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गहलोत सरकार ने राज्यपाल को भेजा नया प्रस्ताव, बहुमत साबित करने का जिक्र नहीं

राजस्थान में सियासी संकट जारी है. इसी बीच गहलोत सरकार ने राज्यपाल कलराज मिश्र को नया प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में कोरोना की स्थिति और अन्य बिल पर चर्चा की बात कही गई है. हालांकि, प्रस्ताव में गहलोत सरकार ने बहुमत साबित करने का जिक्र नहीं किया है.

अशोक गहलोत
अशोक गहलोत
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Published : Jul 26, 2020, 3:07 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 3:30 PM IST

जयपुर : राजस्थान में पिछले कई दिनों से सियासी घमासान जारी है. इस बीच राज्य सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर नया प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र के पास भेज दिया है. राज्य सरकार की ओर से राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव में बहुमत साबित करने का जिक्र नहीं किया गया है. प्रस्ताव में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की बात कही गई है. कोरोना के साथ-साथ दूसरे विधेयकों पर चर्चा का भी जिक्र किया गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्यपाल को सौंपे नए प्रस्ताव में 31 जुलाई से कोरोना वायरस और अन्य बिल पर चर्चा के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई है. मुख्यमंत्री की तरफ से राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव में बहुमत साबित करना का जिक्र नहीं है.

इससे पहले जो प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से भेजा गया था, उसमें सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन उस प्रस्ताव में कुछ बिंदुओं पर कमी रहने को लेकर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया था. जिसे दुरुस्त कर दूसरा प्रस्ताव भिजवाया गया है.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिये राजभवन में कांग्रेस विधायकों के शुक्रवार को पांच घंटे के धरने के बाद राज्य सरकार से छह बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल के आश्वासन के बाद राजभवन में धरना समाप्त कर दिया गया था.

मिश्र ने कहा था कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है और किसी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए.

राज्यपाल ने गहलोत को स्पष्टीकरण के साथ विधानसभा सत्र बुलाये जाने के बारे में फिर से मंत्रिमंडल की ओर से प्रस्ताव भेजने को कहा था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर हुई। बैठक में उन बिंदुओं पर चर्चा की गई, जो राज्यपाल ने पहले के प्रस्ताव में उठाए थे। इसके बाद संशोधित प्रस्ताव को मंजूर किया गया,

राजभवन को छह बिंदुओं का जवाब अब तक नहीं मिला
बताया जा रहा है कि 6 बिंदु जिसका जवाब राज्यपाल ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री से मांगा था, उस पर अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब राजभवन को नहीं दिया गया है. हालांकि, कैबिनेट में तय किए गए प्रस्ताव को राजभवन भिजवा दिया गया, लेकिन उन 6 बिंदुओं के जवाब का इंतजार अभी भी राजभवन को है.

वहीं, कांग्रेस ने देशभर में #SpeakUpforDemocracy अभियान छेड़ दिया है. इस अभियान को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भाजपा को निशाने पर लिया.

उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. भाजपा एक के बाद एक साजिश कर लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों को टारगेट कर रही है.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करना, टारगेट कर विपक्ष को कमजोर करना और संवैधानिक संस्थाओं को हथियार बनाना लोकतंत्र को कमजोर बनाना नहीं तो क्या है. भाजपा धनबल से सरकार गिराने की साजिश कर रही है. न्यायपालिका, संवैधानिक संस्थाएं और लोकतंत्र खतरे में है. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है.

जयपुर : राजस्थान में पिछले कई दिनों से सियासी घमासान जारी है. इस बीच राज्य सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर नया प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र के पास भेज दिया है. राज्य सरकार की ओर से राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव में बहुमत साबित करने का जिक्र नहीं किया गया है. प्रस्ताव में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की बात कही गई है. कोरोना के साथ-साथ दूसरे विधेयकों पर चर्चा का भी जिक्र किया गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्यपाल को सौंपे नए प्रस्ताव में 31 जुलाई से कोरोना वायरस और अन्य बिल पर चर्चा के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई है. मुख्यमंत्री की तरफ से राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव में बहुमत साबित करना का जिक्र नहीं है.

इससे पहले जो प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से भेजा गया था, उसमें सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन उस प्रस्ताव में कुछ बिंदुओं पर कमी रहने को लेकर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया था. जिसे दुरुस्त कर दूसरा प्रस्ताव भिजवाया गया है.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिये राजभवन में कांग्रेस विधायकों के शुक्रवार को पांच घंटे के धरने के बाद राज्य सरकार से छह बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल के आश्वासन के बाद राजभवन में धरना समाप्त कर दिया गया था.

मिश्र ने कहा था कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है और किसी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए.

राज्यपाल ने गहलोत को स्पष्टीकरण के साथ विधानसभा सत्र बुलाये जाने के बारे में फिर से मंत्रिमंडल की ओर से प्रस्ताव भेजने को कहा था.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर हुई। बैठक में उन बिंदुओं पर चर्चा की गई, जो राज्यपाल ने पहले के प्रस्ताव में उठाए थे। इसके बाद संशोधित प्रस्ताव को मंजूर किया गया,

राजभवन को छह बिंदुओं का जवाब अब तक नहीं मिला
बताया जा रहा है कि 6 बिंदु जिसका जवाब राज्यपाल ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री से मांगा था, उस पर अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब राजभवन को नहीं दिया गया है. हालांकि, कैबिनेट में तय किए गए प्रस्ताव को राजभवन भिजवा दिया गया, लेकिन उन 6 बिंदुओं के जवाब का इंतजार अभी भी राजभवन को है.

वहीं, कांग्रेस ने देशभर में #SpeakUpforDemocracy अभियान छेड़ दिया है. इस अभियान को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भाजपा को निशाने पर लिया.

उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. भाजपा एक के बाद एक साजिश कर लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारों को टारगेट कर रही है.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करना, टारगेट कर विपक्ष को कमजोर करना और संवैधानिक संस्थाओं को हथियार बनाना लोकतंत्र को कमजोर बनाना नहीं तो क्या है. भाजपा धनबल से सरकार गिराने की साजिश कर रही है. न्यायपालिका, संवैधानिक संस्थाएं और लोकतंत्र खतरे में है. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है.

Last Updated : Jul 26, 2020, 3:30 PM IST
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