इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसके बावजूद सिर्फ इंदौर ही है, जो कोरोना से निबटने के लिए न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अमेरिका व दक्षिण अफ्रीका सहित दुनिया के कई जरूरतमंद देशों के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन का उत्पादन कर रहा है, जिससे दुनियाभर के करोड़ों लोगों को जीवनदान मिल सकता है. देश में मुख्य रूप से जो दो कंपनियां हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन का उत्पादन करती हैं, उनमें से एक इंदौर संभाग के ही रतलाम जिले में मौजूद है.
हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन का रॉ मैटेरियल इप्का लैब बनाती है. इप्का लैब की रतलाम यूनिट में प्रति माह एक करोड़ टेबलेट बन सकती है. इप्का के अलावा इंदौर की मैक डब्ल्यू हेल्थ केयर रॉ मैटेरियल से रोजाना पांच लाख गोली बना सकती है. हालांकि, दोनों ही कंपनियां अभी ऑर्डर के हिसाब से गोलियों बना रही हैं. हाल ही में मोदी सरकार ने हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन के निर्यात पर रोक लगाई थी, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध के बाद हटा दिया गया है.
उधर दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के चलते भारत कोरोना के इलाज के लिए सबसे चर्चित दवाई हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन के उत्पादन का केंद्र बन चुका है. दुनिया के कई विकसित देश इस दवा को संजीवनी मानकर अपने-अपने देशों के करोड़ों लोगों की जान बचाने के लिए भारत के सामने बाहें फैलाकर खड़े हैं.
जोहानेसबर्ग और हैदराबाद के लिए भेजी गई लाखों गोलियां
अमेरिका को हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन की सप्लाई की अनुमति देने के बाद लगातार इंदौर एयरपोर्ट से इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट के जरिए ये दवा विभिन्न देशों में भेजी जा रही है. आज शाहजाह से कोयने एयरलाइंस की इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट से 100 mg की 2800 किलो दवा 315 बॉक्स में दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग के लिए भेजी गई. ये दवा जोहानेसबर्ग की बाल्मोरल नॉर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को इंडियन फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ऑर्डर की बुकिंग पर भेजी है.
ये पहला मौका है, जब हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन दवा लेने के लिए कोई इंटरनेशनल कार्गो फ्लाइट इंदौर एयरपोर्ट पर उतरा हो, इसी प्रकार स्पाइसजेट की घरेलू कार्गो फ्लाइट से 1041 किलोग्राम के 37 बॉक्स में हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्विन समेत अन्य मेडिकल सामग्री हैदराबाद भेजी गई. ये दवा हैदराबाद की नैटकोफार्मा कंपनी ने इप्का से मांगी थी, इसके लिए इंदौर एयरपोर्ट पर पहले से ही तैयारियां की गई थीं, जहां कार्गो संबंधी टीमें फ्लाइट के आने के दौरान दवाइयां और मेडिकल का अन्य सामान लेकर लोडिंग के लिए तैनात थीं.