श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख डॉ फारूक अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है. इससे साथ ही प्रसाशन ने अब्दुल्ला की नजरबंदी रद कर दी है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा पीएसए हटाए जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'अब मैं आजाद हूं.'
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव रोहित कंसल ने यह जानकारी दी.
बता दें कि उन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद 15 सितंबर 2019 को उन्हें जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत नजरबंद किया गया था.
तीन बार मुख्यमंत्री रहे फारूक अब्दुल्ला के अलावा कई और नेताओं को इसी कानून के तहत नजरबंद किया गया था. इनमें फारूक के बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं.
इससे पहले, फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने नजरबंद किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि वह 'अपराधी' नहीं हैं.
नजरबंद किए जाने के कारण वह संसद के दो सत्रों में शामिल नहीं हो सके, विपक्षी दलों के कई नेताओं ने मांग की कि श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला को संसद में उपस्थित होने की अनुमति दी जाए.