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करतारपुर गलियारा बैठक खत्म, भारत की यात्रा वीजा मुक्त करने की मांग

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारे को लेकर बैठक हुई. यह बैठक पाकिस्तान की सीमा स्थित अटारी-वाघा सीमा पर हुई. जानें बैठक में भारत की तरफ से क्या मांग रखी गईं....

बैठक के लिए जाते भारतीय प्रतिनिधि
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Published : Jul 14, 2019, 10:08 AM IST

Updated : Jul 14, 2019, 4:04 PM IST

नई दिल्ली: करतारपुर गलियारे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों की अटारी-वाघा सीमा पर बैठक हुई. विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने पाक से रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं और विशेष मौकों पर 10 हजार श्रद्धालुओं को भेजने की मांग की है. इसके अलावा भारत ने मांग की है कि करतारपुर की यात्रा वीजा मुक्त हो.

करतारपुर गलियारे पर बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि बैठक के दौरान 80% मुद्दों पर सहमती हुए है. लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक और बैठक हो सकती है.

बैठक में भारत और पाक के 20-20 अधिकारी शामिल हुए.

पाकिस्तान ने कहा कि इस गलियारे से भारत विरोधी गतिविधियां नहीं होने देंगे. भारत ने मांग की थी कि करतारपुर गलियारे का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. बैठक में भारत ने अपनी सीमा में बनाए जा रहे गलियारे से जुड़ी सूचनाएं साझा कीं. भारतीय अधिकारियों ने 365 दिन श्रद्धालुओं के जाने की इजाजत देने की मांग की है. भारत ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और काउंसलर सेवा की मांग की है.

इस बैठक में 'जीरो प्वाइंट' पर संपर्क और यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. यह बैठक पाकिस्तान की सीमा के अंदर अटारी-वाघा सीमा पर हुई है.

भारत ने इससे पहले इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त कमेटी में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाक को अवगत कराया था.

इसके अलावा यात्रियों की आवाजाही के लिए जरूरी दस्तावेज, यात्रा के लिए इजाजत पाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर भी बैठक में चर्चा हुई.

यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाने को सुगम बनाएगा.

सूत्रों ने बताया कि भारत की सीमा में 'फोर लेन' राजमार्ग बनाने पर काम जोरशोर से जारी है.

अधिकारियों ने बताया कि इस राजमार्ग का काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा.

राष्ट्रीय राजमार्ग 354 तक गलियारा के 'जीरो प्वाइंट' को जोड़ने वाले इस राजमार्ग का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी ओर इसी तरह का एक पुल बनाने का अनुरोध किया है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवाजाही मुहैया करेगा तथा बाढ़ से जुड़ी चिंताओं का हल करेगा.

पढ़ें-करतारपुर गलियारे पर एकबार फिर भारत-पाक के बीच होगी बातचीत

यह पुल एक क्रीक (जल धारा) के ऊपर है जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है.

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने कहा है कि वह मिट्टी का तटबंध बनाएगा, यह कदम न सिर्फ भारतीय इलाके में बाढ़ को आमंत्रण देगा बल्कि पुल के ढांचे को भी खतरा पैदा करेगा.

मॉनसून के दौरान जब रावी नदी उफान पर होती है तब इस क्रीक में बाढ़ आ जाती है.

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान का प्रस्ताव तटबंध पर एक सड़क बनाने का भी है. उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के लिए अस्वीकार्य है क्योंकि यह बारहमासी सड़क नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि भारत में डेरा बाबा नानक के यात्री टर्मिनल परिसर के स्थल पर निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है. यह कार्य नवंबर 2019 में गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती से पहले 31 अक्टूबर तक पूरा करने की योजना है. यह करीब 15 एकड़ में बन रहा है. यह रोजना करीब 5,000 श्रद्धालुओं को व्यापक सुविधाएं मुहैया करेगा.

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे. 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नारोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी.

नई दिल्ली: करतारपुर गलियारे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों की अटारी-वाघा सीमा पर बैठक हुई. विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने पाक से रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं और विशेष मौकों पर 10 हजार श्रद्धालुओं को भेजने की मांग की है. इसके अलावा भारत ने मांग की है कि करतारपुर की यात्रा वीजा मुक्त हो.

करतारपुर गलियारे पर बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि बैठक के दौरान 80% मुद्दों पर सहमती हुए है. लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक और बैठक हो सकती है.

बैठक में भारत और पाक के 20-20 अधिकारी शामिल हुए.

पाकिस्तान ने कहा कि इस गलियारे से भारत विरोधी गतिविधियां नहीं होने देंगे. भारत ने मांग की थी कि करतारपुर गलियारे का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. बैठक में भारत ने अपनी सीमा में बनाए जा रहे गलियारे से जुड़ी सूचनाएं साझा कीं. भारतीय अधिकारियों ने 365 दिन श्रद्धालुओं के जाने की इजाजत देने की मांग की है. भारत ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और काउंसलर सेवा की मांग की है.

इस बैठक में 'जीरो प्वाइंट' पर संपर्क और यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. यह बैठक पाकिस्तान की सीमा के अंदर अटारी-वाघा सीमा पर हुई है.

