ETV Bharat / bharat

भारत कर आतंक से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है: प्रधानमंत्री - कर आतंक से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा

वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये ओडिशा के कटक में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के कार्यालय-सह-रिहायशी परिसर का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने करदाताओं और कर लेने वालों के बीच भरोसे की कमी को समाप्त करने का प्रयास किया है.

111
111
author img

By

Published : Nov 11, 2020, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी सरकार के 'फेसलेस अपील' (पहचान रहित अपील) और विवाद समाधान प्रणाली जैसे कर सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत कर आतंक से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि कंपनी कर की अधिकतम दर को 30 प्रतिशत से कम कर 22 प्रतिशत किया गया है. अपील करने को लेकर लेकर विवादित कर राशि की सीमा बढ़ायी गयी, लाभांश वितरण कर हटाया गया और तेजी से करदाताओं को पैसे वापस किये जा रहे हैं, इन सबसे से कर व्यवस्था में पारदर्शिता आयी है और कर ढांचा सुगम हुआ है.

मोदी ने कहा, पिछली सरकारों में कर आतंक की शिकायत आम बात थी. लोग कर दहशतर्गी की शिकायत करते थे. लेकिन देश अब इसको पीछे छोड़ते हुए कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है.

उन्होंने कहा, देश कर आतंक से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है और यह इसीलिए संभव हुआ है क्योंकि हमने रिफार्म (सुधार), परफार्म (काम) और ट्रांसफार्म (बदलाव) के दृष्टिकोण को अपनाया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने नियमों, प्रक्रियाओं में सुधार लाया है और प्रौद्योगिकी का बड़े स्तर पर उपयोग हो रहा है.

उन्होंने कहा,हम स्पष्ट इरादों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और साथ ही कर प्रशासन की मानसिकता को बदल रहे हैं.

मोदी ने कहा, आज 5 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर है. इससे निम्न मध्यम वर्ग के हमारे देश के युवाओं लाभ मिल रहा है. इस वर्ष बजट में दिए गए आयकर के नए विकल्प ने करदाता के जीवन को सरल बनाया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास की गति तेज करने और भारत को अधिक निवेश के अनुकूल बनाने के लिए कंपनी कर में ऐतिहासिक कटौती की गई है. उन्होंने कहा कि देश में विनिर्माण के मामले में स्वावलंबी बनाने के लिये नयी घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

उन्होंने कहा कि देश के पूंजी बाजार में निवेश बढ़ाने के लिये लाभांश वितरण कर को समाप्त किया गया है.

मोदी ने कहा कि आईटीएटी (आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण) में अपील की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और उच्चतम न्यायालय में 2 करोड़ रुपये की गयी है. ‘‘इन कदमों से विवाद को लेकर बोझ कम हुए और परिणामस्वरूप देश में कारोबार करने में आसानी हुई है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद करदाता और कर संग्रह करने वालों के बीच शोषण और शोषण के संबंधों को बदलने के लिये बहुत कुछ नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि लेकिन अब चीजें बदल रही हैं. उन्होंने ‘फेसलेस अपील’, तेजी से जारी कर वापसी और विवाद समाधान प्रणाली का जिक्र किया.

मोदी ने कहा, कर संग्रह करते समय कर अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि आम लोगों को कोई समस्या नहीं हो. साथ ही लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि कर के रूप में उन्होंने जो राशि दी है, उसका सही उपयोग हुआ है.

उन्होंने कहा, आज का करदाता पूरी कर प्रणाली में भारी बदलाव और पारदर्शिता देख रहा है. अब करदाता को रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता है और कुछ हफ्तों के भीतर ही उसे पैसे मिल जाते हैं और वह कर प्रणाली में पारदर्शिता महसूस करता है.

मोदी ने कहा कि कर विवाद के समाधान और फेसललेस अपील को लेकर जो कदम उठाये गये हैं, उससे भी करदाता कर प्रशासन में पारदर्शिता महसूस करता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में है जहां करदाताओं के अधिकारों और जिम्मेदारियों को संहिताबद्ध किया गया है. यह करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच भरोसा और पारदर्शिता बहाली के लिये महत्वपूर्ण कदम है.

उन्होंने यह भी कहा कि संपत्ति सृजन करने वालों का सम्मान होना चाहिए, उनकी समस्याओं के समाधान से अर्थव्यवस्था की वृद्धि में मदद मिलेगी.

मोदी ने कहा कि 99.75 प्रतिशत कर रिटर्न को बिना किसी संदेह के स्वीकार किया जाना करदाताओं के बीच भरोसा बढ़ाने की दिशा में एक कदम है.

