गुवाहाटी : ऐसे समय में जब कोविड-19 संक्रमण ने सभी को झंझोड़ कर रख दिया है, असम में एक युवा कार्टूनिस्ट ने अपनी कला के माध्यम से न केवल लोगों को कोविड-19 के बारे में जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है, बल्कि अनिश्चितता और फर्जी खबरों का मुकाबला करने के लिए भी कुछ कदम उठाए हैं.
जी हां ! अनामिका रॉय मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से असम निवासी कार्टूनिस्ट नितुपर्णा राजबंशी ने ज्यादातर सोशल मीडिया पर इस अभियान को लॉच किया है.
उनका इरादा न केवल कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता फैलाना है, बल्कि उन सैकड़ों फर्जी खबरों को भी उजागर करना है, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं.
राजबंशी का कहना है कि लॉक डाउन ने कुछ हद तक लोगों को सोशल मीडिया की तरफ झुका दिया है. इस स्थिति का फायदा उठाते हुए कुछ गुटों ने सोशल मीडिया के पन्नों को फर्जी खबरों से भर दिया है. इसका समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं कोरोना वायरस और इसके प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कार्टून बना रहा हूं. मैंने समाज से जुड़े सांप्रदायिकता और अंधविश्वास आदि के बारे में जागरूकता लाने की कोशिश की है, जिससे कोरोना संक्रमण की इस स्थिति से निपटा जा सके. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कार्टून के जरिए लॉकडाउन के दौरान लोगों की दुर्दशा को उजागर करने की कोशिश भी की गई है.
आपको बता दें कि राजबंशी ने सुभम नामक एक स्वैच्छिक संगठन के साथ भी हाथ मिलाया था, ताकि लॉकडाउन के कारण पीड़ित लोगों की मदद के लिए फंड तैयार किया जा सके.
उन्होंने कहा कि जो लोग इस उद्देश्य के लिए धन दान करने आएंगे उन्हें प्रशंसा के तौर पर एक कार्टून दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वह इस प्रक्रिया को जारी रखेंगे और तालाबंदी खत्म होने के बाद भी उनके प्रयास जारी रहेंगे.
इसके साथ ही डॉ अनामिका रॉय मेमोरियल ट्रस्ट के अंकुरन दत्ता ने कहा कि यह पहली बार है कि कार्टून के माध्यम से असम में फर्जी खबरों के खिलाफ अभियान चलाया गया है.
दत्ता ने कहा कि उनका इरादा लोगों के लिए सच्चाई खोजने और सभी को नकली समाचारों के प्रचार-प्रसार से दूर रखने का है.