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उत्तराखंड : चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए केदारनाथ में बना हेलीपैड - Air Force of India

बाबा केदारनाथ के धाम में वायुसेना के मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए हेलीपैड तैयार किया जा रहा है. इसके लिए डीडीएमए की ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं. एयरफोर्स की टीम से केदारनाथ में रेकी को लेकर पत्राचार किया गया है. जल्द ही चिनूक द्वारा भारी मशीनें केदारनाथ में उतारी जाएंगी.

बाबा केदारनाथ के धाम
बाबा केदारनाथ के धाम
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Published : Oct 17, 2020, 12:26 PM IST

Updated : Oct 17, 2020, 2:03 PM IST

देहरादून : केदारनाथ धाम में वायुसेना के मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग को लेकर जिला प्रशासन स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. प्रशासन की ओर से वायुसेना के अधिकारियों से पत्राचार किया गया है. उन्हें बताया गया है कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की ओर से चिनूक की लैडिंग के लिए केदारनाथ हेलीपैड का विस्तार किया गया है. हालांकि, अभी वायुसेना की ओर से प्रशासन को कोई जवाब नहीं मिला है.

केदारनाथ धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड तैयार.

वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने आज केदारनाथ धाम में सफल लेडिंग की. पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम चिनूक के लिए हेलीपैड को तैयार किया जा रहा था. चिनूक हेलीकॉप्टर साल 2018 में केदारनाथ धाम में लैडिंग करते समय क्रेश हुए वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के मलबे को अपने साथ ले जाऐगा. बता दें, साल 2018 में केदारनाथ में लैंडिंग करते समय वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. हादसे में पायलट को हल्की चोटें आई थी, जबकि हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गया था.

उस समय वायुसेना ने क्षतिग्रस्त एमआई 17 हेलीकॉप्टर को वहीं छोड़ दिया था. कुछ दिन पहले वायुसेना के अधिकारी केदाराथ धाम पहुंचे थे. उन्होंने क्षतिग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे का जायजा लिया था. आज चिनूक हेलीकॉप्टर से वायुसेना के अधिकारी क्षतिग्रस्त एमआई 17 हेलीकाप्टर के मलबे को अपने साथ ले जाएंगे.

केदारनाथ धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड तैयार

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए हेलीपैड तैयार कर लिया गया है. एयरफोर्स की टीम से केदारनाथ में रेकी को लेकर पत्राचार किया गया है. जल्द ही चिनूक द्वारा भारी मशीनें केदारनाथ में उतारी जाएंगी. डीडीएमए के मुताबिक इन सभी कामों को डेढ़ से दो साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. केदारनाथ धाम में इन कार्यों को कराने के लिए भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें पहुंचाने के लिए चिनूक की लैडिंग के लिए हेलीपैड तैयार किया गया है.

दरअसल, केदारनाथ धाम में साल 2013 की आपदा के बाद से पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं. धाम में पहले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने निर्माण कार्य किए और अब वुड स्टोन कंपनी के साथ ही डीडीएमए की ओर से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत फेस टू के काम केदारनाथ धाम में होने हैं. ऐसे में निर्माण कार्यों को करने के लिए भारी मशीनों की जरूरत है. भारी मशीनों को पहले भी एयरफोर्स के एमआई 17 और एमआई 26 की मदद से धाम पहुंचाया गया था, जिससे निर्माण कार्यों में काफी राहत मिली थी. ऐसे में अब फिर से वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से धाम में भारी मशीने पहुंचाई जानी है, जिसको लेकर धाम में हेलीपैड का विस्तार किया गया है.

पढ़ें: केदारनाथ धाम के लिए शुरू हुईं हेली सेवा, ऑनलाइन बुकिंग शुरू

धाम में डीडीएमए ने 100 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े हेलीपैड का विस्तार किया गया है. इस हेलीपैड को पूरी तरह खुला रखा गया है, जिससे बड़े हेलीकॉप्टर की आसानी से लैडिंग की जा सके. हेलीपैड के पास ही 50-30 का एक कच्चा पैच बनाया गया है, जिसमें एक बड़ी पोकलैंड, एक पिकअप, एक ट्रैक्टर और एक ट्राली सहित भारी सामान उतारा जाएगा. इस कार्य में करीब 56 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.

