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आईएमए कमांडेंट जेएस नेगी ने बताया कोरोना काल में कैसी होगी पासिंग आउट परेड

उत्तराखंड देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकेडमी में 13 जून को पासिंग आउट परेड होने जा रही है. इस परेड को लेकर सभी तैयारियां भी कर ली गई है. लेकिन, पीओपी से पहले ईटीवी भारत पर पहली बार आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने अकादमी में प्रशिक्षण को लेकर जानकारियों को साझा किया है.

Information given by the IMA commandant on the passing out parade.
पासिंग आउट परेड पर आईएमए कमांडेंट ने दी जानकारी.
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Published : Jun 12, 2020, 10:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की भारतीय सैन्य अकादमी देश को जांबाज अफसर देती आई है. कठिन शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण के दौरान न केवल जेंटेलमेंन कैडेट्स बल्कि अकादमी के अफसर भी इनपर खासी मेहनत करते हैं. इस दौरान ईटीवी भारत पर पहली बार खुद आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने कोविड-19 के खतरे के बीच प्रशिक्षण को लेकर बरती गई एहतियातों पर जानकारी दी.

इंडियन मिलिट्री अकेडमी में 13 जून को पासिंग आउट परेड होने जा रही है. इस परेड को लेकर सभी तैयारियां भी कर ली गई हैं लेकिन पीओपी से पहले ईटीवी भारत पर पहली बार आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने अकादमी में प्रशिक्षण को लेकर जानकारियों को साझा किया है. दरअसल, इस बार कोविड-19 के चलते परेड बेहद खास है और इसमें कई ऐतिहासिक बदलाव किए गए है. 13 जून शनिवार को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और आर्म्ड आर्मी कमांडर भी जेंटेलमैन कैडेट्स की पासिंग आउट परेड के ऐतिहासिक पल को देखने पहुंच रहे हैं.

यह भी पढ़ें: IMA में चीफ इंस्ट्रक्टर की परेड में कैडेट्स ने किया कदमताल

इस बार सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड की सलामी लेंगे. वहीं आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोविड को लेकर खास एहतियात बरती गई है. वहीं प्रशिक्षण के स्तर को कुछ समय सीमित रखकर धीरे-धीरे बढ़ाया गया है, जिसके बाद युवा अफसरों को देश की सेवा के लिए तैयार किया गया है. जबकि, पीओपी के दौरान पीओपी सेरेमनी में भले ही जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन न रहें लेकिन सीनियर ऑफिसर्स उनके परिवार की भूमिका निभाएंगे. लाइव प्रसारण के जरिए परिजन भी अपने सपूतों को देखकर इस गौरवमयी पल के गवाह बन सकेंगे.

परेड में शामिल होंगे 423 जेंटलमैन कैडेट्स

भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में 423 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल होंगे. इनमें 333 भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स और 90 विदेशी कैडेट्स हिस्सा लेंगे. वहीं, 13 जून को होने वाली परेड के बाद आईएमए के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. इस बार पासिंग आउट परेड में कुछ नई परंपराओं को शुरू किया जाएगा. जेंटलमेंटन कैडेट्स देने वाली आईएमए के इतिहास में कुछ परंपराएं टूटेंगी और कुछ नई परंपराएं इसका हिस्सा बनेंगी.

इस बार आईएमए के जेंटलमेंट कैडेट्स चैटवुड बिल्डिंग से अंतिम पग निकालते हुए अपने करियर के प्रथम 'पग' पर बढ़ेंगे. दरअसल अंतिम पग के साथ ही पासआउट अधिकारियों को उनके रेजिमेंट में तैनाती दे दी जाएगी. 13 जून को होने वाली पासिंग आउड परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रहेगा. इस दौरान लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए परिजन अपने बच्चों की परेड घर बैठे देख सकेंगे.

