नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में कृषि संबंधी तीनों विधेयक पारित हो गए हैं. अब इन विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएंगे.
हालांकि, इन विधेयकों का विपक्षी दल और किसान संगठन विरोध कर रहे हैं तथा इसे किसान विरोधी बता रहे हैं. वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि विपक्षी दल राजनीतिक फायदे के लिए इन विधेयकों को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं.
कृषि से जुड़े दोनों बिल कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 रविवार को राज्यसभा में पास होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और इससे जुड़े तथ्य बताने की कोशिश की.
उन्होंने ट्वीट किया, 'सावधान रहें! मिथक : मोदी सरकार किसानों को बड़े कॉर्पोरेट्स के साथ अनुबंध करके खत्म कर देगी. तथ्य : पिछले दशकों में कई राज्यों द्वारा अनुबंध खेती को लागू किया गया है. कुछ राज्यों ने भी अलग-अलग अनुबंध खेती अधिनियम पारित किए हैं.'
एपीएमसी अधिनियम नहीं होगा प्रभावित
अतिरिक्त व्यापारिक अवसर पैदा होंगे
एमएसपी का सुरक्षा जाल बना रहेगा
प्रभावी विवाद समाधान तंत्र
किसानों की जमीन पर नहीं होगी कार्रवाई
किसानों को बंधक बनाने पर लगेगी रोक
किसानों को अधिकतम आय सुनिश्चित करने का प्रावधान
एपीएमसी के बाहर अतिरिक्त व्यापार की अनुमित
न्यूनतम खरीद मूल्य की संरचना बनी रहेगी
किसानों को समय पर मिलेगा भुगतान
खेत के पास मंडी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध