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जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त

सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी. पढ़ें पूरी खबर....

VIPIN RAWAT
जनरल बिपिन रावत
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Published : Dec 31, 2019, 7:25 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 10:18 AM IST

नई दिल्ली : सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया. सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा.

जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था. वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे. सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे.

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ग्राफिक्स

रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का फैसला किया है जो 31 दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावी होगा और जनरल रावत की सेवा अवधि 31 दिसंबर से तब तक के लिए बढ़ाई जाती है, जब तक वह सीडीएस कार्यालय में रहेंगे.'

सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करके सेवानिवृत्त की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करने के बाद जनरल रावत तीन साल के लिए सीडीएस के तौर सेवाएं दे सकेंगे.

सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा.

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ग्राफिक्स

सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है.

अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस की जिम्मेदारी तीन वर्षों के भीतर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्‍स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्‍मत एवं रखरखाव इत्‍यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करना होगी.

जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के भी प्रमुख होंगे.

वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे. तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और अंतरक्षिण से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी. सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और एनएसए की अध्‍यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्‍य होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस पद के सृजन की घोषणा इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी.

उल्लेखनीय है कि जनरल रावत संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले लोगों की सार्वजनिक आलोचना करके पिछले सप्ताह विवादों में घिर गए. उन्होंने कहा था कि यदि नेता हमारे शहरों में आगजनी और हिंसा के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों सहित जनता को उकसाते हैं, तो यह नेतृत्व नहीं है.

जनरल बिपिन रावत की टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पूर्व सैन्यकर्मियों ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी, जिन्होंने उन पर राजनीतिक टिप्पणी करने और ऐसा करके राजनीतिक मामलों में नहीं पड़ने की सेना में लंबे समय से कायम परंपरा से समझौता करने का आरोप लगाया था.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने जनरल बिपिन रावत से मंगलवार को सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण करेंगे.

नई दिल्ली : सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया. सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा.

जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था. वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे. सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वोत्तर में विभिन्न संचालनात्मक जिम्मेदारियां संभाल चुके थे.

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रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'सरकार ने जनरल रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने का फैसला किया है जो 31 दिसंबर से आगामी आदेश तक प्रभावी होगा और जनरल रावत की सेवा अवधि 31 दिसंबर से तब तक के लिए बढ़ाई जाती है, जब तक वह सीडीएस कार्यालय में रहेंगे.'

सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करके सेवानिवृत्त की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करने के बाद जनरल रावत तीन साल के लिए सीडीएस के तौर सेवाएं दे सकेंगे.

सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले मंगलवार को सीडीएस का पद बनाए जाने को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा.

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सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है.

अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस की जिम्मेदारी तीन वर्षों के भीतर तीनों ही सेवाओं के परिचालन, लॉजिस्टिक्‍स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्‍मत एवं रखरखाव इत्‍यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करना होगी.

जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के भी प्रमुख होंगे.

वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे. तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और अंतरक्षिण से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होगी. सीडीएस रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और एनएसए की अध्‍यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्‍य होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस पद के सृजन की घोषणा इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी.

उल्लेखनीय है कि जनरल रावत संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले लोगों की सार्वजनिक आलोचना करके पिछले सप्ताह विवादों में घिर गए. उन्होंने कहा था कि यदि नेता हमारे शहरों में आगजनी और हिंसा के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों सहित जनता को उकसाते हैं, तो यह नेतृत्व नहीं है.

जनरल बिपिन रावत की टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पूर्व सैन्यकर्मियों ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी, जिन्होंने उन पर राजनीतिक टिप्पणी करने और ऐसा करके राजनीतिक मामलों में नहीं पड़ने की सेना में लंबे समय से कायम परंपरा से समझौता करने का आरोप लगाया था.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने जनरल बिपिन रावत से मंगलवार को सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण करेंगे.

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Last Updated : Dec 31, 2019, 10:18 AM IST
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