इस मामले में आरोपी संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी के वकीलों द्वारा सवाल पूछे जाने के दौरान स्वामी ने कहा कि जब वाईआई ने एजेएल पर नियंत्रण हासिल किया तो कांग्रेस अध्यक्ष की वाईआई में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
भाजपा नेता ने पूछताछ में कहा, ‘यह कहना गलत है कि मैंने द्वेषपूर्ण तरीके से वाईआई द्वारा एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा हासिल करने संबंधी झूठे आरोप लगाए और अब मैं इस मुद्दे पर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा हूं.’
वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा और रमेश गुप्ता के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी ने कहा, ‘इस मामले में संपत्तियों का भौतिक कब्जा अप्रांसगिक है क्योंकि यह मामला कब्जे का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का है.’
गांधी के वकीलों ने कुल 18 सवाल पूछे. इसके बाद भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें संसद जाना है और फिर अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 23 फरवरी की तारीख तय की.
स्वामी ने शिकायत में गांधी और अन्य लोगों पर धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है.
सभी सातों आरोपियों सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया लिमिटेड ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है.