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छात्रों-शिक्षकों को राहत के लिए असम सरकार ने लिए अहम फैसले

असम सरकार ने लॉकडाउन में छात्रों और शिक्षकों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है. अब शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में हायर सेकेंडरी से लेकर पीजी तक के सभी कोर्स में प्रवेश का कोई शुल्क नहीं लगेगा. वहीं सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले शिक्षक अब राज्य के अन्य शिक्षकों की तरह सुविधा हासिल कर सकेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

assam minister himanta biswa sarma
स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा
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Published : Jun 8, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 2:48 PM IST

गुवाहाटी : असम सरकार ने छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने घोषणा की है कि राज्य सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक सहित हायर सेकेंडरी तक के सभी प्रवेश नि:शुल्क कर दिए हैं.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति में यह फैसला परिवारों को बड़ी राहत देगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले 29,710 शिक्षक 60 साल की उम्र में रिटायर होंगे.

राज्य के अन्य शिक्षकों की तरह उन्हें भी देय महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की सुविधा दी जाएगी. उनके वेतन में साल में एक बार वृद्धि भी की जाएगी.

इन सभी 29,701 शिक्षकों को नियमित राज्य सरकार के शिक्षक के रूप में आकस्मिक अवकाश, बीमारी अवकाश, प्रसूति अवकाश लेने की अनुमति दी जाएगी. वह सर्व शिक्षा अभियान के तहत बैंक से ऋण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

पढ़ें- डिजिटल असमानता से ऑनलाइन कक्षाओं की ओर रुख करना दु:स्वप्न जैसा

उन्होंने आगे कहा कि जिन 17 स्कूलों में छात्र मैट्रिक परीक्षा पास नहीं कर पाए थे, उन स्कूलों को बंद कर शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कक्षा एक से 10वीं के लिए असमिया भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है.

गुवाहाटी : असम सरकार ने छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने घोषणा की है कि राज्य सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक सहित हायर सेकेंडरी तक के सभी प्रवेश नि:शुल्क कर दिए हैं.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति में यह फैसला परिवारों को बड़ी राहत देगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले 29,710 शिक्षक 60 साल की उम्र में रिटायर होंगे.

राज्य के अन्य शिक्षकों की तरह उन्हें भी देय महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की सुविधा दी जाएगी. उनके वेतन में साल में एक बार वृद्धि भी की जाएगी.

इन सभी 29,701 शिक्षकों को नियमित राज्य सरकार के शिक्षक के रूप में आकस्मिक अवकाश, बीमारी अवकाश, प्रसूति अवकाश लेने की अनुमति दी जाएगी. वह सर्व शिक्षा अभियान के तहत बैंक से ऋण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि जिन 17 स्कूलों में छात्र मैट्रिक परीक्षा पास नहीं कर पाए थे, उन स्कूलों को बंद कर शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कक्षा एक से 10वीं के लिए असमिया भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है.

Last Updated : Jun 8, 2020, 2:48 PM IST
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