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छत्तीसगढ़ के 100 स्कूलों में हाईटेक लायब्रेरी बनेगी, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को लाभ - primary schools of sukma

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला प्रशासन ने इस तस्वीर को बदलने, बच्चों को किताबों के और करीब लाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए 100 प्राइमरी स्कूलों का चयन किया है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए खूबसूरत लायब्रेरी खोले जाएंगे. जानें पूरा विवरण

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Published : Sep 9, 2019, 9:41 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:26 AM IST

सुकमा: तस्वीर देश के सबसे कम साक्षरता दर के लिए पहचाने जाने वाला छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से निकलकर आई है. जी हां, वही सुकमा जिसका नाम सुनते ही आपके जहन में सैकड़ों नक्सली वारदातें सामने आने लगती हैं.

जिला प्रशासन ने इस तस्वीर को बदलने, बच्चों को किताबों के और करीब लाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए 100 प्राइमरी स्कूलों का चयन किया है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए खूबसूरत लायब्रेरी खोले जाएंगे.

सुकमा जिला में हाईटेक लाइब्रेरी, देखें वीडियो.

नक्सल प्रभावित जिले के इन नन्हे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और ज्ञान की दुनिया को पुस्तकों के माध्यम से लिखना-पढ़ना सिखाने के लिए यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा. गुरुवार को प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जिला मुख्यालय के पावारास स्थित प्रायमरी स्कूल में पुस्तकालय का उद्घाटन कर इसकी शुरुआत कर दी है.

पढ़ें : '...तो गिरफ्तार होने वाले पहले CM बनेंगे कमलनाथ,' सिरसा ने किया दावा

शिक्षिका ममता सिंह कहती हैं कि बच्चे किसी भी पठन सामग्री को धारा प्रवाह के साथ समझ कर पढ़ें और पढ़ाई उन्हें बोझ न लगे, इसके लिए कहानी, महापुरुषों की जीवनी की छोटी-छोटी किताबें और वर्ण माला पढ़कर बच्चे किताबों से जुड़ सकेंगे. वहीं जिले के कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा की इस पहल से बच्चों में पढ़ने की दक्षता और समझने की क्षमता का विकास होगा.

सुकमा: तस्वीर देश के सबसे कम साक्षरता दर के लिए पहचाने जाने वाला छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से निकलकर आई है. जी हां, वही सुकमा जिसका नाम सुनते ही आपके जहन में सैकड़ों नक्सली वारदातें सामने आने लगती हैं.

जिला प्रशासन ने इस तस्वीर को बदलने, बच्चों को किताबों के और करीब लाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए 100 प्राइमरी स्कूलों का चयन किया है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए खूबसूरत लायब्रेरी खोले जाएंगे.

सुकमा जिला में हाईटेक लाइब्रेरी, देखें वीडियो.

नक्सल प्रभावित जिले के इन नन्हे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और ज्ञान की दुनिया को पुस्तकों के माध्यम से लिखना-पढ़ना सिखाने के लिए यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा. गुरुवार को प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जिला मुख्यालय के पावारास स्थित प्रायमरी स्कूल में पुस्तकालय का उद्घाटन कर इसकी शुरुआत कर दी है.

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शिक्षिका ममता सिंह कहती हैं कि बच्चे किसी भी पठन सामग्री को धारा प्रवाह के साथ समझ कर पढ़ें और पढ़ाई उन्हें बोझ न लगे, इसके लिए कहानी, महापुरुषों की जीवनी की छोटी-छोटी किताबें और वर्ण माला पढ़कर बच्चे किताबों से जुड़ सकेंगे. वहीं जिले के कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा की इस पहल से बच्चों में पढ़ने की दक्षता और समझने की क्षमता का विकास होगा.

Intro:जिला प्रशासन की अनूठी योजना... बच्चों में पढ़ने और समझने की क्षमता बढ़ाने के लिए 100 प्राइमरी स्कूलों में खुलेगा पुस्तकालय

सुकमा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में जिला प्रशासन अनूठी योजना की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना के तहत बच्चों में पढ़ने और समझने की क्षमता बढ़ाने के लिए प्राइमरी स्कूलों में लाइब्रेरी खोला जा रहा है। यूनिसेफ के सहयोग से रूम टू रीड के तहत जिले के 100 प्रथमिक शालाओं में पुस्तकालय खोला जा रहा है। इन पुस्तकालयों में बच्चों के आज्ञार्जन के लिए महापुरुषों की जीवनी, सामान्य ज्ञान और रोचक कहानियों की किताबें होंगे। जिसे बच्चे अपने पसंद से किताबों को पढ़ेंगे और उसे समझने की कोशिश करेंगे।

जिला प्रशासन जिले के प्राथमिक स्तर की शिक्षा को सुधारने के लिए यह अनुठा कदम उठा रही है। शुरुआत में जिले भर के 100 प्राइमरी स्कूलों को चयनित कर पुस्तकालय खोला जाएगा। इनमें छिंदगढ़ ब्लॉक के 50, कोंटा ब्लॉक के 20 और सुकमा के 30 प्राथमिक शालाओं को शामिल किया गया है। जिसके लिए जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। गुरुवार को प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जिला मुख्यालय के पावारास स्थित प्राइमरी स्कूल में पुस्तकालय का उद्घाटन कर इसकी शुरुआत की।


Body:शिक्षिका ममता सिंह बताती हैं कि बच्चे किसी भी पढ़ने की सामग्री को धारा प्रवाह के साथ समझ कर पढ़ें और पढ़ना बोझ न लगे। वे सफल पाठक बनकर पढ़ने के कौशल को न केवल ज्ञान अर्जन के लिए इस्तेमाल करें परन्तु एक स्वतंत्र रुचि के तौर पर एक अपनाएं। इस प्रयास से बच्चों के लिए एक ऐसा परिवेश बने, जहां किताबें पढ़ने केवल स्कूली शिक्षा को पार करने का साधन न बने परन्तु एक निजी लक्ष्य एवं लालसा के तौर पर विकसित हो।

पढ़ने के सभी आयामों से परिचित कराना उद्देश्य...
सुकमा कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि पढ़ने का उद्देश्य यह भी है कि बच्चे पढ़ी हुई वस्तु को पढ़कर उसके बारे में सोचकर अपने जीवन के लिए प्रयोग कर सकें। इस प्रकार के पढ़ना सीखने के लिए महत्वपूर्ण है कि बच्चों में पढ़ने के सभी आयामो से परिचित कराया जाए। इसी उद्देश्य को पूरा करने, शुरुआत में 100 स्कूलों से पुस्तकालय योजना की शुभारंभ की जा रही है। धीरे-धीरे सभी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा।

विभिन्न आयाम:
* मौखिक भाषा विकास
* ध्वनि-जागरूकता
* धारा प्रवाह पठन
* समझकर और समझ के साथ पढ़ना
* लेखन और स्वंत्र पाठन


Conclusion:बाइट 01: ममता सिंह(शिक्षिका) one to one
बाइट 02: चंदन कुमार, कलेक्टर
Last Updated : Sep 30, 2019, 1:26 AM IST
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