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उत्तराखंड : आखिरकार एक हफ्ते बाद दर्ज हुई उत्तराखंड की सबसे लंबी FIR - अटल आयुष्मान घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के काशीपुर कोतवाली में अटल आयुष्मान घोटाला मामले में एक हफ्ते बाद उत्तराखंड की सबसे लंबी एफआईआर दर्ज की गई. दरअसल, अटल आयुष्मान योजना के तहत जिन अस्पतालों ने घोटाला किया है. शासन के आदेश पर उन अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है.

सबसे लंबी FIR
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Published : Sep 22, 2019, 2:08 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:00 PM IST

काशीपुर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की काशीपुर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न होने के कारण विभाग की काफी फजीहत हुई थी. अब आखिरकार एक हफ्ते बाद अटल आयुष्मान योजना घोटाले में रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इसकी पुष्टि देर रात काशीपुर जिला पुलिस अधिकारी बरिंदरजीत सिंह ने की.

काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में बीते दिनों पुलिस की किरकिरी हो जाने के बाद आखिरकार सबसे लंबी एफआईआर दर्ज हो गई है. पुलिस कप्तान बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि किसी भी केस में जो तहरीर प्राप्त होती है, उसी के आधार पर पुलिस के द्वारा एफआईआर लिखी जाती है.

आखिरकार दर्ज हुई उत्तराखंड की सबसे लंबी FIR

वहीं जिले के पुलिस कप्तान ने भी माना जांच रिपोर्ट काफी लंबी होने के कारण एफआईआर लिखने में काफी समय लगा. उनके मुताबिक, ये जांच रिपोर्ट साढ़े चार दर्जन से भी अधिक पेज की थी जिसके आधार पर एफआईआर लिखने में पुलिस को कई दिन लग गए. अब इस पूरे मामले में विवेचना कर कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि क्या है मामला ?
काशीपुर निवासी मुनिदेव विश्नोई ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. एक ही मरीज के रिश्तेदारों और परिचितों को निजी अस्पतालों में भर्ती कर एक जैसी बीमारियों के इलाज कराया जा रहा है. जिस पर हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन को जांच के आदेश दिए थे.

हाई कोर्ट के आदेश के बाद शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया गया. जांच टीम ने रामनगर रोड स्थित एमपी अस्पताल और तहसील रोड स्थित देवकी नंदन अस्पताल में योजना में भारी अनियमितताएं पकड़ीं. दोनों अस्पतालों ने नियम विरुद्ध रोगियों के फर्जी उपचार बिलों का क्लेम वसूलने का मामला पकड़ में आया है. जिसके बाद इन अस्पतालों को अटल आयुष्मान योजना से हटाते हुए अस्पताल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में ऐतिहासिक FIR, पांच दिनों से दर्ज किया जा रहा है मामला

अस्पतालों के खिलाफ आरोप यह है कि इस योजना के लाभ के लिये सरकारी अस्पतालों ने इन अस्पतालों में ऐसे लोगों को रेफर किया जा रहा है. जिनकी न बीमारी और रेफर करने वालों का पता है. याचिका में जिले के केलाखेड़ा अस्पताल का उदहारण देते हुए कहा है कि इस अस्पताल से 47 लोगों को इन अस्पतालों के लिये रेफर किया गया, जबकि इनकी बीमारी की कोई पुख्ता जानकारी है और न अस्पताल का कोई डाक्टर है.

अटल आयुष्मान योजना के घोटाले के मामले में पूर्व में भी काशीपुर के आस्था अस्पताल के डॉक्टर राजीव कुमार गुप्ता और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा के फार्मासिस्ट अनुराग रावत के खिलाफ पीएचक्यू के आदेश के बाद गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 491 तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना का भुगतान पाने का आरोप लगा है.

काशीपुर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की काशीपुर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न होने के कारण विभाग की काफी फजीहत हुई थी. अब आखिरकार एक हफ्ते बाद अटल आयुष्मान योजना घोटाले में रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. इसकी पुष्टि देर रात काशीपुर जिला पुलिस अधिकारी बरिंदरजीत सिंह ने की.

काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में बीते दिनों पुलिस की किरकिरी हो जाने के बाद आखिरकार सबसे लंबी एफआईआर दर्ज हो गई है. पुलिस कप्तान बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि किसी भी केस में जो तहरीर प्राप्त होती है, उसी के आधार पर पुलिस के द्वारा एफआईआर लिखी जाती है.

आखिरकार दर्ज हुई उत्तराखंड की सबसे लंबी FIR

वहीं जिले के पुलिस कप्तान ने भी माना जांच रिपोर्ट काफी लंबी होने के कारण एफआईआर लिखने में काफी समय लगा. उनके मुताबिक, ये जांच रिपोर्ट साढ़े चार दर्जन से भी अधिक पेज की थी जिसके आधार पर एफआईआर लिखने में पुलिस को कई दिन लग गए. अब इस पूरे मामले में विवेचना कर कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि क्या है मामला ?
काशीपुर निवासी मुनिदेव विश्नोई ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. एक ही मरीज के रिश्तेदारों और परिचितों को निजी अस्पतालों में भर्ती कर एक जैसी बीमारियों के इलाज कराया जा रहा है. जिस पर हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन को जांच के आदेश दिए थे.

