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नए भूमि कानून को लेकर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने किया हड़ताल का आह्वान

अलगाववादी संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए भूमि कानूनों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र सरकार के फैसलों की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग बहरे और गूंगे जानवरों की तरह नहीं हैं, जो इस तरह के कानूनों को बर्दाश्त करेंगे.

जम्मू कश्मीर में हड़ताल
जम्मू कश्मीर में हड़ताल
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Published : Oct 31, 2020, 6:15 PM IST

श्रीनगर : अलगाववादी संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए भूमि कानूनों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है. ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर भूमि कानूनों में संशोधन के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया था, जिसको देखते हुए आज कश्मीर के सभी जिलों में व्यापार केंद्र बंद हैं और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से गायब है.

इसके अलावा घाटी में कश्मीर के अन्य जिलों से भी हड़ताल की खबरें मिल रही हैं. उत्तर और दक्षिण में सार्वजनिक परिवहन प्रभावित है और दुकानें बंद हैं. हालांकि, निजी परिवहन सड़कों पर चल रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद हैं.

उल्लेखनीय है कि इस महीने की 28 तारीख को अलगाववादी संगठन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में भूमि संबधित कानूनों को लागू करने के केंद्र के फैसले की निंदा करते हुए हड़ताल का आह्वान किया था.

संगठन ने एक बयान में कहा है कि इस तरह के फैसलों से तानाशाही सरकार कभी सफल नहीं होगी.

बयान में चिंता व्यक्त की गई कि इस तरह के कानूनों को लागू करना जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों के अधिकारों की हत्या करना है और इसका उद्देश्य यहां की जनता को उनकी जमीन और संपत्ति से बेदखल करके बाहरी लोगों को भी जम्मू-कश्मीर में भूमि और संपत्ति खरीदने का अधिकार देना और वह उन्हें यहां का स्थायी निवासी बनाना है.

जम्मू कश्मीर में हड़ताल

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : कल से 15 हजार श्रद्धालु कर सकेंगे माता वैष्णोंदेवी के दर्शन

बयान में यह भी चिंता व्यक्त की गई कि इस कानून के तहत सरकार को स्थानीय क्षेत्र को सेना के अनुरोध पर 'रणनीतिक क्षेत्र' घोषित करने का अधिकार होगा.

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र सरकार के फैसलों की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग बहरे और गूंगे जानवरों की तरह नहीं हैं, जो इस तरह के कानूनों को बर्दाश्त करेंगे.

श्रीनगर : अलगाववादी संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए भूमि कानूनों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है. ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर भूमि कानूनों में संशोधन के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया था, जिसको देखते हुए आज कश्मीर के सभी जिलों में व्यापार केंद्र बंद हैं और सार्वजनिक परिवहन सड़कों से गायब है.

इसके अलावा घाटी में कश्मीर के अन्य जिलों से भी हड़ताल की खबरें मिल रही हैं. उत्तर और दक्षिण में सार्वजनिक परिवहन प्रभावित है और दुकानें बंद हैं. हालांकि, निजी परिवहन सड़कों पर चल रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद हैं.

उल्लेखनीय है कि इस महीने की 28 तारीख को अलगाववादी संगठन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में भूमि संबधित कानूनों को लागू करने के केंद्र के फैसले की निंदा करते हुए हड़ताल का आह्वान किया था.

संगठन ने एक बयान में कहा है कि इस तरह के फैसलों से तानाशाही सरकार कभी सफल नहीं होगी.

बयान में चिंता व्यक्त की गई कि इस तरह के कानूनों को लागू करना जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों के अधिकारों की हत्या करना है और इसका उद्देश्य यहां की जनता को उनकी जमीन और संपत्ति से बेदखल करके बाहरी लोगों को भी जम्मू-कश्मीर में भूमि और संपत्ति खरीदने का अधिकार देना और वह उन्हें यहां का स्थायी निवासी बनाना है.

जम्मू कश्मीर में हड़ताल

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बयान में यह भी चिंता व्यक्त की गई कि इस कानून के तहत सरकार को स्थानीय क्षेत्र को सेना के अनुरोध पर 'रणनीतिक क्षेत्र' घोषित करने का अधिकार होगा.

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने केंद्र सरकार के फैसलों की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोग बहरे और गूंगे जानवरों की तरह नहीं हैं, जो इस तरह के कानूनों को बर्दाश्त करेंगे.

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