हैदराबाद : कोरोना वायरस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. कोरोना महामारी के खिलाफ शुरू हुई इस जंग में देश को एकजुट करने और ताकत देने के लिए समय-समय पर सरकार ने वित्तीय पैकेजों की घोषणा की. जानें, सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में लिए गए कुछ अहम फैसलों के बारे में..
नौ अप्रैल 2020
- सरकार ने भारत कोविड -19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी पैकेज की ओर 15,000 करोड़ रुपए मंजूर किए.
- कुल राशि में से, 7,774 करोड़ रुपए का उपयोग आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए किया जाएगा और बाकी 1-4 साल की अवधि के बीच के समय के लिए किया जाएगा.
- यह एक मिशन मोड दृष्टिकोण के तहत दिया जाएगा.
छह अप्रैल 2020
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने MPLADs (संसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के सदस्य) फंड को निलंबित करते हुए एक अध्यादेश पारित किया. बता दें एमपीएलएडी (MPLADs) निधि को 2022 तक निलंबित कर दिया गया है.
तीन हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि जारी
इसके अलावा, सेंट्रल पूल से एन-95 मास्क, वेंटिलेटर और पीपीई खरीदे जा रहे हैं और देश के सभी राज्यों में बांटे जा रहे हैं.
तीन अप्रैल 2020
केंद्र ने विभिन्न चुनौतियों से निबटने के लिए अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने हेतु शुक्रवार को विभिन्न राज्यों को 17,287.08 करोड़ रुपये जारी किए.
जिसमें से, गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (SDRMF) के तहत सभी राज्यों को 11,092 करोड़ रुपए जारी करने को मंजूरी दे दी और संगरोध सुविधाओं की स्थापना और कोरोना वायरस के प्रसार की जांच के लिए अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की.
इस फंड को संगरोध सुविधाओं, सैंपल संग्रह और स्क्रीनिंग के लिए उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही इन कार्यों में इस फंड का इस्तेमाल किया जाना है...
अतिरिक्त परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना
- प्रयोग में आने वाली सामग्रियों की लागत
- स्वास्थ्य सुरक्षा
- नगरपालिका
- पुलिस और अग्निशमन अधिकारियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीद
- सरकारी अस्पतालों के लिए थर्मल स्कैनर
- वेंटिलेटर
- एयर प्यूरीफायर और..
- उपभोग में आने वाली सामग्रियों की खरीद
25 मार्च 2020
- कोरोना वायरस प्रकोप के प्रभाव से निबटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1.7 लाख करोड़ रुपए के व्यापक पैकेज की घोषणा की.
- लॉकडाउन में लाखों गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से आर्थिक पैकेज का लाभ सीधे कैश ट्रांसफर और खाद्य सुरक्षा उपायों के माध्यम से जारी किया जाना है.
- गरीब कल्याण अन्ना योजना के तहत, पहले से दिए गए पांच किलो के अलावा 80 करोड़ राशन कार्ड धारकों को पांच किलोग्राम गेहूं / चावल अगले तीन महीने तक दिया जाएगा. इसके साथ ही हर परिवार को एक किलो दाल भी दी जाएगी.
- 20 करोड़ महिला जन-धन खाता धारकों को अपने घर-परिवार चलाने के लिए अगले तीन महीनों के लिए 500 रुपए प्रति माह की पूर्व-अनुदान राशि मिलेगी.
- वर्कर्स जैसे नर्स पैरामेडिक्स और स्वास्थ्यकर्मी, जो बीमारी के खिलाफ लड़ाई की पहली लाइन में खड़े हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपए का चिकित्सा बीमा कवर दिया जाएगा.
- मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है, जिससे पांच करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे, जो 2,000 रुपये का लाभ उठा सकेंगे.
- 63 लाख महिला स्व-संगठित समूहों को संपार्श्विक-मुक्त ऋण की सीमा को दोगुना करके 20 लाख कर दिया गया है, जिससे सात करोड़ परिवार प्रभावित हुए हैं.
- पीएम-किसान के तहत सालाना 6,000 रुपए पाने वाले किसानों को इसके अलावा 2,000 रुपए की पहली किस्त मिलेगी और इसे अप्रैल के पहले हफ्ते में तुरंत दिया जाएगा.
- अगले तीन महीनों के लिए विधवा, गरीब विधवाओं, 'दिव्यांग' और वरिष्ठ नागरिकों को 1,000 रुपए (दो किस्त) जी जाएगी.