उन्होंने कहा, सरकार करदाताओं पर भरोसा कर रही है...केवल 0.25 प्रतिशत मामलों में जांच की गयी. देश के कर प्रणाली में यह बड़ा बदलाव है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी सरकार के 'फेसलेस अपील' (पहचान रहित अपील) और विवाद समाधान प्रणाली जैसे कर सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत कर आतंक से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि कंपनी कर की अधिकतम दर को 30 प्रतिशत से कम कर 22 प्रतिशत किया गया है. अपील करने को लेकर लेकर विवादित कर राशि की सीमा बढ़ायी गयी, लाभांश वितरण कर हटाया गया और तेजी से करदाताओं को पैसे वापस किये जा रहे हैं, इन सबसे से कर व्यवस्था में पारदर्शिता आयी है और कर ढांचा सुगम हुआ है.

मोदी ने कहा, पिछली सरकारों में कर आतंक की शिकायत आम बात थी. लोग कर दहशतर्गी की शिकायत करते थे. लेकिन देश अब इसको पीछे छोड़ते हुए कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है.

उन्होंने कहा, देश कर आतंक से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है और यह इसीलिए संभव हुआ है क्योंकि हमने रिफार्म (सुधार), परफार्म (काम) और ट्रांसफार्म (बदलाव) के दृष्टिकोण को अपनाया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने नियमों, प्रक्रियाओं में सुधार लाया है और प्रौद्योगिकी का बड़े स्तर पर उपयोग हो रहा है.

उन्होंने कहा,हम स्पष्ट इरादों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और साथ ही कर प्रशासन की मानसिकता को बदल रहे हैं.

मोदी ने कहा, आज 5 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर है. इससे निम्न मध्यम वर्ग के हमारे देश के युवाओं लाभ मिल रहा है. इस वर्ष बजट में दिए गए आयकर के नए विकल्प ने करदाता के जीवन को सरल बनाया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास की गति तेज करने और भारत को अधिक निवेश के अनुकूल बनाने के लिए कंपनी कर में ऐतिहासिक कटौती की गई है. उन्होंने कहा कि देश में विनिर्माण के मामले में स्वावलंबी बनाने के लिये नयी घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

उन्होंने कहा कि देश के पूंजी बाजार में निवेश बढ़ाने के लिये लाभांश वितरण कर को समाप्त किया गया है.

मोदी ने कहा कि आईटीएटी (आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण) में अपील की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये और उच्चतम न्यायालय में 2 करोड़ रुपये की गयी है. ‘‘इन कदमों से विवाद को लेकर बोझ कम हुए और परिणामस्वरूप देश में कारोबार करने में आसानी हुई है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद करदाता और कर संग्रह करने वालों के बीच शोषण और शोषण के संबंधों को बदलने के लिये बहुत कुछ नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि लेकिन अब चीजें बदल रही हैं. उन्होंने ‘फेसलेस अपील’, तेजी से जारी कर वापसी और विवाद समाधान प्रणाली का जिक्र किया.

मोदी ने कहा, कर संग्रह करते समय कर अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि आम लोगों को कोई समस्या नहीं हो. साथ ही लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि कर के रूप में उन्होंने जो राशि दी है, उसका सही उपयोग हुआ है.

उन्होंने कहा, आज का करदाता पूरी कर प्रणाली में भारी बदलाव और पारदर्शिता देख रहा है. अब करदाता को रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता है और कुछ हफ्तों के भीतर ही उसे पैसे मिल जाते हैं और वह कर प्रणाली में पारदर्शिता महसूस करता है.

मोदी ने कहा कि कर विवाद के समाधान और फेसललेस अपील को लेकर जो कदम उठाये गये हैं, उससे भी करदाता कर प्रशासन में पारदर्शिता महसूस करता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में है जहां करदाताओं के अधिकारों और जिम्मेदारियों को संहिताबद्ध किया गया है. यह करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच भरोसा और पारदर्शिता बहाली के लिये महत्वपूर्ण कदम है.

उन्होंने यह भी कहा कि संपत्ति सृजन करने वालों का सम्मान होना चाहिए, उनकी समस्याओं के समाधान से अर्थव्यवस्था की वृद्धि में मदद मिलेगी.

मोदी ने कहा कि 99.75 प्रतिशत कर रिटर्न को बिना किसी संदेह के स्वीकार किया जाना करदाताओं के बीच भरोसा बढ़ाने की दिशा में एक कदम है.

उन्होंने कहा, सरकार करदाताओं पर भरोसा कर रही है...केवल 0.25 प्रतिशत मामलों में जांच की गयी. देश के कर प्रणाली में यह बड़ा बदलाव है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.