हाई कोर्ट के आदेश के बाद शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया गया. जांच टीम ने रामनगर रोड स्थित एमपी अस्पताल और तहसील रोड स्थित देवकी नंदन अस्पताल में योजना में भारी अनियमितताएं पकड़ीं. दोनों अस्पतालों ने नियम विरुद्ध रोगियों के फर्जी उपचार बिलों का क्लेम वसूलने का मामला पकड़ में आया है. जिसके बाद इन अस्पतालों को अटल आयुष्मान योजना से हटाते हुए अस्पताल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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अस्पतालों के खिलाफ आरोप यह है कि इस योजना के लाभ के लिये सरकारी अस्पतालों ने इन अस्पतालों में ऐसे लोगों को रेफर किया जा रहा है. जिनकी न बीमारी और रेफर करने वालों का पता है. याचिका में जिले के केलाखेड़ा अस्पताल का उदहारण देते हुए कहा है कि इस अस्पताल से 47 लोगों को इन अस्पतालों के लिये रेफर किया गया, जबकि इनकी बीमारी की कोई पुख्ता जानकारी है और न अस्पताल का कोई डाक्टर है.

अटल आयुष्मान योजना के घोटाले के मामले में पूर्व में भी काशीपुर के आस्था अस्पताल के डॉक्टर राजीव कुमार गुप्ता और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा के फार्मासिस्ट अनुराग रावत के खिलाफ पीएचक्यू के आदेश के बाद गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 491 तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना का भुगतान पाने का आरोप लगा है.

Intro:

Summary- उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर की पुलिस के द्वारा विभाग की काफी फजीहत कराने के बाद आखिरकार एक हफ्ते बाद अटल आयुष्मान योजना घोटाले में रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली गई। इसकी पुष्टि देर रात्रि काशीपुर पहुंचे जिले के पुलिस कप्तान ने की।

एंकर- काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में बीते दिनों इतिहास का पर्याय बन चुकी तथा काशीपुर पुलिस की किरकिरी करा चुकी सबसे लंबी f.i.r. आखिरकार दर्ज हो ही गई। इसकी पुष्टि देर रात काशीपुर कोतवाली पहुंचे जिले के पुलिस कप्तान बरिंदरजीत सिंह ने की।
Body:वीओ- देर रात काशीपुर कोतवाली पहुंचे जिले के पुलिस कप्तान बरिंदरजीत सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि किसी भी केस में जो तहरीर प्राप्त होती है, उसी के आधार पर पुलिस के द्वारा f.i.r. लिखी जाती है। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जो जांच रिपोर्ट आई थी पुलिस को उसी को ही तहरीर के रूप में लेना पड़ा। जिले के पुलिस कप्तान ने भी माना जांच रिपोर्ट काफी लंबी होने के कारण f.i.r. लिखने में काफी समय लगा। उनके मुताबिक यह जांच रिपोर्ट साढे चार दर्जन से भी अधिक पेज की थी जिसके आधार पर f.i.r. लिखने में पुलिस को कई दिन लग गए। जिसके बाद आखिरकार कल f.i.r. लिख दी गई। अब इस पूरे मामले में विवेचना की कार्यवाही की जा रही है।
वीओ- आपको बताते चलें कि अटल आयुष्मान योजना उत्तराखंड के अधिशासी सहायक धनेश चंद्र के द्वारा काशीपुर के रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल नर्सिंग होम तथा देवकीनंदन हॉस्पिटल को योजना में घोटाले का प्रारंभिक दोषी पाए जाने के बाद तहरीर दी थी। जिसके बाद दोनों ही हॉस्पिटल से संबंधित पुलिस चौकियों में तहरीर के आधार पर केस दर्ज करने के आदेश पुलिस के उच्च अधिकारियों ने दिए थे। जिसके तहत देवकीनंदन हॉस्पिटल की तहरीर बाँसफोड़ान पुलिस चौकी तथा एमपी मेमोरियल हॉस्पिटल की तहरीर काशीपुर के कटोरा ताल पुलिस चौकी में दी गई। जिसके बाद काशीपुर के रामनगर रोड स्थित एमपी मेमोरियल नर्सिंग होम की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कटोराताल पुलिस चौकी में यह तहरीर भेज दी गई थी। कई दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस के द्वारा है f.i.r. पूरी नहीं की जा सके तब यह मामला मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद आखिरकार एक हफ्ते की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट या पुलिस की भाषा में कहें तो तहरीर के आधार पर काशीपुर पुलिस के द्वारा काफी फजीहत के बाद आखिरकार f.i.r. लिख दी गई।
बाइट- बरिंदरजीत सिंह,एसएसपीConclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 2:00 PM IST
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