नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में धरना प्रदर्शन उग्र रूप लेता नजर आ रहा है, जिसके कारण बहुत से लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हो गए हैं. इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है.
कांग्रेस का यह कहना है कि ऐसे हालात में प्रधानमंत्री को लोगों के बीच जाकर उनसे बात करने की जरूरत है, न कि विपक्षी दलों पर इल्जाम लगाने की.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को असल में छात्रों से बातचीत करनी चाहिए थी.
उनके मुद्दों को जानने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन ये विपक्षी दलों पर इल्जाम लगाने में लगे हुए हैं.
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रावत ने कहा कि भाजपा सरकार को ध्रुवीकरण से जितना फायदा मिलना था, वह मिल चुका है, अब यह दरार देश के लिए खतरनाक साबित हो रही है.
रावत का यह भी मानना है कि अगर रविवार को दिल्ली पुलिस जबरन जामिया यूनिवर्सिटी में घुसकर मारपीट नहीं करती तो देश का माहौल कुछ बेहतर हो सकता था.
दिल्ली हाईकोर्ट में उन्नाव रेप केस के दोषी और पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की सजा टल गई है, जो अब 20 दिसंबर को होगी.
इस मसले पर रावत ने कहा कि देश में जो कुछ भी हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है और उसके खिलाफ न्याय की शक्ति और कानूनी शीघ्रता को बढ़ाने के लिए सरकार को उपयुक्त कदम उठाने की जरूरत है.