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पाक को प्रतिबंधित कर सकता है FATF, हताश हैं PM इमरान

ओआरएफ अनुसंधान के निदेशक प्रो हर्ष पंत ने पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान के आपत्तीजनक ट्वीट को उनकी हताशा बताया है साथ ही यह भी कहा कि, 'आतंकवाद पर अंकुश न लगाने की वजह से पाकिस्तान को एशिया-प्रशांत समूह के निर्णय के बाद एफएटीएफ (फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स) में ब्लैक लिस्ट होने की संभावना काफी बढ़ गई है'.

इमरान खान,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
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Published : Aug 23, 2019, 11:04 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:14 AM IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ट्विटर के माध्यम से भारत पर लगातार टिप्पणी कर रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में इमरान ने कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी की है. इमरान के इस रवैये पर ईटीवी भारत ने राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के जानकार हर्ष पंत से बात की. उन्होंने कहा कि इमरान के इस कदम ने दोनों देशों के बीच बातचीत करना नामुमकिन बना दिया है.

ईटीवी भारत से हुई खास बातचीत में हर्ष पंत ने कहा कि 'पाकिस्तान बहुत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसे मौके पर यह पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाना उसके लिए बहुत बुरी खबर है. अक्टूबर तक सभी मानकों पर खरा उतरना पाकिस्तान के लिए मुश्किल है और अगर ऐसा हुआ तो एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान के बैन किया जा सकता है. पंत ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हैं.

आपको बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने एक ट्वीट में उन्होंने कश्मीर मुद्दे से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने के लिए भारत को दोषी ठहराया था.

इमरान ने लिखा, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह करना चाहता हूं कि भारतीय नेतृत्व सभी संभावित झूठे फ्लैग ऑपरेशन का प्रयास करेगा, ताकि उसके बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और IOJK में आतंक के मुद्दे से ध्यान भटका सके.

ट्वीट से दिख रही हताशा
प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने कहा, 'ऐसा लगता है कि धारा 370 को रद्द करने के नई दिल्ली के फैसले के अंतरराष्ट्रीयकरण के इमरान खान के प्रयास निश्चित रूप से काम नहीं कर रहे हैं. इसमेंं इमरान जितना अधिक असफल हो रहे हैं, उतनी उनकी हताशा बढ़ती जा रही है जो उनके ट्वीट में साफ जाहिर होती है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए सबसे बेहतर विकल्प भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना है. वो जितनी नफरत भरी बयानबाजी करेंगे, उनके लिए उतनी दिक्कतें बढ़ेंगी.

साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कश्मीर मुद्दे पर भारत के समर्थन की बात करते हुए कहा कि, विदेश नीति विशेषज्ञ ने यहां तक ​​कहा कि यूएई सहित पाकिस्तान के कई पारंपरिक साझेदारों ने भारत का समर्थन किया है और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से इसे हल करने के लिए कहा है.

पाक हो सकता है ब्लैकलिस्ट
फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का फैसले लिया है. यह फैसला पाक द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण प्रयासों को रोकने में असफल होने पर लिया गया है.

एफएटीएफ के इस फैसले पर हर्ष पंत ने पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि FATF द्वारा पाक को ब्लैकलिस्ट करने की संभावना बढ़ गई है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान क्यों एफएटीएफ के सदस्यों को समझाने में नाकाम रहा है जिनका खास तौर पर जोर आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को बंद करने को लेकर था, जिसको लेकर पाकिस्तान आरोप लगे हैं.

बकौल प्रोफेसर पंत, जैसा कि सदस्यों ने कहा कि पाकिस्तान ज्यादातर मुद्दों पर खरा नहीं उतर पाया है, इससे यह साबित हो जाता है कि आतंकवाद, इसके वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने की पाकिस्तान की इच्छा शक्ति बहुत कमजोर है. ऐसे में पाकिस्तान के बैन होने के आसार काफी बढ़ गए हैं.

पढ़ें-आतंकी फंडिंग की वजह से पाक को किया गया ब्लैकलिस्ट

बता दें कि एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत समूह ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. समूह द्वारा निर्धारित कुल 40 मापदंडों में से, पाकिस्तान लगभग 36 पर विफल रहा है, जबकि यह कुल 11 प्रभावशीलता मापदंडों में से केवल एक पर सफल रहा है.

इस मामले के जानकार अधिकारी ने बताया, अब पाकिस्तान को अक्टूबर में एफएटीएफ ब्लैकलिस्ट से बचने की कोशिश करनी होगी. अक्टूबर में 15 महीने की अवधि खत्म होगी. इस अवधि में पाक को FATF के 27 सूत्री एक्शन प्लान को पूरा करना है. इसमें असफल रहने पर पाकिस्तान को कर्ज मिलना और मुश्किल हो जाएगा.

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ट्विटर के माध्यम से भारत पर लगातार टिप्पणी कर रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में इमरान ने कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी की है. इमरान के इस रवैये पर ईटीवी भारत ने राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के जानकार हर्ष पंत से बात की. उन्होंने कहा कि इमरान के इस कदम ने दोनों देशों के बीच बातचीत करना नामुमकिन बना दिया है.