- सरकार उन प्रतिष्ठानों के लिए अगले तीन महीने के लिए ईपीएफ (नियोक्ता और कर्मचारी दोनों) का भुगतान करेगी, जिनके पास 100 कर्मचारी हैं और 90% कर्मचारी 15,000 रुपये से कम कमा रहे हैं.
- श्रमिक PF धन (गैर-वापसी योग्य अग्रिम) या तीन महीने की मजदूरी (जो भी कम हो) से 75% तक निकाल सकते हैं.
- कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (construction workers) के लिए 31,000 करोड़ रुपए की कल्याण निधि का उपयोग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों द्वारा किया जा सकता है.
- भारत सरकार ने घोषणा की कि जिला खनिज निधि का उपयोग अब खनिज श्रमिकों को राहत देने के लिए किया जा सकता है.
24 मार्च 2020
भारत सरकार ने 22 मार्च को 15 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू के बाद कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देशव्यापी तालाबंदी की घोषणा की, जिसके चलते सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों पर भी रोक लग गई.
14 मार्च 2020
भारत सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप को एक अधिसूचित आपदा (notified disaster) घोषित किया. यह कदम अब राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से राशि खर्च में मददगार साबित होगा.
राज्य सरकारें अब एसडीआरएफ फंड को यहां इस्तेमाल कर सकती है..
- अस्थाई आवास
- भोजन, कपड़े
- चिकित्सा सुविधा
- क्वारंटाइन सेंटर
- आश्रितों के लिए सुविधाएं
- क्लस्टर कंटेंटमेंट ऑपरेशन
दो फरवरी 2020
केंद्र सरकार ने चीनी यात्रियों और पड़ोसी देश में रहने वाले विदेशियों के लिए ई-वीजा सुविधा के अस्थाई निलंबन की घोषणा की और एक ताजा सलाह जारी करते हुए कहा कि 15 जनवरी के बाद से चीन से आए किसी भी व्यक्ति को क्वारंटाइन किया जा सकता है.
अन्य देशों से भारतीयों को बचाया
- भारत सरकार विदेश में रह रहे कईं भारतीयों को सुरक्षित रूप से वापस लाई. खासतौर पर श्रमिकों और वहां रह रहे छात्रों को.
- एयर इंडिया की एक फ्लाइट ने 330 यात्रियों को निकाला, जिनमें वुहान के सात और कुछ मालदीव के नागरिक भी शामिल थे.
- कोरोना वायरस पीड़ित ईरान में फंसे 234 भारतीयों को पहले चरण में वापस लाया गया. बैच में 131 छात्र और 103 तीर्थयात्री शामिल थे. बता दें, ईरान से कुल 389 भारतीय भारत लौट आए हैं.
- 218 भारतीय नागरिकों को मिलान, इटली से वापस लाया गया.
- एयर इंडिया ने श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू से 119 भारतीयों और पांच नागरिकों को लाया, जिन्हें डायमंड प्रिंसेज क्रूज में रखा गया.
- एयर इंडिया की उड़ान ने जापान के पोर्ट योकोहामा से श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के पांच विदेशी नागरिकों सहित 124 यात्रियों को वापस लाने के लिए एक अभियान चलाया.
- भारत सरकार ने मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू जैसे देशों के 48 नागरिकों सहित 1031 लोगों को निकाला है.
चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कदम
विशाखापट्टनम में वेंटिलेटर, परीक्षण किट, इमेजिंग उपकरण, अल्ट्रासाउंड और उच्च अंत रेडियोलॉजी उपकरण के स्वदेशी विकास के लिए एक विनिर्माण सुविधा स्थापित की गई है, जहां अप्रैल के पहले सप्ताह में विनिर्माण (manufacturing) शुरू हो जाएगा.
NHM ने सभी राज्यों को 1100 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी
एनएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) ने सभी राज्यों को फंड की स्वीकृति दी है. इसके साथ ही भारतीय सेना ने चीन के वायरस प्रभावित प्रांत से निकाले गए लोगों को रखने के लिए दिल्ली के पास मानेसर में एक संगरोध सुविधा स्थापित की है. डॉक्टरों और स्टाफ के सदस्यों की एक योग्य टीम द्वारा दो सप्ताह तक संक्रमण के किसी भी संकेत के लिए उनकी निगरानी की जाएगी.