बता दें कि, 1 अक्टूबर 1932 में 40 कैडेट्स के साथ आईएमए की स्थापना हुई और 1934 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पहला बैच पासआउट हुआ था. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ भी इसे एकेडमी के छात्र रह चुके हैं. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं. आईएमए में हर साल जून और दिसंबर में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया जाता है. इस परेड के दौरान अंतिम पग पार करते ही कैडेट्स सेना में अधिकारी बन जाते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड की भारतीय सैन्य अकादमी देश को जांबाज अफसर देती आई है. कठिन शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण के दौरान न केवल जेंटेलमेंन कैडेट्स बल्कि अकादमी के अफसर भी इनपर खासी मेहनत करते हैं. इस दौरान ईटीवी भारत पर पहली बार खुद आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने कोविड-19 के खतरे के बीच प्रशिक्षण को लेकर बरती गई एहतियातों पर जानकारी दी.

इंडियन मिलिट्री अकेडमी में 13 जून को पासिंग आउट परेड होने जा रही है. इस परेड को लेकर सभी तैयारियां भी कर ली गई हैं लेकिन पीओपी से पहले ईटीवी भारत पर पहली बार आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने अकादमी में प्रशिक्षण को लेकर जानकारियों को साझा किया है. दरअसल, इस बार कोविड-19 के चलते परेड बेहद खास है और इसमें कई ऐतिहासिक बदलाव किए गए है. 13 जून शनिवार को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और आर्म्ड आर्मी कमांडर भी जेंटेलमैन कैडेट्स की पासिंग आउट परेड के ऐतिहासिक पल को देखने पहुंच रहे हैं.

यह भी पढ़ें: IMA में चीफ इंस्ट्रक्टर की परेड में कैडेट्स ने किया कदमताल

इस बार सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड की सलामी लेंगे. वहीं आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोविड को लेकर खास एहतियात बरती गई है. वहीं प्रशिक्षण के स्तर को कुछ समय सीमित रखकर धीरे-धीरे बढ़ाया गया है, जिसके बाद युवा अफसरों को देश की सेवा के लिए तैयार किया गया है. जबकि, पीओपी के दौरान पीओपी सेरेमनी में भले ही जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन न रहें लेकिन सीनियर ऑफिसर्स उनके परिवार की भूमिका निभाएंगे. लाइव प्रसारण के जरिए परिजन भी अपने सपूतों को देखकर इस गौरवमयी पल के गवाह बन सकेंगे.

परेड में शामिल होंगे 423 जेंटलमैन कैडेट्स

भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में 423 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल होंगे. इनमें 333 भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स और 90 विदेशी कैडेट्स हिस्सा लेंगे. वहीं, 13 जून को होने वाली परेड के बाद आईएमए के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. इस बार पासिंग आउट परेड में कुछ नई परंपराओं को शुरू किया जाएगा. जेंटलमेंटन कैडेट्स देने वाली आईएमए के इतिहास में कुछ परंपराएं टूटेंगी और कुछ नई परंपराएं इसका हिस्सा बनेंगी.

इस बार आईएमए के जेंटलमेंट कैडेट्स चैटवुड बिल्डिंग से अंतिम पग निकालते हुए अपने करियर के प्रथम 'पग' पर बढ़ेंगे. दरअसल अंतिम पग के साथ ही पासआउट अधिकारियों को उनके रेजिमेंट में तैनाती दे दी जाएगी. 13 जून को होने वाली पासिंग आउड परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रहेगा. इस दौरान लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए परिजन अपने बच्चों की परेड घर बैठे देख सकेंगे.

बता दें कि, 1 अक्टूबर 1932 में 40 कैडेट्स के साथ आईएमए की स्थापना हुई और 1934 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पहला बैच पासआउट हुआ था. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ भी इसे एकेडमी के छात्र रह चुके हैं. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं. आईएमए में हर साल जून और दिसंबर में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया जाता है. इस परेड के दौरान अंतिम पग पार करते ही कैडेट्स सेना में अधिकारी बन जाते हैं.

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