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हाईकोर्ट ने फेसबुक और यूट्यूब को पतंजलि का वीडियो हटाने का दिया आदेश

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Published : Jun 3, 2020, 12:59 AM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फेसबुक और यूट्यूब को पतंजलि के उस वीडियो को हटाने के निर्देश दिए हैं जिसमें पतंजलि के विरूद्ध मानहानि का वीडियो है.

दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और यूट्यूब को एक हिंदी समाचार चैनल द्वारा डाले गए उस वीडियो को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद ने देश के हितों के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं.

न्यायमूर्ति वी के राव ने अपने अंतरिम आदेश में इस समाचार चैनल को संबंधित वीडियो समेत कोई भी ऐसी खबर या समाचार प्रसारित, प्रकाशित करने या अपनी वेबसाइट पर डालने से रोक दिया है, जो पतंजलि आयुर्वेद की बदनामी करने वाले या उसकी साख बिगाड़ने वाले हों.

उच्च न्यायालय ने कहा कि पतजंलि की ओर से इस समाचार चैनल पर अंकुश लगाने के अनुरोध का प्रथम दृष्टया मामला बनता है और ऐसे में अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तक उस पर यह रोक रहेगी.

न्यायाधीश ने कहा, 'इसके अलावा मैं यह निर्देश देना उपयुक्त समझता हूं कि फेसबुक और यूट्यूब यूआरएल को हटा लें या उसे देखने से रोके जिसमें मानहानिकारक वीडियो है.'

बता दें कि न्यायालय का यह आदेश पतंजलि की उस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया है गया है कि इस मानहानिकारक वीडियो में गंभीर आरोप लगाये गये हैं कि उसने देशहित के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं.

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और यूट्यूब को एक हिंदी समाचार चैनल द्वारा डाले गए उस वीडियो को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद ने देश के हितों के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं.

न्यायमूर्ति वी के राव ने अपने अंतरिम आदेश में इस समाचार चैनल को संबंधित वीडियो समेत कोई भी ऐसी खबर या समाचार प्रसारित, प्रकाशित करने या अपनी वेबसाइट पर डालने से रोक दिया है, जो पतंजलि आयुर्वेद की बदनामी करने वाले या उसकी साख बिगाड़ने वाले हों.

उच्च न्यायालय ने कहा कि पतजंलि की ओर से इस समाचार चैनल पर अंकुश लगाने के अनुरोध का प्रथम दृष्टया मामला बनता है और ऐसे में अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तक उस पर यह रोक रहेगी.

न्यायाधीश ने कहा, 'इसके अलावा मैं यह निर्देश देना उपयुक्त समझता हूं कि फेसबुक और यूट्यूब यूआरएल को हटा लें या उसे देखने से रोके जिसमें मानहानिकारक वीडियो है.'

बता दें कि न्यायालय का यह आदेश पतंजलि की उस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया है गया है कि इस मानहानिकारक वीडियो में गंभीर आरोप लगाये गये हैं कि उसने देशहित के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं.

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