ETV Bharat / bharat

इंडो-नगा शांति वार्ता : क्रिसमस से पहले समाप्त होगी वार्ता, राज्यपाल आरएन रवि से उम्मीदें

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) नगा शांति वार्ता के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गृह मंत्रालय के साथ काम कर रहा है. आरएन रवि को नगालैंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त करने के साथ उम्मीद की जा रही है कि इंडो नगा शांति वार्ता का समाधान क्रिसमस आने से पहले होगा. जानें क्या है मसला...

क्रिसमस से पहले समाप्त होगी नागा शांति वार्ता
author img

By

Published : Aug 29, 2019, 12:09 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 4:37 PM IST

नई दिल्ली: भारत सरकार ने क्रिसमस से पहले दशकों से चली आ रही नगा शांति वार्ता समाप्त करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) नगा शांति वार्ता के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गृह मंत्रालय के साथ काम कर रहा है.

सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार के वार्ताकार आरएन रवि और नगा नेताओं के बीच वार्ता चल रही है. वार्ता अंतिम दौर में चल रही है.

दरअसल जुलाई में बताया गया था कि सरकार बहुत जल्द इस मुद्दे का समाधान करेगी.

हालांकि नगा नेताओं द्वारा उठाई गई मांग के अनुसार वार्ता में असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बसे हुए इलाके के नगा शामिल नहीं होंगे इस समझौतें में शामिल नहीं होंगे.

वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान ने कहा, 'भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि क्षेत्रीय सीमा पर कोई समझौता नहीं होगा. हालाँकि सरकार नगाओं के लिए एक सांस्कृतिक परिषद की घोषणा कर सकती है, जिसमें असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के नागा बसे हुए इलाके शामिल होगें.'

वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान

दीवान पिछले कई वर्षों से इंडो-नगा शांति वार्ता की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.

नगा वर्तमान में एक अलग नगा ध्वज और संविधान की मांग कर रहे हैं.

भारत-सरकार के साथ युद्ध विराम के बाद नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN-IM) के बाद 1997 में भारत-नगा शांति वार्ता शुरू हुई.

बता दें, NSCN (IM) को पूर्वोत्तर में उग्रवाद की जननी के रूप में जाना जाता है.

पढ़ें- केंद्र ने नगालैंड के दो विद्रोही गुटों के बीच युद्ध विराम संधि एक वर्ष के लिए बढ़ाया

गौरतलब है कि 3 अगस्त, 2015 को संगठन और सरकार के बीच एक 'फ्रेमवर्क एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर हुआ, जिसने भारत नगा राजनीतिक वार्ता को बहुत महत्वपूर्ण चरण में ले लिया.

आरएन रवि को नगालैंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त करने के साथ उम्मीद की जा रही है कि इंडो नागा शांति वार्ता का समाधान क्रिसमस आने से पहले होगा.

उल्लेखनीय है वार्ताकार होने के नाते रवि पिछले कई वर्षों से नगा नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं.

नई दिल्ली: भारत सरकार ने क्रिसमस से पहले दशकों से चली आ रही नगा शांति वार्ता समाप्त करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) नगा शांति वार्ता के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गृह मंत्रालय के साथ काम कर रहा है.

सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार के वार्ताकार आरएन रवि और नगा नेताओं के बीच वार्ता चल रही है. वार्ता अंतिम दौर में चल रही है.

दरअसल जुलाई में बताया गया था कि सरकार बहुत जल्द इस मुद्दे का समाधान करेगी.

हालांकि नगा नेताओं द्वारा उठाई गई मांग के अनुसार वार्ता में असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बसे हुए इलाके के नगा शामिल नहीं होंगे इस समझौतें में शामिल नहीं होंगे.

वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान ने कहा, 'भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि क्षेत्रीय सीमा पर कोई समझौता नहीं होगा. हालाँकि सरकार नगाओं के लिए एक सांस्कृतिक परिषद की घोषणा कर सकती है, जिसमें असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के नागा बसे हुए इलाके शामिल होगें.'

वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान

दीवान पिछले कई वर्षों से इंडो-नगा शांति वार्ता की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.

नगा वर्तमान में एक अलग नगा ध्वज और संविधान की मांग कर रहे हैं.

भारत-सरकार के साथ युद्ध विराम के बाद नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN-IM) के बाद 1997 में भारत-नगा शांति वार्ता शुरू हुई.

बता दें, NSCN (IM) को पूर्वोत्तर में उग्रवाद की जननी के रूप में जाना जाता है.

पढ़ें- केंद्र ने नगालैंड के दो विद्रोही गुटों के बीच युद्ध विराम संधि एक वर्ष के लिए बढ़ाया

गौरतलब है कि 3 अगस्त, 2015 को संगठन और सरकार के बीच एक 'फ्रेमवर्क एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर हुआ, जिसने भारत नगा राजनीतिक वार्ता को बहुत महत्वपूर्ण चरण में ले लिया.

आरएन रवि को नगालैंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त करने के साथ उम्मीद की जा रही है कि इंडो नागा शांति वार्ता का समाधान क्रिसमस आने से पहले होगा.

उल्लेखनीय है वार्ताकार होने के नाते रवि पिछले कई वर्षों से नगा नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं.

Intro:New Delhi: Government of India is all set to bring an end to the decades long Naga peace talks before Xmass.


Body:The Prime Minister Office (PMO) is believed have been working with Home Ministry for an amicable solution of the Naga peace talks.

Sources in the government said that in the last talks between Government of India interlocutor RN Ravi and Naga leaders held in July, it was convenyed to the later that Government would come with a solution very soon.

The solution, however, will not include the Naga inhabited areas of Assam, Manipur and Arunachal Pradesh, a demand raised by the Naga leaders.

"Government of India had made it clear that there will be no compromise on the territorial boundary. However, the government might announce a cultural council for the Nagas...comprising Naga inhabited areas of Assam, Manipur and Arunachal Pradesh," said Deepak Diwan, a senior journalist.

Diwan was closely monitoring the Indo Naga peace talks for last several years.

The Nagas are at present demanding for a separate Naga flag and constitution. The Indo-Naga peace talks started in 1997 after the National Socialist Council of Nagaland (NSCN-IM) came to a ceasefire with government of India.

NSCN (IM) known as the mother of insurgency in Northeast.

Significantly, a "framework agreement" signed between the outfit and government on August 3, 2015, has taken the Indo Naga political talks to a very crucial stage.



Conclusion:With the appointment of RN Ravi as the Nagaland Governor, it is expected that the solutuon of the Indo Naga peace talks would come before coming Xmass.

Being an interlocutor, Ravi was negotiating with the Naga leaders for last several years.

end.
Last Updated : Sep 28, 2019, 4:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.