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वीडियो गेम डे : जानिए गेमिंग दुनिया का इतिहास

आज वीडियो गेम डे है. वर्तमान में दुनिया भर के घरों में बच्चों के पास वीडियो गेम हैं, लेकिन वास्तव में पहली बार वीडियो गेम वैज्ञानिकों की शोध प्रयोगशालाओं में देखे गए थे.

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वीडियो गेम
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Published : Sep 12, 2020, 7:17 PM IST

हैदराबाद : गेम मशीन पहली बार 1940 में न्यूयॉर्क वर्ल्ड फेयर में डॉ. एडवर्ड हूलर कोनडोन द्वारा तैयार की गई थी. यह गेम प्राचीन गणितीय खेल निम पर आधारित था. इस गेम को छह महीने में लगभग 50 हजार लोगों ने खेला था. यह गेम प्रदर्शन पर था, जिसमें कंप्यूटर ने कथित तौर पर 90 प्रतिशत से अधिक गेम जीते थे.

शुरुआती वीडियो गेम 1950 के दशक में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और MIT जैसे विश्वविद्यालयों में शुरू हुए. इनमें से कुछ खेल वर्चुअल 'टिक-टैक-टो' और 'स्पेसवार' थे.

1952 में ब्रिटिश प्रोफेसर ए.एस. डगलस ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उनके डॉक्टरेट शोध के दौरान 'टिक-टैक-टो' बनाया था.

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वीडियो गेम डे का इतिहास

1958 में विलियम हिगिनबोथम ने एक बड़े एनालॉग कंप्यूटर पर 'टेनिस फॉर टू' गेम बनाया था.

1962 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में स्टीव रसेल ने 'स्पेसवार' गेम बनाया था. यह पीडीपी -1 (प्रोग्राम्ड डेटा प्रोसेसर -1) के लिए एक कंप्यूटर-आधारित स्पेस कॉम्बैट वीडियो गेम था. यह पहला वीडियो गेम था जिसे कई कंप्यूटर इंस्टॉलेशन पर खेला जा सकता था.

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वीडियो गेम्स

राल्फ बेयर और उनकी टीम ने 1967 में पहला घर में खेले जाने वाला गेम 'ब्राउन बॉक्स' बनाया.

1983 में जापानी कंपनी निन्टेंडो वीडियो गेम की दुनिया में उतरी. कई गेम फ्रेंचाइजी के पीछे निंटेंडो का ही योगदान है. जैसे- सुपर मारियो ब्रदर्स, द लीजेंड ऑफ ज़ेल्डा और मेट्रॉइड. निन्टेंडो को 3D गेमिंग की दुनिया में सेगा ने चुनौती दी.

21वीं सदी की शुरुआत में Xbox 360, Playstation 3 और Wii के आने के बाद गेमिंग के आधुनिक युग में कई बदलाव आए. वीडियो गेम मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ गए और एप स्टोर पर वीडियो गेम के एप्स से भर गए. स्किल्ड गेमर्स के लिए प्रतियोगिताओं ने दुनिया भर में धूम मची दी है. इन दिनों निंटेंडो, सोनी और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी वीडियो गेम कंपनियां वीआर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.

प्रारंभिक वीडियो गेम :-

  • निमरोड कंप्यूटर (1951)
  • टिक-टैक-टो कंप्यूटर गेम (1952)
  • टेनिस फॉर टू गेम (1958)
  • स्पेसवार (1961)

प्रत्येक खेल ने डिस्प्ले के लिए अलग साधन का उपयोग किया. कुछ ने लाइट के पैनल का इस्तेमाल किया, कुछ ने ग्राफिकल डिस्प्ले का उपयोग किया. कुछ ने तो DEC PDP-1 वेक्टर डिस्प्ले का इस्तेमाल किया.

स्पेसवार पहला व्यावसायिक रूप से बिकने वाला क्वॉइन-ऑपरेटिड वीडियो गेम था.

मैग्नॉक्स ओडिसी ने 1972 में पहला होम कंसोल लॉन्च किया.

अटारीस् पोंग 1972 में एक आर्केड वर्जन और 1975 में एक होम वर्जन के साथ आया था.

