नई दिल्ली : गुजरात के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और 100 से अधिक बांधों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. वहीं बिहार में शनिवार से किसी नये इलाके में बाढ़ का प्रकोप सामने नहीं आया, लेकिन राज्य में इस आपदा से हालात गंभीर हैं.
गुजरात में रविवार को मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 14 बांधों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, वहीं बारिश के कारण अधिक जल प्रवाह के बाद 17 बांधों के लिए चेतावनी जारी की गई है.
मेहसाणा, पाटन, सूरत, गिर सोमनाथ, साबरकांठा, अहमदाबाद, गांधीनगर, अरावली और सुरेंद्रनगर जिलों के हिस्सों में रविवार सुबह से बहुत भारी बारिश हो रही है.
अधिकारियों के मुताबिक कई जिलों में निचले इलाके जलमग्न हो गये हैं.
मौसम विभाग ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी-मध्य गुजरात के साथ-साथ सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कई जिलों में मंगलवार सुबह तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.
राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने कहा कि 'राज्य में भारी बारिश की वजह से 44 नदियां और 41 झीलें उफान पर हैं. सरदार सरोवर बांध 60.83 प्रतिशत तक भरा है, वहीं 68 बांध ऊपर तक भर गये हैं.'
बिहार
आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि बिहार में 16 जिलों में 83.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, वहीं पिछले 24 घंटे में किसी नए इलाके में बाढ़ का प्रकोप नहीं पहुंचा.
शनिवार को भी विभाग ने बाढ़ प्रभावितों का यही आंकड़ा बताया था और कहा था कि 83,62,451 लोग इस आपदा का दंश झेलने को मजबूर हुए हैं. वहीं 27 लोगों की मौत हो चुकी है.
जल संसाधन विभाग के अनुसार पटना के गांधी घाट और हाथीदह तथा भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
बक्सर, दीघा, गांधी घाट, हाथीदह और कहलगांव में गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. राज्य में बागमती, बूढ़ी गंडक, घाघरा और खिरोई समेत अन्य प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
पश्चिम बंगाल
उत्तर बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है जिससे पश्चिम बंगाल में सोमवार से दक्षिणी हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
दक्षिण 24 परगना जिले के तटीय इलाकों में कुछ नदियों के तटबंध भारी बारिश के कारण टूट गये और ऊंची लहरें उठने से खेतों में पानी भर गया.
मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों में सक्रिय मॉनसून और कम दबाव के क्षेत्र के कारण इलाके में बारिश होने का पूर्वानुमान है.
हालांकि मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिसकी वजह से राज्य में इस महीने के आखिर तक बारिश फिर हो सकती है. ऐसा 27 से 29 अगस्त के बीच होने का अनुमान है.
मध्य प्रदेश-राजस्थान-यूपी
मध्य प्रदेश में कुछ दिन के बाद रविवार को बारिश में कमी आई. कम दबाव का क्षेत्र यहां से राजस्थान की ओर बढ़ने के कारण अब उस राज्य में वर्षा हो रही है.
मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बाद राजस्थान के बारन और झालावाड़ जिलों में पार्वती तथा कालीसिंध नदियों में जलस्तर बढ़ गया है. राजस्थान में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश दर्ज की गई है. भारी बारिश के कारण दोनों राज्यों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है.
उत्तर प्रदेश में नदियां खतरे के निशान से ऊपर
उत्तर प्रदेश में तीन नदियां पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जहां 16 जिलों के 1,000 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि राज्य में नदियों के सभी तटबंध सुरक्षित हैं और चिंता की कोई बात नहीं है.