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भारत में बहुत जल्द बढ़ेगी बाघों की संख्या, तकनीक का हो रहा प्रयोग : बाबुल सुप्रियो

नई तकनीक का प्रयोग कर 2,967 बाघों की गिनती की गई है. बहुत जल्द ही बाघों के आंकड़ों में और भी इजाफा होगा. ये कहना है पर्यावरण केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो का.

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Published : Jul 30, 2019, 11:59 PM IST

बाबुल सुप्रीयो

नई दिल्ली: विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बाघों की संख्या का ब्यौरा जारी किया है. इसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हुई है, जोकि 2,967 है. इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस सफलता के पीछे नई तकनीक का हाथ है.

केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि बहुत जल्द भारत में बाघों का आंकड़ा तीन हजार हो जाएगा. अन्य देशों की तुलना में भारत में बाघों की संख्या काफी अधिक है. दुनिया में कुल बाघों की संख्या का 70 फीसदी भारत में है.

बाबुल सुप्रियो का संबोधन.

वे आगे बताते हैं कि पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने एक एक्शन प्लान भी शुरू किया है. इसका मकसद बाघों का संरक्षण करना है. जहां तक बात है इंसानों के नाकारात्मक कामों से बाघों को हानि पहुंचाने की तो ये शेरों की संख्या बढ़नें में सबसे अधिक बाधा पैदा कर रहे हैं. इन सभी बातों को इक एक्शन प्लान के मद्दे नजर रखा गया है.

एक्शन प्लान में मुख्य बातें जिन पर होगा काम:

  • सबसे अहम, राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति विकसित करना है. ये रणनीति ऐसी हो जिसके माध्यम से जंगलों के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस प्रशासन और वन विभाग के सक्रिय सहयोग से जानवरों पर नजर रखी जा सके.
  • राज्य स्तर पर ऐसा परियोजना लाई जाए, जिससे ये सुनिश्चित हो कि बाघों के हमले के पीड़ितों को समय पर पूर्व अनुदान भुगतान प्राप्त हो सके.
  • कृषि विभाग के सहयोग से खेती लायक जमीन पर शाकाहारी जीवों के लायक फसलों का व्यापार प्रबंधन करना होगा.
  • जैव विविधता की रक्षा के लिए सामुदायिक संरक्षक करना का विचार है. इन संरक्षकों को बाग मित्र कहा जाएगा.

मंत्री ने बताया कि बाघों की संख्या को गिन्ने के लिए 3 लाख 81 हजार 200 स्कवायर किलोमीटर के वन क्षेत्र में सर्वे किया गया. वहीं 5 लाख 22 हजार 996 स्कवायर किलोमीटर के क्षेत्र में फुट सर्वे किया गया. (पैरों पर चल के किया गया सर्वे) बाघों की गिनती के लिए 26,838 स्थानों पर कैमरे लगाए गए. इन कैमरों की मदद से 51,777 तस्वीरे बाघों की खींची गईं.

आगे वे बताते हैं कि बीते दिनों की बात करें तो इन तकनीकों का इस्तेमाल नहीं होता था बाघों की संख्या गिन्ने के लिए. पहले बाघों के पग मार्क (पैरों के निशान) के सहारे शेरों की संख्या की गिनती होती थी. इससे मिलने वाले आंकड़े हमेशा संभावित होते थे. हमेशा गिनती में चूक होने की संभावनाएं होती थी. अब शेरों के आंकड़ों की गिनती के लिए एक सॉफटवेयर का प्रयोग किया जा रहा है. इसके माध्यम से हम दो बाघों के बीच का अंतर खोज पाते हैं.

इसके साथ ही सुप्रियो ने बताया कि एक शोध में पाया गया कि जैसे इंसानों के उंगलियों के निशान अलग होते हैं उसी प्रकार बाघों के ऊपर की लकीरें भी अलग होती है, जिसका मतलब हर बाघ पर अलग-अलग तरह की लकीरें होंगी. बाघों की लकीरों में अंतर ढूंडने के लिए एक्सट्रैक्ट कमपेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं. 2967 बाघों का जो आंकड़ा दिया गया है, ये काफी जांच परख कर जारी किया गया है.

नई दिल्ली: विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बाघों की संख्या का ब्यौरा जारी किया है. इसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हुई है, जोकि 2,967 है. इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस सफलता के पीछे नई तकनीक का हाथ है.

केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि बहुत जल्द भारत में बाघों का आंकड़ा तीन हजार हो जाएगा. अन्य देशों की तुलना में भारत में बाघों की संख्या काफी अधिक है. दुनिया में कुल बाघों की संख्या का 70 फीसदी भारत में है.