गेमिंग का आधुनिक युग : 2005 और 2006 में माइक्रोसॉफ्ट के Xbox 360, सोनी के Playstation 3, और निंटेंडो के Wii ने हाई डेफिनिशन गेमिंग के आधुनिक युग में बदलाव ला दिए.

मूव टूवार्ड मोबाइल : 2007 में स्मार्टफोन और एप स्टोर के आने के बाद गेमिंग की दुनिया में तेजी से विकास हुआ, जिसने न केवल लोगों के खेल खेलने के तरीके को बदल दिया बल्कि गेमिंग पॉप संस्कृति से जोड़ा.

वीडियो गेम की पहुंच सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि फेसबुक और मोबाइल तक हो गई. रोविओ (Rovio) कंपनी जिसने एंग्री बर्ड्स मोबाइल डिवाइस गेम बनाया है ने 2012 में कथित तौर पर डॉलर 200 मिलियन कमाए थे.

90 के दशक के पांच लोकप्रिय गेम :

मारियो : 90 के दशक का यह क्लासिक खेल किसे याद नहीं होगा. प्लंबर मारियो की विशेषता है कि यह उन पहले वीडियो गेम में से एक है जिसने भारतीयों को गेमिंग से जोड़ा. इस गेम में मारियो एक राजकुमारी को बचाने की कोशिश करता है.

टेकिन (Tekken) : बंदई नेमको एंटरटेंनमेंट (Bandai Namco Entertainment) द्वारा विकसित टेकिन भारत में आने वाले पहले आर्केड गेमों में से एक था. टेकिन की सफलता के बाद भारत में इसके दो नए संस्करण भी पेश किए गए. टेकिन सैवन (Tekken 7) को 2017 में रिलीज किया गया था.

डक हंट : हिरोकाजु तनाका (Hirokazu Tanaka) द्वारा 1984 में निर्मित डक हंट लाइट गन शूटर वीडियो गेम है. इस खेल में, आपको बस अपने माउस के साथ चलती हुई बतख को शूट करना होता है.

रोड रैश : इलेक्ट्रॉनिक आर्ट्स द्वारा विकसित रोड रैश मोटरसाइकिल-रेसिंग पर आधारित है. इसमें आपको हिंसक और अवैध बाइक रेस में भाग लेने का मौका मिलता है.

मिडटाउन मैडनेस : फोर सिंगल प्लेयर मोड के साथ यह आपको यातायात के नियम सिखाता है.

हैदराबाद : गेम मशीन पहली बार 1940 में न्यूयॉर्क वर्ल्ड फेयर में डॉ. एडवर्ड हूलर कोनडोन द्वारा तैयार की गई थी. यह गेम प्राचीन गणितीय खेल निम पर आधारित था. इस गेम को छह महीने में लगभग 50 हजार लोगों ने खेला था. यह गेम प्रदर्शन पर था, जिसमें कंप्यूटर ने कथित तौर पर 90 प्रतिशत से अधिक गेम जीते थे.

शुरुआती वीडियो गेम 1950 के दशक में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और MIT जैसे विश्वविद्यालयों में शुरू हुए. इनमें से कुछ खेल वर्चुअल 'टिक-टैक-टो' और 'स्पेसवार' थे.

1952 में ब्रिटिश प्रोफेसर ए.एस. डगलस ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उनके डॉक्टरेट शोध के दौरान 'टिक-टैक-टो' बनाया था.

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वीडियो गेम डे का इतिहास

1958 में विलियम हिगिनबोथम ने एक बड़े एनालॉग कंप्यूटर पर 'टेनिस फॉर टू' गेम बनाया था.

1962 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में स्टीव रसेल ने 'स्पेसवार' गेम बनाया था. यह पीडीपी -1 (प्रोग्राम्ड डेटा प्रोसेसर -1) के लिए एक कंप्यूटर-आधारित स्पेस कॉम्बैट वीडियो गेम था. यह पहला वीडियो गेम था जिसे कई कंप्यूटर इंस्टॉलेशन पर खेला जा सकता था.

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वीडियो गेम्स

राल्फ बेयर और उनकी टीम ने 1967 में पहला घर में खेले जाने वाला गेम 'ब्राउन बॉक्स' बनाया.