ईटीवी भारत से हुई खास बातचीत में हर्ष पंत ने कहा कि 'पाकिस्तान बहुत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसे मौके पर यह पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाना उसके लिए बहुत बुरी खबर है. अक्टूबर तक सभी मानकों पर खरा उतरना पाकिस्तान के लिए मुश्किल है और अगर ऐसा हुआ तो एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान के बैन किया जा सकता है. पंत ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हैं.

आपको बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने एक ट्वीट में उन्होंने कश्मीर मुद्दे से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने के लिए भारत को दोषी ठहराया था.

इमरान ने लिखा, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह करना चाहता हूं कि भारतीय नेतृत्व सभी संभावित झूठे फ्लैग ऑपरेशन का प्रयास करेगा, ताकि उसके बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और IOJK में आतंक के मुद्दे से ध्यान भटका सके.

ट्वीट से दिख रही हताशा
प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने कहा, 'ऐसा लगता है कि धारा 370 को रद्द करने के नई दिल्ली के फैसले के अंतरराष्ट्रीयकरण के इमरान खान के प्रयास निश्चित रूप से काम नहीं कर रहे हैं. इसमेंं इमरान जितना अधिक असफल हो रहे हैं, उतनी उनकी हताशा बढ़ती जा रही है जो उनके ट्वीट में साफ जाहिर होती है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए सबसे बेहतर विकल्प भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना है. वो जितनी नफरत भरी बयानबाजी करेंगे, उनके लिए उतनी दिक्कतें बढ़ेंगी.

साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कश्मीर मुद्दे पर भारत के समर्थन की बात करते हुए कहा कि, विदेश नीति विशेषज्ञ ने यहां तक ​​कहा कि यूएई सहित पाकिस्तान के कई पारंपरिक साझेदारों ने भारत का समर्थन किया है और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से इसे हल करने के लिए कहा है.

पाक हो सकता है ब्लैकलिस्ट
फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का फैसले लिया है. यह फैसला पाक द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण प्रयासों को रोकने में असफल होने पर लिया गया है.

एफएटीएफ के इस फैसले पर हर्ष पंत ने पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि FATF द्वारा पाक को ब्लैकलिस्ट करने की संभावना बढ़ गई है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान क्यों एफएटीएफ के सदस्यों को समझाने में नाकाम रहा है जिनका खास तौर पर जोर आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को बंद करने को लेकर था, जिसको लेकर पाकिस्तान आरोप लगे हैं.

बकौल प्रोफेसर पंत, जैसा कि सदस्यों ने कहा कि पाकिस्तान ज्यादातर मुद्दों पर खरा नहीं उतर पाया है, इससे यह साबित हो जाता है कि आतंकवाद, इसके वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने की पाकिस्तान की इच्छा शक्ति बहुत कमजोर है. ऐसे में पाकिस्तान के बैन होने के आसार काफी बढ़ गए हैं.

पढ़ें-आतंकी फंडिंग की वजह से पाक को किया गया ब्लैकलिस्ट

बता दें कि एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत समूह ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. समूह द्वारा निर्धारित कुल 40 मापदंडों में से, पाकिस्तान लगभग 36 पर विफल रहा है, जबकि यह कुल 11 प्रभावशीलता मापदंडों में से केवल एक पर सफल रहा है.

इस मामले के जानकार अधिकारी ने बताया, अब पाकिस्तान को अक्टूबर में एफएटीएफ ब्लैकलिस्ट से बचने की कोशिश करनी होगी. अक्टूबर में 15 महीने की अवधि खत्म होगी. इस अवधि में पाक को FATF के 27 सूत्री एक्शन प्लान को पूरा करना है. इसमें असफल रहने पर पाकिस्तान को कर्ज मिलना और मुश्किल हो जाएगा.

Intro:After Financial Action Task Force's Asia Pacific group's decision to blacklist Pakistan for non-compliance of anti-money laundering and combating terror financing efforts, Observer Research Foundation's Director Research questioned Pakistan's intent and claimed that possibility of FATF blacklisting it have increased.


Body:Talking exclusively to ETV Bharat, he said, 'Pakistan is going through a very severe economic crisis. And, at this particular point, it is very bad news for Pakistan as it makes it difficult for it to change the final outcome of the FATF result which will come in October where it might get blacklisted.'

Questioning Islamabad's intent to take action against the terror emanating from its soil, the ORF's Director Research said, 'Pakistan has not been able to convince the members of the effective that is serious about term financing in money laundering which it has been accused of.'


Conclusion:FATF's Asia-Pacific group took this decision during a review meeting in Australia's capital Canberra. Of total 40 parameters set by regional grouping, Pakistan has failed on around 36, while it passed on only one of the total 11 effectiveness parameters.
Last Updated : Sep 28, 2019, 1:14 AM IST
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