भारत ने इससे पहले इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त कमेटी में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाक को अवगत कराया था.

इसके अलावा यात्रियों की आवाजाही के लिए जरूरी दस्तावेज, यात्रा के लिए इजाजत पाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर भी बैठक में चर्चा हुई.

यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाने को सुगम बनाएगा.

सूत्रों ने बताया कि भारत की सीमा में 'फोर लेन' राजमार्ग बनाने पर काम जोरशोर से जारी है.

अधिकारियों ने बताया कि इस राजमार्ग का काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा.

राष्ट्रीय राजमार्ग 354 तक गलियारा के 'जीरो प्वाइंट' को जोड़ने वाले इस राजमार्ग का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी ओर इसी तरह का एक पुल बनाने का अनुरोध किया है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवाजाही मुहैया करेगा तथा बाढ़ से जुड़ी चिंताओं का हल करेगा.

पढ़ें-करतारपुर गलियारे पर एकबार फिर भारत-पाक के बीच होगी बातचीत

यह पुल एक क्रीक (जल धारा) के ऊपर है जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है.

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने कहा है कि वह मिट्टी का तटबंध बनाएगा, यह कदम न सिर्फ भारतीय इलाके में बाढ़ को आमंत्रण देगा बल्कि पुल के ढांचे को भी खतरा पैदा करेगा.

मॉनसून के दौरान जब रावी नदी उफान पर होती है तब इस क्रीक में बाढ़ आ जाती है.

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान का प्रस्ताव तटबंध पर एक सड़क बनाने का भी है. उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के लिए अस्वीकार्य है क्योंकि यह बारहमासी सड़क नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि भारत में डेरा बाबा नानक के यात्री टर्मिनल परिसर के स्थल पर निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है. यह कार्य नवंबर 2019 में गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती से पहले 31 अक्टूबर तक पूरा करने की योजना है. यह करीब 15 एकड़ में बन रहा है. यह रोजना करीब 5,000 श्रद्धालुओं को व्यापक सुविधाएं मुहैया करेगा.

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे. 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नारोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी.

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KARTARPUR-MEETING
Kartapur corridor: India, Pak teams to meet on July 14 to discuss modalities of the project
          New Delhi, Jul 13 (PTI) Key issues such as connectivity at Zero Point and the number of pilgrims to be allowed through the Kartarpur corridor will be discussed on Sunday when Indian and Pakistani delegates hold a meeting on modalities related to the project, government sources said.
          The meeting will take place at the Attari-Wagah border on the Pakistani side.
          They said India will also flag its concerns over the security aspect. New Delhi had earlier conveyed its strong concerns to Pakistan over the presence of a leading Khalistani separatist in a committee appointed by Islamabad on the project.
          Matters related to the modalities of the corridor, who can use the corridor and its facilities, will be discussed.
          Besides this, the documents required for movement of pilgrims, the number of people to be allowed would be on the meeting agenda, sources said.
          They would also discuss the issue of connectivity at the Zero Point, they added.
          Sources here said India has high expectations from the upcoming meeting and hoped that issues like connectivity at the Zero point and visit of large number of pilgrims on the special occasions will be discussed thoroughly.          
          The project will allow easy access to Sikh pilgrims from India to Gurdwara Darbar Sahib in Kartarpur in Pakistan, the final resting place of Guru Nanak.
          The sources said the work on a four-lane highway on the Indian side is in full swing.
          The four-lane highway connecting the Zero Point of the Kartarpur Corridor up to National Highway-354 is being constructed by the National Highways Authority of India (NHAI). Pakistan is constructing a two-lane highway.
          Officials said the work on the four-lane highway should be completed by September.
          The sources said India is constructing a bridge at the Zero Point and has urged Pakistan to build a similar bridge on its side that will provide safe and secure movement of the pilgrims and address concerns regarding flooding.
          The bridge is over a creek, of which the majority part falls in Pakistan.
          Pakistan said it would build a mud-filled embankment, a move which would not only lead to flooding in areas on the Indian side but also pose a threat to the structure of the Indian bridge, the sources added.
          The creek floods during the monsoon when the Ravi river swells.
          Another proposal put forth by Pakistan was to build a causeway, the sources said, adding that it was unacceptable to India as it would not provide an all-weather road.
         They said the construction work at the site of passenger terminal complex at Dera Baba Nanak in India is on full swing.
          The work has been planned to be completed by October 31 before the commemoration of 550th birth anniversary of Guru Nanak in November.
          In November 2018, Pakistan agreed to set up the border-crossing linking Gurdwara Darbar Sahib in Kartarpur, the final resting place of Sikhism founder Guru Nanak, to Dera Baba Nanak in Punjab's Gurdaspur district.
         Kartarpur is located in Pakistan's Narowal district, about four km from Dera Baba Nanak.
         Vice President M Venkaiah Naidu and Punjab Chief Minister Amarinder Singh had on November 26 last year laid the foundation stone of the Kartarpur corridor in Gurdaspur district.
         Two days later, the Pakistani prime minister laid the foundation stone of the corridor in Narowal, around 125 km from Lahore. PTI PR

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Last Updated : Jul 14, 2019, 4:04 PM IST
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