1983 में जापानी कंपनी निन्टेंडो वीडियो गेम की दुनिया में उतरी. कई गेम फ्रेंचाइजी के पीछे निंटेंडो का ही योगदान है. जैसे- सुपर मारियो ब्रदर्स, द लीजेंड ऑफ ज़ेल्डा और मेट्रॉइड. निन्टेंडो को 3D गेमिंग की दुनिया में सेगा ने चुनौती दी.

21वीं सदी की शुरुआत में Xbox 360, Playstation 3 और Wii के आने के बाद गेमिंग के आधुनिक युग में कई बदलाव आए. वीडियो गेम मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ गए और एप स्टोर पर वीडियो गेम के एप्स से भर गए. स्किल्ड गेमर्स के लिए प्रतियोगिताओं ने दुनिया भर में धूम मची दी है. इन दिनों निंटेंडो, सोनी और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी वीडियो गेम कंपनियां वीआर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.

प्रारंभिक वीडियो गेम :-

  • निमरोड कंप्यूटर (1951)
  • टिक-टैक-टो कंप्यूटर गेम (1952)
  • टेनिस फॉर टू गेम (1958)
  • स्पेसवार (1961)

प्रत्येक खेल ने डिस्प्ले के लिए अलग साधन का उपयोग किया. कुछ ने लाइट के पैनल का इस्तेमाल किया, कुछ ने ग्राफिकल डिस्प्ले का उपयोग किया. कुछ ने तो DEC PDP-1 वेक्टर डिस्प्ले का इस्तेमाल किया.

स्पेसवार पहला व्यावसायिक रूप से बिकने वाला क्वॉइन-ऑपरेटिड वीडियो गेम था.

मैग्नॉक्स ओडिसी ने 1972 में पहला होम कंसोल लॉन्च किया.

अटारीस् पोंग 1972 में एक आर्केड वर्जन और 1975 में एक होम वर्जन के साथ आया था.

गेमिंग का आधुनिक युग : 2005 और 2006 में माइक्रोसॉफ्ट के Xbox 360, सोनी के Playstation 3, और निंटेंडो के Wii ने हाई डेफिनिशन गेमिंग के आधुनिक युग में बदलाव ला दिए.

मूव टूवार्ड मोबाइल : 2007 में स्मार्टफोन और एप स्टोर के आने के बाद गेमिंग की दुनिया में तेजी से विकास हुआ, जिसने न केवल लोगों के खेल खेलने के तरीके को बदल दिया बल्कि गेमिंग पॉप संस्कृति से जोड़ा.

वीडियो गेम की पहुंच सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि फेसबुक और मोबाइल तक हो गई. रोविओ (Rovio) कंपनी जिसने एंग्री बर्ड्स मोबाइल डिवाइस गेम बनाया है ने 2012 में कथित तौर पर डॉलर 200 मिलियन कमाए थे.

90 के दशक के पांच लोकप्रिय गेम :

मारियो : 90 के दशक का यह क्लासिक खेल किसे याद नहीं होगा. प्लंबर मारियो की विशेषता है कि यह उन पहले वीडियो गेम में से एक है जिसने भारतीयों को गेमिंग से जोड़ा. इस गेम में मारियो एक राजकुमारी को बचाने की कोशिश करता है.

टेकिन (Tekken) : बंदई नेमको एंटरटेंनमेंट (Bandai Namco Entertainment) द्वारा विकसित टेकिन भारत में आने वाले पहले आर्केड गेमों में से एक था. टेकिन की सफलता के बाद भारत में इसके दो नए संस्करण भी पेश किए गए. टेकिन सैवन (Tekken 7) को 2017 में रिलीज किया गया था.

डक हंट : हिरोकाजु तनाका (Hirokazu Tanaka) द्वारा 1984 में निर्मित डक हंट लाइट गन शूटर वीडियो गेम है. इस खेल में, आपको बस अपने माउस के साथ चलती हुई बतख को शूट करना होता है.

रोड रैश : इलेक्ट्रॉनिक आर्ट्स द्वारा विकसित रोड रैश मोटरसाइकिल-रेसिंग पर आधारित है. इसमें आपको हिंसक और अवैध बाइक रेस में भाग लेने का मौका मिलता है.

मिडटाउन मैडनेस : फोर सिंगल प्लेयर मोड के साथ यह आपको यातायात के नियम सिखाता है.

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