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16 नवंबर को बंद होंगे गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट

अब चारधाम यात्रा के लिए एक माह से भी कम समय बचा है. 16 नवंबर को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. वहीं, बदरी विशाल के कपाट बंद होने की तारीख 25 अक्टूबर को तय की जाएगी. यह जानकारी उत्तराखंड के पर्यटन विभाग के सचिव ने दी है.

Chardham Yatra 2020
चारधाम यात्रा
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Published : Oct 17, 2020, 7:24 PM IST

देहरादून : 16 नवंबर को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. ऐसे में अब गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के पास करीब एक महीने का ही समय बचा है. इसके साथ ही बदरी विशाल के कपाट बंद होने की तारीख 25 अक्टूबर को तय की जाएगी.

उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद हो रहे हैं. अब चारधाम यात्रा के लिए अधिक समय नहीं बचा है. वर्तमान समय में रोजाना करीब एक हजार श्रद्धालु चारधाम के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक चारधाम यात्रा के तहत करीब तीन हजार लोगों को रोजाना दर्शन करने की अनुमति दी गई है. ऐसे में बचे हुए दिनों में अगर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, तो उनके लिए जो कैपेसिटी तय की गई है, उसी आधार पर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अनुमति दी जाएगी. धाम में भीड़ एकत्रित न हो और यात्रियों को कोई दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन अपने स्तर पर फैसले ले रहा है.

देहरादून : 16 नवंबर को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. ऐसे में अब गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के पास करीब एक महीने का ही समय बचा है. इसके साथ ही बदरी विशाल के कपाट बंद होने की तारीख 25 अक्टूबर को तय की जाएगी.

उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद हो रहे हैं. अब चारधाम यात्रा के लिए अधिक समय नहीं बचा है. वर्तमान समय में रोजाना करीब एक हजार श्रद्धालु चारधाम के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक चारधाम यात्रा के तहत करीब तीन हजार लोगों को रोजाना दर्शन करने की अनुमति दी गई है. ऐसे में बचे हुए दिनों में अगर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, तो उनके लिए जो कैपेसिटी तय की गई है, उसी आधार पर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अनुमति दी जाएगी. धाम में भीड़ एकत्रित न हो और यात्रियों को कोई दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन अपने स्तर पर फैसले ले रहा है.

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