नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 1,000 स्थानों पर गहन देखभाल प्रबंधन पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया. मंत्रालय ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस से निबटने के क्रम में आपात प्रतिक्रिया के लिए रविवार (22 मार्च) को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल किया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना वायरस जांच के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किया गया है. प्रत्यक्ष स्पर्शोन्मुख, अति जोखिम वाले संपर्क के पुष्ट मामलों के संपर्क में आने के 5-14 दिनों के बीच जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार कोविड-19 जांच के लिए शुल्क, नमूना संग्रह पर निजी प्रयोगशालाओं के लिए शनिवार को दिशानिर्देश जारी कर सकती है. उन्होंने कहा कि लोगों को दिखावे के लिए या खुद को आश्वस्त करने के लिए कोरोना वायरस की जांच नहीं करानी चाहिए, यह तय दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए.
अधिकारियों ने कहा कि सरकार मास्क, सेनेटाइजर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए काम कर रही है. राज्यों से डियोड्रेंट निर्माताओं को सेनिटाइजर के उत्पादन की अनुमति देने को कहा गया है.
एक अधिकारी ने कहा कि इन सामानों की कोई कमी नहीं है और लोगों को घबराहट में आकर खरीदारी करने से बचना चाहिए.
अग्रवाल ने कहा कि मास्क के बारे में बहुत सी गलत सूचना है, हर किसी को इन्हें पहनने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सामाजिक मेलजोल से दूरी बहुत जरूरी है.
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उन्होंने कहा कि 262 लोग, ज्यादातर छात्र, शनिवार को रोम से भारत के लिए रवाना होंगे. भारत सरकार अब तक 1700 से अधिक भारतीयों को विदेशों से लेकर आई है.
उन्होंने कहा, 'आज तक हमने संक्रमित लोगों के संपर्क में आये 7,000 से अधिक लोगों का पता लगाया है. अगर हमें सामुदायिक संक्रमण के मामले मिलते हैं तो हम लोगों को जानकारी देंगे.'