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ड्रोन पकड़ने के लिए बनानी होगी संगठित योजना : पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह

पंजाब में ड्रोन दिखाई देने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के ड्रोन अत्याधुनिक प्रणाली से लैस हैं. सरकार को इन्हें पकड़ने के लिए सभी सुरक्षा बलों के साथ संगठित होकर योजना बनानी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्व डी़जीपी विक्रम सिंह
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Published : Oct 12, 2019, 6:16 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विक्रम सिंह ने कहा कि ड्रोन का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र बनाने की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने बीते नौ अक्टूबर की शाम को पंजाब में एक पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सीमा के अंदर देखा था. इसके पहले भी कई बार सीमा पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे जा चुके हैं.

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार को केवल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) या भारतीय वायुसेना, असम राइफल्स, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, अन्य सुरक्षा बलों को ही ड्रोन का पता लगाने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए. बल्कि एक साथ संगठित होकर इस निमित्त एक योजना बनानी चाहिए.

ईटीवी भारत से बात करते यूपी के पूर्व डीजपी विक्रम सिंह.

हाल ही में सऊदी अरब में दो प्रमुख तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हुए हमले का जबाव देते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रोन एके-47, सैटेलाइट फोन और नकली मुद्राओं,10 किलोग्राम वजन तक के हाथियार ले जाने में सक्षम हैं. यह जमीनी स्तर पर बहुत खराब है.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सऊदी अरब की सरकारी तेल कम्पनी अरामको पर ड्रोन हमले से प्रेरणा लेकर कुछ वैसे ही हमले भारत पर कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाए जाने वाले चीन के ड्रोन का यह मतलब नहीं है कि चीन पाकिस्तान को ड्रोन हमलों के लिए मदद कर रहा है.

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विक्रम सिंह ने कहा कि ड्रोन का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र बनाने की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने बीते नौ अक्टूबर की शाम को पंजाब में एक पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सीमा के अंदर देखा था. इसके पहले भी कई बार सीमा पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे जा चुके हैं.

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार को केवल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) या भारतीय वायुसेना, असम राइफल्स, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, अन्य सुरक्षा बलों को ही ड्रोन का पता लगाने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए. बल्कि एक साथ संगठित होकर इस निमित्त एक योजना बनानी चाहिए.

ईटीवी भारत से बात करते यूपी के पूर्व डीजपी विक्रम सिंह.

हाल ही में सऊदी अरब में दो प्रमुख तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हुए हमले का जबाव देते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रोन एके-47, सैटेलाइट फोन और नकली मुद्राओं,10 किलोग्राम वजन तक के हाथियार ले जाने में सक्षम हैं. यह जमीनी स्तर पर बहुत खराब है.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सऊदी अरब की सरकारी तेल कम्पनी अरामको पर ड्रोन हमले से प्रेरणा लेकर कुछ वैसे ही हमले भारत पर कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाए जाने वाले चीन के ड्रोन का यह मतलब नहीं है कि चीन पाकिस्तान को ड्रोन हमलों के लिए मदद कर रहा है.

Intro:New Delhi: In yet another such incident, a Pakistani drone was spotted in Punjab by Border Security Force (BSF) personnel over Ferozepur district late on Wednesday evening. Since September, unmanned aerial vehicles (UAVs) multiple times to drop arms in India. To understand how the drone threats should be dealt with, ETV Bharat talked to Vikram Singh, former DGP of Uttar Pradesh, who said that a state-of-the-art research center is need of the hour to trace the drones from the ground as well as from the sky.

Vikram Singh said that government should not leave the problem only to the Border Security Force (BSF) or Indian Air Force (IAF) and all border security forces including the R&AW, Assam Rifles, Indo-Tibetan Border Police, Coastal Guards and IB should come together in an organised manner to chalk out a plan to trace drones.


Body:Last month, Punjab police had said that a large number of AK-47 assault rifles, satellite phones and grenades were dropped in Punjab's Tarn Taran district by heavy-lifting drones that came from Pakistan. After this Union Home Minister Amit Shah held meeting with Director Generals (DGs) of the BSF, ITBP, SSB and the Assam Rifles-- to come out with a long term plan for full-proof guard at the border areas under their jurisdiction.

Citing the recent drone attack on two major oil plants in Saudi Arabia, Vikram Singh said drones which are being used by Pakistan are capable of carrying a payload of carrying almost 10 kgs of arms like AK-47, satellite phones and fake currencies. Thus, the on-ground situation is very ominous.

He added that Pakistan might have got the inspiration of drone attack on Saudi Arabia's state-run oil company Aramco's facility. He added that made in China drones found in India doesn't mean that China is helping Pakistan for drone attacks.


Conclusion:Former UP DGP also suggested that drones in India should be banned unless they are licensed and they should be governed that under what rules drones are flying in a given trajectory. If they cross it, they should be deemed to be an alien and short down.

Meanwhile, Home Ministry has ordered National Investigation Agency (NIA) to probe the matter while National Technical Research Organisation (NTRO) has been asked to work on a frequency on which these drones have been operating along the border.
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