीय सौर गठबंधन में मोदी के नेतृत्व की तारीफ की और भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र को दिए गए 193 सौर पैनल को 'बेहद उपयोगी' करार दिया.
गुतारेस ने जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत द्वारा किए गए प्रयास के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत ने बड़ा निवेश किया है. भारत के पास अब भी अच्छी मात्रा में कोयला है और हमने उस पर भी चर्चा की. मोदी ने अन्य नए कदम भी उठाए जैसे कि स्वच्छ भारत (अभियान). हमारा मानना है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत और भी कदम उठाएगा. इसका जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत के प्रगतिशील प्रदर्शन पर मजबूत प्रभाव पड़ेगा.
गुतारेस 23 सितंबर को होने वाले उच्च स्तरीय जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन की बैठक से पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे. संयुक्त राष्ट्र महासभा चैम्बर में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में मोदी पहले वक्ता होंगे. इसमें न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अडर्न, मार्शल आईलैंड की राष्ट्रपति हिल्दा हेन और जर्मन चासंलर एंजेला मर्केल भी वक्ता है.
उन्होंने कहा कि इसमें भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है और वह एक ऐसा देश है जिसकी एक पेंचीदा विरासत है क्योंकि बिजली के उत्पादन में वहां कोयला महत्वपूर्ण है. इसलिए भारत इस चर्चा में मौलिक साझेदार है और निश्चित तौर पर यह वार्ता उनके खुद के प्रयासों और संयुक्त राष्ट्र को भी पर्यावरण के लिहाज से बनाने की जरूरत का हिस्सा है.
महासचिव ने कहा, 'सोलर पार्क में भारत का सहयोग बेहद जरूरी है.' वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा कोयला उत्पादक देश है लेकिन वह नवीकरणीय ऊर्जा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है और इसे भी रेखांकित करने की जरूरत है.
वहीं परमाणु ऊर्जा को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ देशों के लिए कार्बन उत्सर्जन खत्म करने के लिए परमाणु ऊर्जा महत्वपूर्ण है और संयुक्त राष्ट्र को उन देशों के विकल्पों का सम्मान करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, 'मेरा मतलब है कि मैं जब प्रधानमंत्री मोदी से बात कर रहा था, कुछ चीजों में से जो वह करना चाहते हैं, वह है और परमाणु ऊर्जा जोड़ना. यह कुछ ऐसा है जिसका हम सम्मान करते हैं'.
भारत की ओर से अपनी तरह की पहली सांकेतिक पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की यात्रा के दौरान 50 किलोवाट क्षमता के 'गांधी सौर पार्क' का उद्घाटन करेंगे. यह कदम जलवायु परिवर्तन वार्ता से भी आगे जाने की भारत की इच्छाशक्ति को रेखांकित करता है.
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की छत पर स्थापित सौर पैनलों को उपहार में दिया है और विश्व निकाय के सभी 193 सदस्यों के लिए एक-एक पैनल लगाया गया है. पूरी परियोजना पर दस लाख डॉलर खर्च हुए हैं.
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मोदी 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बने सौर पार्क के साथ 'गांधी शांति उद्यान' का भी उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र विशेष डाक टिकट भी जारी करेगा.