नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रकाश सिंह ने गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस विकास दुबे को लाने के लिए फुल प्रूफ वाहन का बंदोबस्त करती तो इस तरह की घटना नहीं होती.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए प्रकाश सिंह ने कहा कि एनकाउंटर के तथ्य पता नहीं हैं, केवल जांच के बाद यह पता चल पाएगा कि पुलिस जो कह रही है उसमें सच्चाई है या नहीं.
उन्होंने कहा, 'इस समय, मैं केवल यह कह सकता हूं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि हम उम्मीद कर रहे थे कि कानपुर मुठभेड़ मामले में विकास दुबे से पूछताछ होगी और फिर वो उन सभी लोगों के नाम बताएगा जो उससे जुड़े हुए थे और उसे संरक्षण दे रहे थे और उसका वित्तपोषण कर रहे थे.'
निर्भया कांड के दोषियों की तरह उत्तर प्रदेश पुलिस भी मुकदमा चलाकर उसे मौत की सजा दिला सकती है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि उन्होंने (पुलिस) अपने वाहन की फुल प्रूफ व्यवस्था की होती, तो इस तरह का हादसा नहीं होता. मेरा मानना है कि इस तरह के एनकाउंटर की कोई जरूरत नहीं पड़ती, जो हुआ है.'
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हालांकि, पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने विकास दुबे के एनकाउंटर से जुड़े घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार किया. सिंह ने कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम के तथ्यों की जानकारी नहीं है और मुठभेड़ को लेकर अभी कोई टिप्पणी करना बहुत जल्दबाजी होगी.
बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकस दुबे का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. उस पर हत्या और हत्या के प्रयास सहित 60 आपराधिक मामले दर्ज थे. गत तीन जुलाई को कानपुर में एक मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे के हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. तब से वह फरार चल रहा था. मध्य प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर से उसे गिरफ्तार किया था.
कानपुर की घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अगल-अगल मुठभेड़ में विकास दुबे के पांच सहयोगियों का मार गिराया था. शुक्रवार की सुबह विकास दुबे भी एनकाउंटर में मारा गया.