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कोरोना से दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय प्रभावित, देखें रिपोर्ट

कोरोना काल में राजधानी दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय पर बड़ा असर पड़ा है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी के प्रमुख मंदिरों से एक रिपोर्ट तैयार की है. विस्तार से पढ़ें...

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दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय प्रभावित
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Published : Oct 24, 2020, 3:43 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय पर भी बड़ा असर पड़ा है. मंदिरों की आय न केवल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं पर निर्भर करती है, बल्कि मंदिर परिसर में मौजूद फूल प्रसाद की दुकानें और धर्मशालाएं, अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए किराए पर दिए जाने वाले कमरे पर टिकी होती है.

कोरोना से दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय प्रभावित

लक्ष्मी नारायण मंदिर में नहीं आ रहा कोई चढ़ावा या डोनेशन
दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक लक्ष्मी नारायण मंदिर जिसे बिरला मंदिर भी कहा जाता है. यह राजधानी में एक पर्यटन का केंद्र भी है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते मंदिर के राजस्व पर बड़ा असर पड़ा है. कोरोना के कारण पर्यटक और श्रद्धालु मंदिर कम पहुंच रहे हैं. साथ ही मंदिर की धर्मशालाएं व मंदिर परिसर में होने वाले पेड कार्यक्रम आदि बंद हैं.

मंदिर के बाहर पूजा सामग्री विक्रेता
मंदिर के बाहर पूजा सामग्री विक्रेता

मंदिर कमेटी की तरफ से अभिषेक पाठक ने बताया कि सरकार की तरफ से जो गाइडलाइन है, उसी को फॉलो करते हुए सभी चीजें बंद रखी गई हैं. पहले मंदिर में बाहरी लोग हवन करवाने या किसी न किसी धार्मिक कार्य के लिए आते थे और किराए पर कमरा लेते थे, लेकिन अभी मंदिर में इस प्रकार से कार्यक्रमों को बंद रखा गया है और न ही मंदिर में किसी प्रकार का चढ़ावा आ रहा है.

मंदिर के बाहर की दुकानें
मंदिर के बाहर की दुकानें

कालकाजी मंदिर में मौजूद दुकानों से नहीं आता कोई राजस्व
सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कोरोना के कारण मंदिर में जहां पहले श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे थे. वहीं, अब धीरे-धीरे श्रद्धालु आना शुरू हुए हैं. इसके अलावा मंदिर परिसर में जो फूल, प्रसाद व खिलौने की दुकानें हैं, उन दुकानों से मंदिर का राजस्व नहीं जुड़ा हुआ है. क्योंकि वह दुकानें किसी भी प्रकार से कोई किराया मंदिर प्रशासन को नहीं देती हैं, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई सालों से केस भी चल रहा है.

कालकाजी मंदिर परिसर
कालकाजी मंदिर परिसर

यह भी पढ़ें- पूर्व मुख्य सचिव ने मीडिया पर जताई चिंता, कहा- विभाजित हो रहा समाज

दुकानदारों ने कहा कि हम नहीं देते दुकानों का किराया
कालकाजी मंदिर में मौजूद इन दुकानों के दुकानदारों का कहना है कि पिछले करीब 15 सालों से यह केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. क्योंकि मंदिर के पुजारियों की तरफ से दुकानों का किराया बढ़ाया गया था और मनमाने ढंग से हमें यहां से हटाने की कोशिश की जा रही थी. जिसको लेकर हम कोर्ट पहुंचे और फिर हमें कोर्ट से यहां स्टे दिया गया है और मामला अभी कोर्ट में लंबित है.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय पर भी बड़ा असर पड़ा है. मंदिरों की आय न केवल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं पर निर्भर करती है, बल्कि मंदिर परिसर में मौजूद फूल प्रसाद की दुकानें और धर्मशालाएं, अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए किराए पर दिए जाने वाले कमरे पर टिकी होती है.

कोरोना से दिल्ली के प्रमुख मंदिरों की आय प्रभावित

लक्ष्मी नारायण मंदिर में नहीं आ रहा कोई चढ़ावा या डोनेशन
दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक लक्ष्मी नारायण मंदिर जिसे बिरला मंदिर भी कहा जाता है. यह राजधानी में एक पर्यटन का केंद्र भी है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते मंदिर के राजस्व पर बड़ा असर पड़ा है. कोरोना के कारण पर्यटक और श्रद्धालु मंदिर कम पहुंच रहे हैं. साथ ही मंदिर की धर्मशालाएं व मंदिर परिसर में होने वाले पेड कार्यक्रम आदि बंद हैं.

मंदिर के बाहर पूजा सामग्री विक्रेता
मंदिर के बाहर पूजा सामग्री विक्रेता

मंदिर कमेटी की तरफ से अभिषेक पाठक ने बताया कि सरकार की तरफ से जो गाइडलाइन है, उसी को फॉलो करते हुए सभी चीजें बंद रखी गई हैं. पहले मंदिर में बाहरी लोग हवन करवाने या किसी न किसी धार्मिक कार्य के लिए आते थे और किराए पर कमरा लेते थे, लेकिन अभी मंदिर में इस प्रकार से कार्यक्रमों को बंद रखा गया है और न ही मंदिर में किसी प्रकार का चढ़ावा आ रहा है.

मंदिर के बाहर की दुकानें
मंदिर के बाहर की दुकानें

कालकाजी मंदिर में मौजूद दुकानों से नहीं आता कोई राजस्व
सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कोरोना के कारण मंदिर में जहां पहले श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे थे. वहीं, अब धीरे-धीरे श्रद्धालु आना शुरू हुए हैं. इसके अलावा मंदिर परिसर में जो फूल, प्रसाद व खिलौने की दुकानें हैं, उन दुकानों से मंदिर का राजस्व नहीं जुड़ा हुआ है. क्योंकि वह दुकानें किसी भी प्रकार से कोई किराया मंदिर प्रशासन को नहीं देती हैं, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई सालों से केस भी चल रहा है.

कालकाजी मंदिर परिसर
कालकाजी मंदिर परिसर

यह भी पढ़ें- पूर्व मुख्य सचिव ने मीडिया पर जताई चिंता, कहा- विभाजित हो रहा समाज

दुकानदारों ने कहा कि हम नहीं देते दुकानों का किराया
कालकाजी मंदिर में मौजूद इन दुकानों के दुकानदारों का कहना है कि पिछले करीब 15 सालों से यह केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. क्योंकि मंदिर के पुजारियों की तरफ से दुकानों का किराया बढ़ाया गया था और मनमाने ढंग से हमें यहां से हटाने की कोशिश की जा रही थी. जिसको लेकर हम कोर्ट पहुंचे और फिर हमें कोर्ट से यहां स्टे दिया गया है और मामला अभी कोर्ट में लंबित है.

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