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तबलीगी गतिविधियों पर केंद्र - 'क्वारंटाइन केंद्र में 1339 लोग, इस साल 2100 विदेशी भारत आए'

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Published : Mar 31, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Mar 31, 2020, 11:54 PM IST

निजामुद्दीन मरकज में कोरोना संक्रमण की घटना पर गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक जनवरी, 2020 के बाद से तबलीगी गतिविधियों के लिए लगभग 2100 विदेशियों ने भारत का दौरा किया.

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राजीव गौबा

नई दिल्ली : भारत में एक ही दिन में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित 24 मरीजों की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मच गया है. घटना दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की है.

इस घटना पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि जनवरी, 2020 के बाद से तबलीगी गतिविधियों के लिए लगभग 2100 विदेशी नागरिकों ने भारत का दौरा किया. मंत्रालय ने बताया कि 21 मार्च तक की जानकारी के मुताबिक भारत आने वाले 2100 विदेशी लोगों में से 824 भारत के विभिन्न हिस्सों में बिखरे हुए थे.

गृह मंत्रालय ने बताया है कि तबलीगी गतिविधियों से जुड़े 1339 लोगों को नरेला, सुल्तानपुरी, बक्करवाला स्थित क्वारंटाइन केंद्र समेत एम्स, झज्जर व अन्य अस्पतालों में रखा गया है.

मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 के संकट को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी होगी दर्ज और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई भी होगी.

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'ऐसा आकलन है कि एक जनवरी से तबलीगी गतिविधियों के लिये 2100 विदेशी भारत आए. तबलीगी जमात के देसी और विदेशी कार्यकर्ता वर्ष भर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या चिल्ला के लिए दौरे पर रहते हैं.'

गृह मंत्रालय के मुताबिक 824 विदेशी नागरिकों में 216 लोग निजामुद्दीन मरकज में ठहरे थे. मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार ने पूरे भारत में COVID-19 हॉटस्पॉट के रूप में 158 जगहों की पहचान की है. इन जगहों की सूची में निजामुद्दीन सबसे ऊपर है.

इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी गतिविधियों के लिये आते हैं. बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं.

पढ़ें : निजामुद्दीन मरकज केस : दिल्ली सरकार सख्त, कार्रवाई के लिए उप राज्यपाल को लिखा पत्र

यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है.

चिल्ला गतिविधियों का समन्वय सभी राज्यों में विभिन्न जिलों में जिला समन्वयकों द्वारा किया जाता है जिनकी निगरानी का काम कुछ राज्यों में ‘प्रदेश अमीर के द्वारा किया जाता है.

इसमें कहा गया, '21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग रह रहे थे. इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय.'इसमें कहा गया, 'इसके साथ ही, 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 824 विदेशी चिल्ला गतिविधियों में शामिल थे.'

नई दिल्ली : भारत में एक ही दिन में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित 24 मरीजों की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मच गया है. घटना दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की है.

इस घटना पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि जनवरी, 2020 के बाद से तबलीगी गतिविधियों के लिए लगभग 2100 विदेशी नागरिकों ने भारत का दौरा किया. मंत्रालय ने बताया कि 21 मार्च तक की जानकारी के मुताबिक भारत आने वाले 2100 विदेशी लोगों में से 824 भारत के विभिन्न हिस्सों में बिखरे हुए थे.

गृह मंत्रालय ने बताया है कि तबलीगी गतिविधियों से जुड़े 1339 लोगों को नरेला, सुल्तानपुरी, बक्करवाला स्थित क्वारंटाइन केंद्र समेत एम्स, झज्जर व अन्य अस्पतालों में रखा गया है.

मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 के संकट को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी होगी दर्ज और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई भी होगी.

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'ऐसा आकलन है कि एक जनवरी से तबलीगी गतिविधियों के लिये 2100 विदेशी भारत आए. तबलीगी जमात के देसी और विदेशी कार्यकर्ता वर्ष भर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या चिल्ला के लिए दौरे पर रहते हैं.'

गृह मंत्रालय के मुताबिक 824 विदेशी नागरिकों में 216 लोग निजामुद्दीन मरकज में ठहरे थे. मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार ने पूरे भारत में COVID-19 हॉटस्पॉट के रूप में 158 जगहों की पहचान की है. इन जगहों की सूची में निजामुद्दीन सबसे ऊपर है.

इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी गतिविधियों के लिये आते हैं. बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं.

पढ़ें : निजामुद्दीन मरकज केस : दिल्ली सरकार सख्त, कार्रवाई के लिए उप राज्यपाल को लिखा पत्र

यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है.

चिल्ला गतिविधियों का समन्वय सभी राज्यों में विभिन्न जिलों में जिला समन्वयकों द्वारा किया जाता है जिनकी निगरानी का काम कुछ राज्यों में ‘प्रदेश अमीर के द्वारा किया जाता है.

इसमें कहा गया, '21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग रह रहे थे. इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय.'इसमें कहा गया, 'इसके साथ ही, 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 824 विदेशी चिल्ला गतिविधियों में शामिल थे.'

Last Updated : Mar 31, 2020, 11:54 PM IST
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