नई दिल्ली : पूर्व राजनयिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ फुंचोक स्टोब्डान (Phunchok Stobdan) ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो रहे हैं.
स्टोब्डान ने गुरुवार को कहा कि चीन की गलती वास्तव में दोनों देशों के संबंध प्रभावित करने वाली है. उन्होंने कहा कि चीन ने जिस तरह से सीमा पर तनाव पैदा किया है. इससे भारत और चीन के बीच संबंध को बड़ा झटका लगा है. पिछले कुछ दशकों में यह सबसे खराब है. शायद यह कि 1962 की स्थिति जैसा है. यह अच्छी बात नहीं है क्योंकि दोनों देशों के संबंध काफी आगे बढ़ रहे थे.
स्टोब्डान ने आगे कहा, '6 जून को सैन्य स्तर पर बैठक के बाद यह उम्मीद की गई थी कि सीमा पर तनाव खत्म हो जाएगा. मगर 15 जून की घटना के बाद स्थिति बदल गई है. सीमा पर जनरल लेवल की वार्ता परिणाम नहीं दे रही है. 15 जून की घटना का कुल परिणाम यह है कि चीन अब आधिकारिक तौर पर गलवान घाटी पर अपना अधिकार जता रहा है. यह बहुत अजीब है. भारतीय इसे स्वीकार नहीं कर सकते.'
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साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी को भी अमेरिका के आगे आने की उम्मीद नहीं कर रहा है. अमेरिका की चीन के साथ कुछ व्यापार समस्याएं हैं. जिस दिन अमेरिका की चीन के साथ ये समस्या खत्म हो जाएगी. वह हमें छोड़ देगा. इसलिए हमें खुद पर निर्भर रहना चाहिए.
वहीं, नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राजनयिक ने कहा कि नया नक्शा अपनाने का समय संदिग्ध लगता है कि क्या नेपाल किसी दुश्मन देश के हाथों में खेल रहा है. यदि ऐसा है, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.