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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान को लगाई लताड़

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में राइट ऑफ रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक विमर्ष आर्यन ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा पाकिस्तान को अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव के लिए खतरा बन जाएगा.

विमर्ष आर्यन
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Published : Sep 24, 2020, 10:05 PM IST

नई दिल्ली : जिनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र के दौरान भारत ने कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते गुरुवार को पाकिस्तान पर हमला बोला. पाकिस्तान की ओर से दिए गए बयान के जवाब में राइट ऑफ रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक विमर्ष आर्यन ने कहा कि महामारी के इस असाधारण समय में जब हर कोई मनुष्य की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक मास्क लगा रहा है. दुर्भाग्य से, पाकिस्तान मानव अधिकारों के एक चैंपियन की एक तरह के भद्दे मास्क का उपयोग कर रहा है, जबकि हकीकत यह है कि वह खुद अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित और अत्याचार कर मानव अधिकारों का हनन कर रहा है.

एक राज्य के रूप में पाकिस्तान न केवल पाकिस्तान के भीतर और भारत में अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए एक खतरा है, बल्कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव के लिए खतरा बन जाएगा.

विमर्ष आर्यन का बयान

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार मानव के लिए है, लेकिन पाकिस्तान में यह कहीं दिखाई नहीं देता. एक तरफ पाकिस्तान लोगों के अधिकारों के लिए बोलने का दिखावा करता है, वहीं इसने भारत के खिलाफ राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद फैलाया है और इतना ही नहीं वह निर्दोष लोगों को बेरहमी से निशाना बना रहा है.

उन्होंने परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान जैसे एक असफल राज्य, जहां मूल्यों और संस्कृति की कोई जगह नहीं, वह भारत जैसी खुली और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर भाषण न दे.

इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देश पर परिषद और उसके तंत्र का दुरुपयोग करने और इसके द्वारा किए गए गंभीर मानव अधिकारों के उल्लंघन से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने और इसके खिलाफ अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को स्थापित करने का आरोप लगाया.

विमर्ष आर्यन ने कहा कि इस काउंसिल में भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित, उन मुद्दों पर पाकिस्तान द्वारा लगातार और असंवेदनशील बयानबाजी को देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

इस परिषद के सदस्य के रूप में पाकिस्तान का एकमात्र उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपने लोगों के खिलाफ उसके द्वारा किए गए गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्रों से भटकाना है.

पढ़ें - संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कोविड-19 से निपटने के लिए किया गलत सूचनाओं से लड़ने का आह्वान

विमर्ष आर्यन ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह मानवाधिकार मंच का दुरुपयोग करने के बजाए अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन का पता लगाए.

उन्होंने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि देश मानव अधिकारों पर हर एक अंतरराष्ट्रीय संधि और घोषणा का उल्लंघन कर रहा है.

नई दिल्ली : जिनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र के दौरान भारत ने कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते गुरुवार को पाकिस्तान पर हमला बोला. पाकिस्तान की ओर से दिए गए बयान के जवाब में राइट ऑफ रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक विमर्ष आर्यन ने कहा कि महामारी के इस असाधारण समय में जब हर कोई मनुष्य की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक मास्क लगा रहा है. दुर्भाग्य से, पाकिस्तान मानव अधिकारों के एक चैंपियन की एक तरह के भद्दे मास्क का उपयोग कर रहा है, जबकि हकीकत यह है कि वह खुद अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित और अत्याचार कर मानव अधिकारों का हनन कर रहा है.

एक राज्य के रूप में पाकिस्तान न केवल पाकिस्तान के भीतर और भारत में अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए एक खतरा है, बल्कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव के लिए खतरा बन जाएगा.

विमर्ष आर्यन का बयान

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार मानव के लिए है, लेकिन पाकिस्तान में यह कहीं दिखाई नहीं देता. एक तरफ पाकिस्तान लोगों के अधिकारों के लिए बोलने का दिखावा करता है, वहीं इसने भारत के खिलाफ राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद फैलाया है और इतना ही नहीं वह निर्दोष लोगों को बेरहमी से निशाना बना रहा है.

उन्होंने परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान जैसे एक असफल राज्य, जहां मूल्यों और संस्कृति की कोई जगह नहीं, वह भारत जैसी खुली और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर भाषण न दे.

इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देश पर परिषद और उसके तंत्र का दुरुपयोग करने और इसके द्वारा किए गए गंभीर मानव अधिकारों के उल्लंघन से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने और इसके खिलाफ अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को स्थापित करने का आरोप लगाया.

विमर्ष आर्यन ने कहा कि इस काउंसिल में भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित, उन मुद्दों पर पाकिस्तान द्वारा लगातार और असंवेदनशील बयानबाजी को देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

इस परिषद के सदस्य के रूप में पाकिस्तान का एकमात्र उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपने लोगों के खिलाफ उसके द्वारा किए गए गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्रों से भटकाना है.

पढ़ें - संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कोविड-19 से निपटने के लिए किया गलत सूचनाओं से लड़ने का आह्वान

विमर्ष आर्यन ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह मानवाधिकार मंच का दुरुपयोग करने के बजाए अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन का पता लगाए.

उन्होंने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि देश मानव अधिकारों पर हर एक अंतरराष्ट्रीय संधि और घोषणा का उल्लंघन कर रहा है.

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