देहरादून : केदारनाथ धाम में वायुसेना के मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग को लेकर जिला प्रशासन स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. प्रशासन की ओर से वायुसेना के अधिकारियों से पत्राचार किया गया है. उन्हें बताया गया है कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की ओर से चिनूक की लैडिंग के लिए केदारनाथ हेलीपैड का विस्तार किया गया है. हालांकि, अभी वायुसेना की ओर से प्रशासन को कोई जवाब नहीं मिला है.

केदारनाथ धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड तैयार.

वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने आज केदारनाथ धाम में सफल लेडिंग की. पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम चिनूक के लिए हेलीपैड को तैयार किया जा रहा था. चिनूक हेलीकॉप्टर साल 2018 में केदारनाथ धाम में लैडिंग करते समय क्रेश हुए वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के मलबे को अपने साथ ले जाऐगा. बता दें, साल 2018 में केदारनाथ में लैंडिंग करते समय वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. हादसे में पायलट को हल्की चोटें आई थी, जबकि हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गया था.

उस समय वायुसेना ने क्षतिग्रस्त एमआई 17 हेलीकॉप्टर को वहीं छोड़ दिया था. कुछ दिन पहले वायुसेना के अधिकारी केदाराथ धाम पहुंचे थे. उन्होंने क्षतिग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे का जायजा लिया था. आज चिनूक हेलीकॉप्टर से वायुसेना के अधिकारी क्षतिग्रस्त एमआई 17 हेलीकाप्टर के मलबे को अपने साथ ले जाएंगे.

केदारनाथ धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड तैयार

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए हेलीपैड तैयार कर लिया गया है. एयरफोर्स की टीम से केदारनाथ में रेकी को लेकर पत्राचार किया गया है. जल्द ही चिनूक द्वारा भारी मशीनें केदारनाथ में उतारी जाएंगी. डीडीएमए के मुताबिक इन सभी कामों को डेढ़ से दो साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. केदारनाथ धाम में इन कार्यों को कराने के लिए भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें पहुंचाने के लिए चिनूक की लैडिंग के लिए हेलीपैड तैयार किया गया है.

दरअसल, केदारनाथ धाम में साल 2013 की आपदा के बाद से पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं. धाम में पहले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने निर्माण कार्य किए और अब वुड स्टोन कंपनी के साथ ही डीडीएमए की ओर से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत फेस टू के काम केदारनाथ धाम में होने हैं. ऐसे में निर्माण कार्यों को करने के लिए भारी मशीनों की जरूरत है. भारी मशीनों को पहले भी एयरफोर्स के एमआई 17 और एमआई 26 की मदद से धाम पहुंचाया गया था, जिससे निर्माण कार्यों में काफी राहत मिली थी. ऐसे में अब फिर से वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से धाम में भारी मशीने पहुंचाई जानी है, जिसको लेकर धाम में हेलीपैड का विस्तार किया गया है.

पढ़ें: केदारनाथ धाम के लिए शुरू हुईं हेली सेवा, ऑनलाइन बुकिंग शुरू

धाम में डीडीएमए ने 100 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े हेलीपैड का विस्तार किया गया है. इस हेलीपैड को पूरी तरह खुला रखा गया है, जिससे बड़े हेलीकॉप्टर की आसानी से लैडिंग की जा सके. हेलीपैड के पास ही 50-30 का एक कच्चा पैच बनाया गया है, जिसमें एक बड़ी पोकलैंड, एक पिकअप, एक ट्रैक्टर और एक ट्राली सहित भारी सामान उतारा जाएगा. इस कार्य में करीब 56 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.

Last Updated : Oct 17, 2020, 2:03 PM IST
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