नई दिल्ली : आधुनिक चिकित्सा को आयुष के साथ एकीकृत करने के सरकार के कदम के विरोध स्वरूप आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने वाले देशभर के पांच लाख से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे. इसका निर्णय सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया.
आईएमए के महासचिव डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि गैर-आवश्यक सेवाओं पर एक विशिष्ट अवधि के लिए पांच लाख से अधिक डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं देंगे. यह विरोध की शुरुआत है. हमें उम्मीद है कि सरकार इसका जवाब देगी.
बता दें कि आईएमए आयुष के साथ आधुनिक चिकित्सा को एकीकृत करने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध कर रहा है.
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डॉ. अशोकन ने कहा कि आधुनिक चिकित्सक सरकार के इस कदम का विरोध करेंगे. हमारे पास आईएमए के 3.25 लाख सदस्य हैं. सरकार के इस कदम से आधुनिक चिकित्सा के सभी नौ लाख डॉक्टर प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से जूनियर डॉक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. आईएमए आधुनिक चिकित्सा के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करने के लिए सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) को अदालत में ले जाने की भी योजना बना रहा है.
उन्होंने कहा कि हम इस मिक्सोपैथी (दवा के सभी रूपों को एक साथ एकीकृत) के खिलाफ हैं. इसे आईएमए और आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
सीसीआईएम भारत की मेडिकल काउंसिल का समकालीन है. यह आधुनिक चिकित्सा को बढ़ावा देता है, जिसे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है.
बता दें कि नीति आयोग ने हाल ही में चिकित्सा के विभिन्न रूपों के एकीकरण की प्रक्रिया को देखने के लिए चार समितियों का गठन किया है.