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चीन के इन सात एयरबेस पर भारत की नजर, कुछ दिनों से बढ़ी है हलचल

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एलएसी पर चीनी गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक भारत चीन के लगभग सात एयरबेस पर नजर रखे हुए है.

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Published : Aug 20, 2020, 6:21 PM IST

नई दिल्ली : भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारतीय खुफिया एजेंसियां चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं. एजेंसियां लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक एलएसी (लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल) के उस पार तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.

बताया जा रहा है कि भारतीय एजेंसी चीन के लगभग सात एयरबेस पर नजर रखे हुए है.

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां चीन शिंजायांग प्रांत और तिब्बत क्षेत्र स्थित PLAAF के होटन, गार गुंसा, काशगर, होप्पिंग, कोंका जोंग, लिंजी और पंगट एयरबेसों पर नजर रखे हुए है.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में चीनी एयर फोर्स ने अपने कुछ एयरबेस को अपग्रेड किया है. इसके अंतर्गत रनवे की लंबाई बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं.

सूत्रों ने बताया कि चीन का लिंजी एयरबेस भारत की पूर्वोत्तर भाग के काफी करीब है. यह चीन का मुख्य हेलिकॉप्टर बेस है. चीन ने यहां हेलिपैड का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए आवश्यक गतिविधियों और क्षमताओं को बढ़ाना है.

PLAAF ने लद्दाख सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिनमें सुखोई -30 के चीनी संस्करण के साथ साथ स्वदेशी जे-सीरीज विमान शामिल हैं, जिसकी सैटेलाइट और अन्य माध्यमों से भारत द्वारा निगरानी की जा रही है.

पढ़ें - सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच आज राजनयिक स्तर की बैठक

चीन के साथ अप्रैल- मई महीने के दौरान बढ़े तनाव के बाद भारत ने सुखोई 30 एमकेआई, मिग 29 और मिराज विमानों को एलएसी पर तैनात किया था.

लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायु सेना को चीन पर स्पष्ट बढ़त हासिल है, क्योंकि चीन के लड़ाकू विमानों को बहुत ज्यादा ऊंचाई वाले एयर बेसों से उड़ान भरना पड़ता है, जबकि भारतीय विमान मैदानी इलाकों से उड़ान भरने के बाद तुरंत ही पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच सकते हैं.

नई दिल्ली : भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारतीय खुफिया एजेंसियां चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं. एजेंसियां लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक एलएसी (लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल) के उस पार तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.

बताया जा रहा है कि भारतीय एजेंसी चीन के लगभग सात एयरबेस पर नजर रखे हुए है.

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां चीन शिंजायांग प्रांत और तिब्बत क्षेत्र स्थित PLAAF के होटन, गार गुंसा, काशगर, होप्पिंग, कोंका जोंग, लिंजी और पंगट एयरबेसों पर नजर रखे हुए है.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में चीनी एयर फोर्स ने अपने कुछ एयरबेस को अपग्रेड किया है. इसके अंतर्गत रनवे की लंबाई बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं.

सूत्रों ने बताया कि चीन का लिंजी एयरबेस भारत की पूर्वोत्तर भाग के काफी करीब है. यह चीन का मुख्य हेलिकॉप्टर बेस है. चीन ने यहां हेलिपैड का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए आवश्यक गतिविधियों और क्षमताओं को बढ़ाना है.

PLAAF ने लद्दाख सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिनमें सुखोई -30 के चीनी संस्करण के साथ साथ स्वदेशी जे-सीरीज विमान शामिल हैं, जिसकी सैटेलाइट और अन्य माध्यमों से भारत द्वारा निगरानी की जा रही है.

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चीन के साथ अप्रैल- मई महीने के दौरान बढ़े तनाव के बाद भारत ने सुखोई 30 एमकेआई, मिग 29 और मिराज विमानों को एलएसी पर तैनात किया था.

लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायु सेना को चीन पर स्पष्ट बढ़त हासिल है, क्योंकि चीन के लड़ाकू विमानों को बहुत ज्यादा ऊंचाई वाले एयर बेसों से उड़ान भरना पड़ता है, जबकि भारतीय विमान मैदानी इलाकों से उड़ान भरने के बाद तुरंत ही पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच सकते हैं.

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