हैदराबाद : कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अेर्थव्यवस्था के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों को प्रभावित किया है. मुख्य तौर पर औद्योगिक क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखने को मिला है. औद्योगिक क्षेत्र में कोरोना वायरस के चलते आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) और उत्पादन को रोकना पड़ गया है.
अमेरिका के डेट्रायट, मिशिगन और न्यू इंग्लैंड क्षेत्र, इटली के लोम्बार्डी क्षेत्र, तुर्की के इंसतांबुल, स्पेन के बास्क क्षेत्र, डेनमार्क के कोपेनहेगन और दक्षिण कोरिया को उल्सान को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग हब नाम दिया है, यहां कोरोना का असर साफ देखा जा सकता है.
तेजी से फैल रही कोरोना महामारी से अमेरिका में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट देखी गई है. देश में मंदी का दौर आने की नौबत आ गई है. इसी तरह तुर्की, इटली, डेनमार्क और स्पेन में कोविड -19 ने अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र को प्रभावित किया है.
कई निर्माता पहले से ही अन्य आर्थिक चुनौतियों जैसे अस्थिर विनिमय दर, बढ़ती ब्याज दर का सामना कर रहे थे. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और मौतों की रिपोर्ट लोगों की चिंता को बढ़ा रही है साथ ही विनिर्माण क्षेत्रों को इस बीमारी को रोकने कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर रही है. वहीं आर्थिक मंदी का होना भी चिंता बढ़ा रहा है.
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छोटे और मध्यम उद्योग (एसएमई) भी कोरोना की मार से नहीं बच पाए हैं. बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने कई देशों में लॉकडाउन किया गया लेकिन दक्षिण कोरिया में लोगों में जागरुकता होने से और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होने से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोक लिया गया. बावजूद इसके दक्षिण कोरिया का विनिर्माण क्षेत्र कोरोना की मार झेल रहा है.
वहीं अमेरिका में कई फैक्ट्रियां कोविड-19 से लड़ने में मदद करने के लिए खुली हुई हैं. जनरल मोटर्स और फोर्ड मोटर जैसी बड़ी कंपनियां जो कारों का निर्माण करती हैं, अब वेंटिलेटर, मास्क, फेस शील्ड और अन्य पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट बनाने का काम कर रही हैं. व्हिस्की और रम बनाने वाली डिस्टिलरीज अब हैंड सैनिटाइजर बन रही हैं. लेकिन पूरी तरह से अलग उत्पाद बनाने के लिए कारखानों को फिर से संगठित करना एक बड़ा काम है, जिसमें समय लगता है, जबकि इन उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है.