बाबुल सुप्रियो का संबोधन.

वे आगे बताते हैं कि पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने एक एक्शन प्लान भी शुरू किया है. इसका मकसद बाघों का संरक्षण करना है. जहां तक बात है इंसानों के नाकारात्मक कामों से बाघों को हानि पहुंचाने की तो ये शेरों की संख्या बढ़नें में सबसे अधिक बाधा पैदा कर रहे हैं. इन सभी बातों को इक एक्शन प्लान के मद्दे नजर रखा गया है.

एक्शन प्लान में मुख्य बातें जिन पर होगा काम:

  • सबसे अहम, राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति विकसित करना है. ये रणनीति ऐसी हो जिसके माध्यम से जंगलों के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस प्रशासन और वन विभाग के सक्रिय सहयोग से जानवरों पर नजर रखी जा सके.
  • राज्य स्तर पर ऐसा परियोजना लाई जाए, जिससे ये सुनिश्चित हो कि बाघों के हमले के पीड़ितों को समय पर पूर्व अनुदान भुगतान प्राप्त हो सके.
  • कृषि विभाग के सहयोग से खेती लायक जमीन पर शाकाहारी जीवों के लायक फसलों का व्यापार प्रबंधन करना होगा.
  • जैव विविधता की रक्षा के लिए सामुदायिक संरक्षक करना का विचार है. इन संरक्षकों को बाग मित्र कहा जाएगा.

मंत्री ने बताया कि बाघों की संख्या को गिन्ने के लिए 3 लाख 81 हजार 200 स्कवायर किलोमीटर के वन क्षेत्र में सर्वे किया गया. वहीं 5 लाख 22 हजार 996 स्कवायर किलोमीटर के क्षेत्र में फुट सर्वे किया गया. (पैरों पर चल के किया गया सर्वे) बाघों की गिनती के लिए 26,838 स्थानों पर कैमरे लगाए गए. इन कैमरों की मदद से 51,777 तस्वीरे बाघों की खींची गईं.

आगे वे बताते हैं कि बीते दिनों की बात करें तो इन तकनीकों का इस्तेमाल नहीं होता था बाघों की संख्या गिन्ने के लिए. पहले बाघों के पग मार्क (पैरों के निशान) के सहारे शेरों की संख्या की गिनती होती थी. इससे मिलने वाले आंकड़े हमेशा संभावित होते थे. हमेशा गिनती में चूक होने की संभावनाएं होती थी. अब शेरों के आंकड़ों की गिनती के लिए एक सॉफटवेयर का प्रयोग किया जा रहा है. इसके माध्यम से हम दो बाघों के बीच का अंतर खोज पाते हैं.

इसके साथ ही सुप्रियो ने बताया कि एक शोध में पाया गया कि जैसे इंसानों के उंगलियों के निशान अलग होते हैं उसी प्रकार बाघों के ऊपर की लकीरें भी अलग होती है, जिसका मतलब हर बाघ पर अलग-अलग तरह की लकीरें होंगी. बाघों की लकीरों में अंतर ढूंडने के लिए एक्सट्रैक्ट कमपेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं. 2967 बाघों का जो आंकड़ा दिया गया है, ये काफी जांच परख कर जारी किया गया है.

Intro:New Delhi: "India will soon touch the mark of three thousand tigers. India has good number of Tigers across the world. 70 percent of World's tigers live in India," said Minister of State for Environment, Babul Supriyo, on Tuesday.


Body:The National Tiger Conservation Authority (NTCA), Ministry of Environment, Forest and Climate Change also launched an action plan for cross sectoral approach in tiger conservation. Considering the human tiger negative interaction as a major issue in the increase in the number of Tigers, a multi-prolonged approach is being mentioned in the action plan, including,

• Developing a national level strategy for management of interspace and dispersing tigers ensuring active collaboration of police Administration and Forest Department to ensure safe capture aur movement of dispersing animals.
• Developing a state level mechanism to ensure that victims of tigers attack get ex ex-gratia payment on time.
• Management of Crop trading herbivorous in agriculture fields in collaboration with Department of Agriculture.
• Addressing livestock death due to predation by tiger and development of an insurance policy.
• Community Guardians (Bagh Mitras) for protecting biodiversity.





Conclusion:While addressing the event of Global Tiger Day, the Minister also acknowledged the efforts made to further increase the number of Tigers and the technologies used to count the number of Tigers living in India.
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