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असम में जनसंख्या नियंत्रण : कांग्रेस ने फैसले को बताया 'असंवैधानिक'

असम में दो से ज्यादा संतान होने पर नौकरी न मिलने के प्रावधान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी का ये फैसला असंवैधानिक है. जानें पूरा विवरण...

हरीश रावत
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Published : Oct 22, 2019, 10:10 PM IST

नई दिल्ली : जनसंख्या नियंत्रण पर असम सरकार के फैसले को कांग्रेस ने असंवैधानिक करार दिया है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को अमित शाह का शिष्य बताते हुए फैसले पर तंज कसा.

हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी, असम के मुख्यमंत्री और उनके राजनीतिक गुरु अमित शाह से सवाल पूछना चाहते हैं.

बकौल हरीश रावत, 'क्या कोई बच्चा अपने जन्म के लिए जिम्मेदार है ? क्या बच्चा ये निर्धारित करता है कि वह नंबर एक, दो या तीन-चार पर पैदा हो. जब वह जिम्मेदार ही नहीं है तो उसके जन्म के क्रम के आधार पर उसे नौकरी के लिए कैसे अयोग्य करार दे सकते हैं, कैसे उसे दंडित कर सकते हैं.'

असम सरकार के फैसले पर हरीश रावत की प्रतिक्रिया.

रावत ने कहा कि असम की सोनोवाल सरकार ने अगर ऐसा कोई कानून बनाया है तो ये दुर्भावना से प्रेरित कानून है. ये असंवैधानिक है और स्क्रूटनी में इसकी वैधता साबित नहीं हो सकेगी.

असम में 2020 के बाद बदलेंगे सरकारी नौकरी के नियम
इससे पहले असम मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला किया कि एक जनवरी 2021 के बाद दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्तियों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी. सोमवार देर शाम कैबिनेट की हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.

ये भी पढे़ं : असम सरकार का बड़ा फैसला : दो से अधिक बच्चों पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

मंत्रिमंडल की बैठक में नयी भूमि नीति को भी मंजूरी दी गयी, जिससे भूमिहीन लोगों को तीन बीघा कृषि भूमि और एक मकान बनाने के लिए आधा बीघा जमीन मिलेगी.

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के जनसंपर्क प्रकोष्ठ द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि छोटे परिवार के मानक के अनुसार एक जनवरी 2021 से दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी.

नई दिल्ली : जनसंख्या नियंत्रण पर असम सरकार के फैसले को कांग्रेस ने असंवैधानिक करार दिया है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को अमित शाह का शिष्य बताते हुए फैसले पर तंज कसा.

हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी, असम के मुख्यमंत्री और उनके राजनीतिक गुरु अमित शाह से सवाल पूछना चाहते हैं.

बकौल हरीश रावत, 'क्या कोई बच्चा अपने जन्म के लिए जिम्मेदार है ? क्या बच्चा ये निर्धारित करता है कि वह नंबर एक, दो या तीन-चार पर पैदा हो. जब वह जिम्मेदार ही नहीं है तो उसके जन्म के क्रम के आधार पर उसे नौकरी के लिए कैसे अयोग्य करार दे सकते हैं, कैसे उसे दंडित कर सकते हैं.'

असम सरकार के फैसले पर हरीश रावत की प्रतिक्रिया.

रावत ने कहा कि असम की सोनोवाल सरकार ने अगर ऐसा कोई कानून बनाया है तो ये दुर्भावना से प्रेरित कानून है. ये असंवैधानिक है और स्क्रूटनी में इसकी वैधता साबित नहीं हो सकेगी.

असम में 2020 के बाद बदलेंगे सरकारी नौकरी के नियम
इससे पहले असम मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला किया कि एक जनवरी 2021 के बाद दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्तियों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी. सोमवार देर शाम कैबिनेट की हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.

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मंत्रिमंडल की बैठक में नयी भूमि नीति को भी मंजूरी दी गयी, जिससे भूमिहीन लोगों को तीन बीघा कृषि भूमि और एक मकान बनाने के लिए आधा बीघा जमीन मिलेगी.

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के जनसंपर्क प्रकोष्ठ द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि छोटे परिवार के मानक के अनुसार एक जनवरी 2021 से दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी.

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