नई दिल्ली: करतारपुर गलियारे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों की अटारी-वाघा सीमा पर बैठक हुई. विदेश मंत्रालय ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने पाक से रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं और विशेष मौकों पर 10 हजार श्रद्धालुओं को भेजने की मांग की है. इसके अलावा भारत ने मांग की है कि करतारपुर की यात्रा वीजा मुक्त हो.
करतारपुर गलियारे पर बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि बैठक के दौरान 80% मुद्दों पर सहमती हुए है. लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक और बैठक हो सकती है.
बैठक में भारत और पाक के 20-20 अधिकारी शामिल हुए.
पाकिस्तान ने कहा कि इस गलियारे से भारत विरोधी गतिविधियां नहीं होने देंगे. भारत ने मांग की थी कि करतारपुर गलियारे का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. बैठक में भारत ने अपनी सीमा में बनाए जा रहे गलियारे से जुड़ी सूचनाएं साझा कीं. भारतीय अधिकारियों ने 365 दिन श्रद्धालुओं के जाने की इजाजत देने की मांग की है. भारत ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और काउंसलर सेवा की मांग की है.
इस बैठक में 'जीरो प्वाइंट' पर संपर्क और यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. यह बैठक पाकिस्तान की सीमा के अंदर अटारी-वाघा सीमा पर हुई है.
भारत ने इससे पहले इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त कमेटी में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाक को अवगत कराया था.
इसके अलावा यात्रियों की आवाजाही के लिए जरूरी दस्तावेज, यात्रा के लिए इजाजत पाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर भी बैठक में चर्चा हुई.
यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाने को सुगम बनाएगा.
सूत्रों ने बताया कि भारत की सीमा में 'फोर लेन' राजमार्ग बनाने पर काम जोरशोर से जारी है.
अधिकारियों ने बताया कि इस राजमार्ग का काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा.
राष्ट्रीय राजमार्ग 354 तक गलियारा के 'जीरो प्वाइंट' को जोड़ने वाले इस राजमार्ग का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी ओर इसी तरह का एक पुल बनाने का अनुरोध किया है, जो श्रद्धालुओं को सुरक्षित आवाजाही मुहैया करेगा तथा बाढ़ से जुड़ी चिंताओं का हल करेगा.
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यह पुल एक क्रीक (जल धारा) के ऊपर है जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है.
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने कहा है कि वह मिट्टी का तटबंध बनाएगा, यह कदम न सिर्फ भारतीय इलाके में बाढ़ को आमंत्रण देगा बल्कि पुल के ढांचे को भी खतरा पैदा करेगा.
मॉनसून के दौरान जब रावी नदी उफान पर होती है तब इस क्रीक में बाढ़ आ जाती है.
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान का प्रस्ताव तटबंध पर एक सड़क बनाने का भी है. उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के लिए अस्वीकार्य है क्योंकि यह बारहमासी सड़क नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि भारत में डेरा बाबा नानक के यात्री टर्मिनल परिसर के स्थल पर निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है. यह कार्य नवंबर 2019 में गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती से पहले 31 अक्टूबर तक पूरा करने की योजना है. यह करीब 15 एकड़ में बन रहा है. यह रोजना करीब 5,000 श्रद्धालुओं को व्यापक सुविधाएं मुहैया करेगा.
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे. 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नारोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी.