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विश्व में सबसे ज्यादा आत्महत्या वाला देश भारत, जारी हुए आंकड़े

भारत विश्व में सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वाला देश है. ये चौंकाने वाले आंकड़े एक स्वतंत्र संस्था द्वारा जारी किये गये हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 10, 2019, 3:18 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 7:22 PM IST

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नई दिल्ली : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. एक स्वतंत्र संस्था द्वारा जारी किये गये सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी दुनिया में आत्महत्या से होने वाली मौतों के मामले में भारत सबसे आगे है. आंकड़ों की मानें तो कुल आत्महत्याओं की संख्या का 28% भारत में घटित होता है. जाहिर तौर पर भारत में लोगों को सबसे ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की जरूरत है.

आत्महत्या पर आकड़े जारी हुए.

ये सर्वेक्षण कॉसमॉस इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज द्वारा किया गया है.

इसके मुताबिक भारत में मानसिक बीमारी का प्रतिशत 13.7% है और लगभग 15 लाख लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है.

हमारे देश में लोग मानसिक अस्वस्थता को बताने के प्रति भी सबसे ज्यादा उदासीन हैं.

आंकड़ों के मुताबिक 43% लोगों को उनकी मानसिक अस्वस्थता का अंदाजा या उनके परिवार वालों को इसकी जानकारी होती है, लेकिन केवल 20% लोग ही इसके इलाज के लिए पहल करते हैं .
यही वजह है कि सबसे आत्महत्याएं भी भारत में ही हो रही हैं.

CIMBS के द्वारा जारी किये गये आंकड़ों की मानें तो भारत में प्रति एक लाख लोगों में आत्महत्या का औसत 17.8% है जबकि विश्व में ये औसत 10.5% ही है .

ये भी पढ़ें : PM मोदी की हत्या की साजिश के पत्र से मची सनसनी, दिल्ली से NIA और IB की टीम जांच के लिए पहुंची

हर साल 2.2 लाख आत्महत्याएं देश में हो रही हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है. ऐसे में जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए. लोग मानसिक स्वास्थ्य को भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की तरह ही देखें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों से संपर्क करें .

नई दिल्ली : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. एक स्वतंत्र संस्था द्वारा जारी किये गये सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी दुनिया में आत्महत्या से होने वाली मौतों के मामले में भारत सबसे आगे है. आंकड़ों की मानें तो कुल आत्महत्याओं की संख्या का 28% भारत में घटित होता है. जाहिर तौर पर भारत में लोगों को सबसे ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की जरूरत है.

आत्महत्या पर आकड़े जारी हुए.

ये सर्वेक्षण कॉसमॉस इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज द्वारा किया गया है.

इसके मुताबिक भारत में मानसिक बीमारी का प्रतिशत 13.7% है और लगभग 15 लाख लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है.

हमारे देश में लोग मानसिक अस्वस्थता को बताने के प्रति भी सबसे ज्यादा उदासीन हैं.

आंकड़ों के मुताबिक 43% लोगों को उनकी मानसिक अस्वस्थता का अंदाजा या उनके परिवार वालों को इसकी जानकारी होती है, लेकिन केवल 20% लोग ही इसके इलाज के लिए पहल करते हैं .
यही वजह है कि सबसे आत्महत्याएं भी भारत में ही हो रही हैं.

CIMBS के द्वारा जारी किये गये आंकड़ों की मानें तो भारत में प्रति एक लाख लोगों में आत्महत्या का औसत 17.8% है जबकि विश्व में ये औसत 10.5% ही है .

ये भी पढ़ें : PM मोदी की हत्या की साजिश के पत्र से मची सनसनी, दिल्ली से NIA और IB की टीम जांच के लिए पहुंची

हर साल 2.2 लाख आत्महत्याएं देश में हो रही हैं, जो बड़ी चिंता का विषय है. ऐसे में जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए. लोग मानसिक स्वास्थ्य को भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की तरह ही देखें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों से संपर्क करें .

Intro:विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं । एक स्वतंत्र संस्था द्वारा जारी किये गए सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी दुनिया में आत्महत्या से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं भारत में होती हैं । आंकड़ों की माने तो कुल आत्महत्याओं की संख्या का 28% भारत में घटित होता है । जाहिर तौर पर भारत में लोगों को सबसे ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की जरूरत है ।
ये सर्वेक्षण कॉसमॉस इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज द्वारा की गई हैं।
इसके मुताबिक भारत में मानसिक बीमारी का प्रतिशत 13.7% है और लगभग पंद्रह लाख लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है ।
हमारे देश में लोग मानसिक अस्वस्थता को बताने के प्रति भी सबसे ज्यादा उदासीन हैं ।


Body:आंकड़ों के मुताबिक 43% लोगों को उनकी मानसिक अस्वस्थता का अंदाजा या उनके परिवार वालों को इसकी जानकारी होती है लेकिन केवल 20% लोग ही इसके इलाज के लिये पहल करते हैं ।
यही वजह है कि सबसे आत्महत्याएं भी भारत में ही हो रही हैं ।
CIMBS के द्वारा जारी किये गए आंकड़ों की माने तो भारत में प्रति एक लाख लोगों में आत्महत्या का औसत 17.8% है जबकि विश्व में ये औसत 10.5% ही है ।
हर साल 2.2 लाख आत्महत्याएं देश में हो रही हैं जो बड़ी चिंता का विषय है । ऐसे में जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए और लोग मानसिक स्वास्थ्य को भी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की तरह ही देखें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों से संपर्क करें ।


Conclusion:
Last Updated : Oct 10, 2019, 7:22 PM IST
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