नई दिल्लीः पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पराबैगनी किरणों को वायुमंडल में आने से रोकने वाली ओजोन की परत के संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि इस दिशा में भारत के प्रयास जारी रहेंगे.
जावड़ेकर ने सोमवार को 25वें विश्व ओजोन दिवस के मौके पर कहा कि भारत ओजोन के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'विश्व ओजोन दिवस 2019 की वैश्विक स्तर पर थीम 32 इयर्स एंड हीलिंग है. यह हमें वायुमंडल में ओजोन की परत के संरक्षण के प्रयासों को जारी रखने की प्रतिबद्धता को याद दिलाता है.'
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उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में सार्थक पहल कर राष्ट्रीय स्तर पर 'कूलिंग प्लान' को लागू करने वाला पहला देश है. उल्लेखनीय है कि यातायात के साधनों, रेफ्रिजरेटर और उद्योग क्षेत्र के अलावा आवासीय एवं औद्योगिक इमारतों को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल होने वाली कूलिंग तकनीक के उत्सर्जन से ओजोन की परत को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भारत ने 'कूलिंग एक्शन प्लान' लागू किया है.
इस बीच केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक में पार्टिकुलेट तत्वों के अलावा ओजोन प्रदूषण के प्रभावी कारकों में उभरा है. यह स्थिति दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में गंभीर पाई है.
पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी कहा है कि ओजोन के संक्षरण को भारत, चरणबद्ध तरीके से 2020 तक रोकने की कार्ययोजना पर काम कर रहा है.
सुप्रियो ने एक कार्यक्रम में कहा कि ओजोन के क्षरण के लिए जिम्मेदार हाइड्रो क्लोरोफ्लोरो कार्बन तत्वों के उत्सर्जन को 2020 तक चरणबद्ध तरीके से रोकने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है.
भारत ने इस लक्ष्य को हासिल करने की चुनौती को सक्रियतापूर्वक स्वीकार किया है. मंत्रालय की ओजोन इकाई और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम इसमें तकनीकी पवं वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रहा है.